नई दिल्ली: बाहरी दिल्ली के मोहम्मदपुर मंजरी गांव की एक किसान की बेटी ने यूपीएससी पास करके माता-पिता के साथ गांव वालों का सीना भी गर्व से चौड़ा कर दिया है. बेटी के घर लौटने पर गांववासियों ने आईएस बनी नतिशा का ढोल नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया.
'10-10 घंटे लगातार करती थी पढ़ाई'
दिल्ली देहात के गांव की लड़की नतिशा ने यूपीएससी के लिए दिन रात मेहनत की और 351वां रैंक हासिल कर आईएस अफसर बन गईं. नतिशा के माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी के 10-10 घंटे लगातार पढ़ाई करने के चलते ही वो गांव की पहली आईएस बनी है.
'DU में भी द्वितीय स्थान कर चुकी हैं हासिल'
शुरुआत में नतिशा ने गांव से पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए पीतमपुरा तक रोज सफर करके सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में पॉलिटिकल ऑनर्स में एडमिशन लिया. जहां यूनिवर्सिटी में द्वितीय स्थान हासिल किया था. यहां भी नतिशा रोज गांव से पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए पहुंचती थी.
'नतिशा करेगी गांव के बच्चों का मार्गदर्शन'
नतिशा के पिता एक किसान हैं और माता जी गृहणी हैं. नतीशा का एक छोटा भाई है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. नतिशा के माता पिता बताते हैं कि परिवार में किसी ने भी यह परीक्षा पास करना तो दूर, कभी इस तरह की परीक्षाओं की तैयारी तक भी नहीं की थी.
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि नतिशा एक मार्गदर्शन का काम करेगी. नतिशा के यूपीएससी उत्तीर्ण करने पर गांव और आसपास के बच्चे और बच्चियां भी अच्छे से पढ़ाई करेंगे, ताकि वो भी इसी तरह की परीक्षाओं को उत्तीर्ण कर पाएं.