नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने द्वारका मोड़ इलाके से एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. कॉल सेंटर संचालक पर आरोप है कि वह विभिन्न बैंक का अधिकारी बनकर ग्राहकों को चूना लगामे का काम करता था. इस पूरे मामले में 3 महिला सहित आठ आरोपियों को साइबर क्राइम यूनिट ने गिरफ्तार किया है.
यह है पूरा मामला
साइबर क्राइम यूनिट के डीसीपी अनेश राय ने बताया कि रजत टंडन नामक युवक ने साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत की थी कि उनके पिता के खाते से 64680 रुपए गायब कर दिए गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी आदित्य गौतम की देखरेख में एसआई बिजेंदर, सुनील के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. जो इस पूरे मामले की जांच कर रही थी. जांच के दौरान में पता चला कि द्वारका मोड़ इलाके में एक कॉल सेंटर चल रहा है जो लोगों को फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ठगने की कोशिश कर रहे हैं
कॉल सेंटर में किया था काम
छापेमारी के दौरान इस पूरे गिरोह का मुख्य आरोपी अनिल सिंह उम्र 27 साल सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें 3 महिला भी शामिल है. डीसीपी अनेश राय ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपी मध्यम आय वर्ग के हैं. पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी अनिल ने बताया कि उसने कुछ दिन एक कॉल सेंटर में काम किया है, जहां से उसे टेली कॉलिंग का अनुभव मिला.
महिला टेलीकॉलर की लेते थे सहायता
डीसीपी अनेश राय ने बताया कि पकड़े गए सभी आरोपी इतने शातिर हैं कि लोगों को फंसाने के लिए यह महिलाओं का सहारा लेते थे. लोगों को कोई शक ना हो इसलिए यह लोगों की पहले महिला से बात कराते थे. उसके बाद महिला किसी सीनियर अधिकारी का नाम लेकर फोन दूसरे आरोपी को ट्रांसफर कर देती थी. धोखाधड़ी करने के बाद सभी आरोपी ठगी का शिकार लोगों के नंबर ब्लॉक कर देते थे और पैसे को E-Wallet के माध्यम से बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था. जहां से आरोपी एटीएम के माध्यम से उसे निकाल लेते थे. पूछताछ के दौरान पता चला कि यह कॉल सेंटर लगभग 6 महीने से चल रहा था और अब तक लगभग 650 लोगों को यह गैंग अपना शिकार बना चुका हैं.