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मुखर्जी नगर में कोचिंग सेटरों की हालत बेहद खराब, कभी भी घट सकती है बड़ी घटना

मुखर्जी नगर में सैकड़ों कोचिंग सेन्टर है. जहां फायर सेफ्टी सुरक्षा नार्मस को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चलाये जा रहे हैं. यहां के छात्रों के अनुसार अगर कोई हादसा होता है तो सूरत के हादसे से भी बड़ा नुकसान हो सकता है.

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Published : May 25, 2019, 7:59 PM IST

मुखर्जी नगर

नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े कोचिंग हब मुखर्जी नगर में सैकड़ों कोचिंग सेन्टर है. जहां फायर सेफ्टी सुरक्षा नार्मस को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चलाये जा रहे हैं. यहां लाखों की संख्या में छात्र सिविल सर्विसेज और दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आकर कोचिंग करते हैं. लेकिन जिन कोचिंग सेंटर में इन्हें कोचिंग दी जाती है वहां बेहद संकरी और सिंगल सीढ़ियां है.

कोचिंग हब मुखर्जी नगर में सैकड़ों कोचिंग सेन्टर

मुखर्जी नगर के बहुमंजिला कोचिंग सेटरों में रोज हजारों की संख्या में छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए क्लास लेने आते हैं. इसके लिए इनसे फीस के रूप में मोटी रकम भी वसूली जाती है. यहां के छात्रों के अनुसार अगर कोई हादसा होता है तो सूरत के हादसे से भी बड़ा नुकसान हो सकता है.

सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति
मुखर्जी नगर में इस तरह की इमारतों की होड़ लगी है, जहां सुरक्षा और फायर सेफ्टी नार्मस को ताक पर रख कर धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर चलाये जाते हैं. वो भी 3 से 4 मंजिला इमारत में जहां एक समय में एक क्लास के लिए 300 से 400 बच्चे कोचिंग क्लास लेते हैं.


लेकिन इन इमारतों में कहीं भी फायर इक्युपमेंट नहीं लगा होता है, कुछ में लगा भी है तो सिर्फ खानापूर्ति के लिए लगे हैं. कई जगहों पर तो अंदर से इमारत की हालत बेहद ही खराब है. जिसके लिए लोकल सर्विसिस भी जिम्मेवार है. जो ऐसी हालत में कोंचिंग सेंटर चलाने की अनुमति देते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े कोचिंग हब मुखर्जी नगर में सैकड़ों कोचिंग सेन्टर है. जहां फायर सेफ्टी सुरक्षा नार्मस को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर चलाये जा रहे हैं. यहां लाखों की संख्या में छात्र सिविल सर्विसेज और दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आकर कोचिंग करते हैं. लेकिन जिन कोचिंग सेंटर में इन्हें कोचिंग दी जाती है वहां बेहद संकरी और सिंगल सीढ़ियां है.

कोचिंग हब मुखर्जी नगर में सैकड़ों कोचिंग सेन्टर

मुखर्जी नगर के बहुमंजिला कोचिंग सेटरों में रोज हजारों की संख्या में छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए क्लास लेने आते हैं. इसके लिए इनसे फीस के रूप में मोटी रकम भी वसूली जाती है. यहां के छात्रों के अनुसार अगर कोई हादसा होता है तो सूरत के हादसे से भी बड़ा नुकसान हो सकता है.

सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति
मुखर्जी नगर में इस तरह की इमारतों की होड़ लगी है, जहां सुरक्षा और फायर सेफ्टी नार्मस को ताक पर रख कर धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर चलाये जाते हैं. वो भी 3 से 4 मंजिला इमारत में जहां एक समय में एक क्लास के लिए 300 से 400 बच्चे कोचिंग क्लास लेते हैं.


लेकिन इन इमारतों में कहीं भी फायर इक्युपमेंट नहीं लगा होता है, कुछ में लगा भी है तो सिर्फ खानापूर्ति के लिए लगे हैं. कई जगहों पर तो अंदर से इमारत की हालत बेहद ही खराब है. जिसके लिए लोकल सर्विसिस भी जिम्मेवार है. जो ऐसी हालत में कोंचिंग सेंटर चलाने की अनुमति देते हैं.

नार्थवेस्ट दिल्ली, 

लोकेशन... मुखर्जी नगर ।

बाइट... छात्रों का वॉक्स पॉप और स्थानीय लोगों की 

feed.. ftp.. 15 may. Mukharji nagar coaching centers... 

स्टोरी ...दिल्ली के सबसे बड़ा कोचिंग हब मुखर्जी नगर में भी फायर सेफ्टी सुरक्षा नार्म को ताख पर रखकर चलाये जा रहे है सैकड़ो कोचिंग सेन्टर है । यहाँ  लाखो की संख्या में छात्र सिविल सर्विसेज औऱ दुसरे प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी के लिए आकर कोचिंग करते है । जिसके लिए उनसे अच्छी खासी रकम भी ली जाती है मगर जिन इमारतो में इन्हे कोचिंग दी जाती है वहाँ भी बेहद संकरी और सींगल सीढीयाँ  है । अगर यहां पर भी गुजरात के सुरत जैसा हादसा होता है तो बड़ी संख्या में जाने जा सकती है । 

सींगल और संकरी सिढीयाँ ये मुखर्जी नगर के बहुमंजिला कोचिंग सेटर की इमारत की है जहाँ रोज हजारो की संख्या में छात्र इसमें प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी के लिए क्लास लेने आते है । इनसे इसके लिए फीस के रूप में मोटी रकम भी वसूली जाती है। अगर यहाँ कोई हादसा या आगजनी आगजनी होती है गुजरात केेे सूरत से भी बड़ा नुकसान हो सकता है ये हम नही बल्की यहाँ पढने वाले उन छात्रो का ब्यान है ।

इस तरह की इमारतो की यहाँ होड़ लगी पडी है जहाँ सुरक्षा और फायर सेफ्टी नार्मस को ताख पर रख कर धड़ले से कोचिंग सेटर चलाये जाते है । वो भी 3 से 4 मजिला इमारत में जहाँ एक समय में एक क्लास के लिए 300 से 400 बच्चे कोचिंग क्लास लेते है । लेकिन इन इमारतो में कही भी फायर इक्युपमेंट नही लगा है कुछ में लगा भी है तो उनकी हालत देख आप खुद समझ सकते है कि सिर्फ खाना पूर्ती के लिए है ।

कई जगहों पर तो हमे अंदर से इमारत के निरीक्षण की अनुमती इस लिये नही मिली कि उसकी हालत बेहद ही खराब थी जिसके लिए लोकल सर्विसिस भी जिम्मेवार है क्योकी अगर ऐसी स्थिति है तो यहाँ कैसे कोंचिंग सेंटर चलाने की अनुमती दी गई  है या तो बिना फायर सेफ्टी के चलाये जा रहे है । 

Amit Tyagi etv bharat delhi..

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