नई दिल्ली: आयुष्मान भारत योजना के तहत नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले चार आरोपियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, तीन स्टाम्प, 4 मोबाइल फोन सहित अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं.
14 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई
आरोपियों की पहचान ज्ञान प्रकाश उर्फ ज्ञान नागर मोती महल, फरीदाबाद, ऋषि कांत निवासी सरस्वती एनक्लेव, गुरुग्राम, राम नारायण, प्रवीन कुमार निवासी हरियाणा के रूप में हुई है. फिलहाल आरोपियों से पता लगाया जा रहा है कि उनके ग्रुप में कितने लोग शामिल हैं.
नई दिल्ली जिले के डीसीपी मधुर वर्मा ने बताया कि पीड़ित सुरेंद्र कुमार ने14 अप्रैल को अपने साथ धोखाधड़ी होने की शिकायत दी थी.
नौकरी नहीं मिली
उन्होंने बताया था कि एक अखबार में विज्ञापन के तहत उन्हें आयुष्मान भारत योजना में नौकरी दिलाने के नाम पर जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने अखबार में दिए गए विज्ञापन में लिखे नंबर पर एसएमएस के द्वारा रिज्यूम सेंड किया गया था.
पीड़ित सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उसके बाद एक कुरियर आया. जिसमें डायरेक्ट जॉइनिंग की बात लिखी हुई थी. साथ ही ट्रेनिंग के लिए उनसे 12,500 मांगे गए. जिसके बाद जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने मामला दर्ज कराया.
बैंक अकाउंट के जरिए आरोपियों को पकड़ा गया
पुलिस ने बताया कि इस बाबत लगातार तफ्तीश जारी थी. पीड़ित ने जिस अकाउंट में पैसे डाले थे. उसकी लगातार जांच की जा रही थी और सर्विलांस के जरिए आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी, तभी ज्ञान प्रकाश के बारे में पता चला.
जिसके बाद उसे उसके घर से पकड़ लिया गया. उसकी निशानदेही पर उसके अन्य तीन साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि फिलहाल इस मामले में पूछताछ की जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है. अब तक उन्होंने ऐसे कितने लोगों को ठगी के जाल में फंसाया है.