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दिल्ली हाईकोर्ट ने हनुमान मंदिर तोड़े जाने पर लगाई रोक, पुलिस से स्थिति रिपोर्ट जमा कराने को कहा - दो मंजिला हनुमान मंदिर के तोड़े जाने पर रोक

उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा वजीराबाद रोड स्थित एक पुराने दो मंजिला हनुमान मंदिर के तोड़े जाने पर रोक लगा दी गई है. इस संबंध में प्रदीप कुमार शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई 9 अगस्त को करेगा. वहीं, पुलिस से इस मामले में स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है.

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Published : May 13, 2023, 6:58 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा वजीराबाद रोड स्थित एक पुराने दो मंजिला हनुमान मंदिर के तोड़े जाने पर रोक लगा दी है. जानकारी के मुताबिक इस रोड पर पिछले कई दिनों से दिल्ली मेट्रो की नई लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है. इसे यातायात के लिए सुगम बनाने के लिए इसका चौड़ीकरण किया जा रहा है. इस रोड पर दोनों तरफ काफी साल पुराने हनुमान मंदिर और चांद बाबा की मजार बनी हुई है, जिनको यहां से हटाने की चर्चा हो रही है ताकि लंबित पड़े कार्य में तेजी आ सके.

बता दें, गत 3 मई को लोक निर्माण विभाग ने मंदिर पर नोटिस चस्पा कर हटाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला ने लोक निर्माण विभाग द्वारा 03 मई को जारी एक पत्र के संदर्भ में फिलहाल रोक लगा दिया है. हनुमान मंदिर को हटाए जाने के मुद्दे पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है. बता दें, दिल्ली सरकार और लोक निर्माण विभाग को मंदिर गिराने या खाली करने से रोकने की मांग संबंधी याचिका प्रदीप कुमार शर्मा ने दायर की थी.

प्रदीप ने अदालत को बताया कि सरकारी रिकॉर्ड और जानकारी के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1940 से पहले किया गया था और पिछले 60 से अधिक वर्षों से उनके परिवार द्वारा इसकी देखभाल और रखरखाव किया जा रहा है. पीडब्ल्यूडी द्वारा शर्मा को जारी नोटिस में कहा गया है कि धार्मिक ढांचा सरकारी भूमि पर बनाया गया है और इस प्रकार इसे अनधिकृत निर्माण माना जाएगा. नोटिस के मुताबिक मंदिर के रखवालों को 15 मई तक जगह खाली करने का समय दिया गया था. ऐसा न करने पर दिल्ली सरकार और लोक निर्माण विभाग ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. यह भी दावा किया गया कि मंदिर के कारण क्षेत्र में यातायात संबंधी समस्याएं हैं.

ये भी पढ़ेंः Karnataka Election 2023 : क्या कर्नाटक सरकार बनने में जेडीएस की भूमिका होगी अहम?

याचिका में आगे के विचार और कार्रवाई के लिए मामले को धार्मिक समिति को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. इसमें यह भी कहा गया है कि एक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त की जाए ताकि क्या मंदिर संबंधित क्षेत्र में यातायात की भीड़ पैदा कर रहा है? सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि विवाद को सुलझाने के लिए कोई बैठक हो सकती है तो निर्देश लेने के लिए समय दिया जाए.

ये भी पढ़ेंः Karnataka Result 2023 : सीएम और कैबिनेट मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर, इन निर्वाचन क्षेत्रों पर रहेगी नजर

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा वजीराबाद रोड स्थित एक पुराने दो मंजिला हनुमान मंदिर के तोड़े जाने पर रोक लगा दी है. जानकारी के मुताबिक इस रोड पर पिछले कई दिनों से दिल्ली मेट्रो की नई लाइन का निर्माण कार्य चल रहा है. इसे यातायात के लिए सुगम बनाने के लिए इसका चौड़ीकरण किया जा रहा है. इस रोड पर दोनों तरफ काफी साल पुराने हनुमान मंदिर और चांद बाबा की मजार बनी हुई है, जिनको यहां से हटाने की चर्चा हो रही है ताकि लंबित पड़े कार्य में तेजी आ सके.

बता दें, गत 3 मई को लोक निर्माण विभाग ने मंदिर पर नोटिस चस्पा कर हटाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला ने लोक निर्माण विभाग द्वारा 03 मई को जारी एक पत्र के संदर्भ में फिलहाल रोक लगा दिया है. हनुमान मंदिर को हटाए जाने के मुद्दे पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है. बता दें, दिल्ली सरकार और लोक निर्माण विभाग को मंदिर गिराने या खाली करने से रोकने की मांग संबंधी याचिका प्रदीप कुमार शर्मा ने दायर की थी.

प्रदीप ने अदालत को बताया कि सरकारी रिकॉर्ड और जानकारी के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1940 से पहले किया गया था और पिछले 60 से अधिक वर्षों से उनके परिवार द्वारा इसकी देखभाल और रखरखाव किया जा रहा है. पीडब्ल्यूडी द्वारा शर्मा को जारी नोटिस में कहा गया है कि धार्मिक ढांचा सरकारी भूमि पर बनाया गया है और इस प्रकार इसे अनधिकृत निर्माण माना जाएगा. नोटिस के मुताबिक मंदिर के रखवालों को 15 मई तक जगह खाली करने का समय दिया गया था. ऐसा न करने पर दिल्ली सरकार और लोक निर्माण विभाग ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. यह भी दावा किया गया कि मंदिर के कारण क्षेत्र में यातायात संबंधी समस्याएं हैं.

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याचिका में आगे के विचार और कार्रवाई के लिए मामले को धार्मिक समिति को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. इसमें यह भी कहा गया है कि एक कोर्ट कमिश्नर नियुक्त की जाए ताकि क्या मंदिर संबंधित क्षेत्र में यातायात की भीड़ पैदा कर रहा है? सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि विवाद को सुलझाने के लिए कोई बैठक हो सकती है तो निर्देश लेने के लिए समय दिया जाए.

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