नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) में आम आदमी पार्टी के 17 प्रत्याशियों को 500 से भी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के 9 प्रत्याशियों की जीत ने आप को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. नहीं तो यह बढ़त 134 से बढ़कर 160 सीटों तक हो सकती थी. साथ ही निगम चुनाव में 15 सालों के एकछत्र राज के बाद बीजेपी 100 से भी कम सीटों पर सिमट कर रह जाती. साल 2022 के निगम चुनाव में भले ही कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम हुआ है, लेकिन आम आदमी पार्टी की जीत में बड़ा रोड़ा साबित हुई है.
साल 2017 के निगम चुनाव की तुलना में 2022 में कांग्रेस के प्रदर्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई. 2017 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 21.09% से गिरकर 11.68% पर पहुंचा. 2017 के चुनाव में कांग्रेस के 31 निगम पार्षद थे, लेकिन 2022 में 9 ही बचे हैं. कांग्रेस दिल्ली निगम चुनाव में 51 सीटों पर आम आदमी पार्टी की बड़ी हार की वजह बनी है, जिससे कांग्रेस को मिली बढ़त के बाद इन सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है.
दिल्ली निगम निगम के 51 सीटें, जहां पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही थी. निगम चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर खुद के लिए ज्यादा वोट हासिल किए. कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के बूते ही बीजेपी और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के जीत का अंतर कम कर दिया. बुराड़ी सीट पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर थी. भाजपा के प्रत्याशी अनिल त्यागी को 18,314 वोट पड़े और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी आशीष त्यागी को 18,141 वोट पड़े. दोनों प्रत्याशियों की हार का अंतर महज 173 वोट रहा. जबकि कांग्रेस का प्रत्याशी नितिन त्यागी भी 2,272 वोट लेने में कामयाब रहा. इसका असर आम आदमी पार्टी के वोट बैंक पर पड़ा और उसके प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा.
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शकूरपुर वार्ड में बीजेपी के प्रत्याशी को 12,265 वोट पड़े, जबकि आप को 12,161 वोट पड़े तो कांग्रेस के प्रत्याशी 5,613 वोट लेने में कामयाब रहे. यदि यह वोट भी आम आदमी पार्टी के खाते में जाता तो यहां से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को आसान जीत मिल सकती थी. दिल्ली में ऐसे 51 वार्ड हैं, जहां पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की हार निश्चित की है या उनके हार के अंतर को कम कर दिया. जिससे आप की बढ़त पर ब्रेक तो लगी ही और उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा.