नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े कोचिंग हब मुखर्जी नगर में सैकड़ों कोचिंग सेन्टर है. जहां फायर सेफ्टी सुरक्षा नार्मस को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चलाये जा रहे हैं. यहां लाखों की संख्या में छात्र सिविल सर्विसेज और दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आकर कोचिंग करते हैं. लेकिन जिन कोचिंग सेंटर में इन्हें कोचिंग दी जाती है वहां बेहद संकरी और सिंगल सीढ़ियां है.
मुखर्जी नगर के बहुमंजिला कोचिंग सेटरों में रोज हजारों की संख्या में छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए क्लास लेने आते हैं. इसके लिए इनसे फीस के रूप में मोटी रकम भी वसूली जाती है. यहां के छात्रों के अनुसार अगर कोई हादसा होता है तो सूरत के हादसे से भी बड़ा नुकसान हो सकता है.
सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति
मुखर्जी नगर में इस तरह की इमारतों की होड़ लगी है, जहां सुरक्षा और फायर सेफ्टी नार्मस को ताक पर रख कर धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर चलाये जाते हैं. वो भी 3 से 4 मंजिला इमारत में जहां एक समय में एक क्लास के लिए 300 से 400 बच्चे कोचिंग क्लास लेते हैं.
लेकिन इन इमारतों में कहीं भी फायर इक्युपमेंट नहीं लगा होता है, कुछ में लगा भी है तो सिर्फ खानापूर्ति के लिए लगे हैं. कई जगहों पर तो अंदर से इमारत की हालत बेहद ही खराब है. जिसके लिए लोकल सर्विसिस भी जिम्मेवार है. जो ऐसी हालत में कोंचिंग सेंटर चलाने की अनुमति देते हैं.