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नॉर्थ MCD: कमिश्नर वर्षा जोशी को बताया नाकाबिल, जमकर लगे आरोप - रविंद्र भारद्वाज

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बजट सत्र में आर्थिक बदहाली का ठीकरा कमिश्नर के सिर फोड़ा गया. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने कमिश्नर पर जमकर आरोप लगाए.

Commissioner Varsha Joshi
कमिश्नर वर्षा जोशी
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Published : Dec 3, 2019, 8:18 AM IST

Updated : Dec 3, 2019, 9:25 AM IST

नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बजट सत्र के पहले दिन कमिश्नर की योग्यता को लेकर सवाल उठे. विपक्ष ने अपना पक्ष सबसे पहले रखा, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र भारद्वाज ने बजट को पूर्णता बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि कमिश्नर वर्षा जोशी ने अपने कार्यकाल में निगम को आर्थिक बदहाली से निकालने के लिए कोई भी काम नहीं किया है.

कमिश्नर वर्षा जोशी को बताया नाकाबिल, जमकर लगे आरोप

इस वर्ष निगम उतना रिवेन्यू भी जेनरेट नहीं कर पाई, जिससे कि निगम के कर्मचारियों का वेतन जारी हो सके. अब हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि निगम अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पा रहा है.

कांग्रेस नेता ने लगाए आरोप

वहीं कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने कमिश्नर द्वारा पेश किए गए बजट पर एक लंबा चौड़ा भाषण पेश किया. जिसकी अवधि लगभग ढाई घंटे की थी. मुकेश गोयल ने अपने भाषण के दौरान कमिश्नर द्वारा पेश किए गए बजट के हर एक हिस्से के ऊपर अपनी प्रतिक्रिया दी और योग्यता पर कई सवाल खड़े कर दिए.

कमिश्नर पर फोड़ा ठीकरा

मुकेश गोयल ने अपने अभिभाषण के दौरान साफतौर पर कहा कि कमिश्नर की वजह से आज आर्थिक हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं. निगम अपने कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं दे पा रहा है. जहां से रिवेन्यू जनरेट करना था निगम को वहां से रिवेन्यू जनरेट नहीं हो पाया है. चाहे वो हाउस टैक्स हो या पार्किंग सेल या फिर दूसरी सुविधाएं.

मुकेश गोयल ने कहा-

जब निगम की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसी प्रकार के टैक्स को नहीं बढ़ाना चाहती, तो कमिश्नर वर्षा जोशी ने आखिर क्यों बजट के अंदर टैक्सों को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा? शिक्षा के क्षेत्र में पहले ही प्लान हेड का इतना सारा पैसा अनयूज्ड पड़ा है और तो और अब 1% अतिरिक्त सेस शिक्षा के लिए लगाने का फैसला लिया गया है. ये लोगों के ऊपर अतिरिक्त भार डालने जैसा है.

उन्होंने कहा कि जब कमिश्नर को पता है कि इस प्रकार के प्रस्ताव को पारित नहीं किया जाएगा तो उसे पेश करने का क्या औचित्य है. इससे साफ तौर पर साबित होता है कि कमिश्नर वर्षा जोशी निगम के कामकाज को सही तरीके से नहीं संभाल पा रही हैं. यही वजह है कि निगम आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है.

नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बजट सत्र के पहले दिन कमिश्नर की योग्यता को लेकर सवाल उठे. विपक्ष ने अपना पक्ष सबसे पहले रखा, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र भारद्वाज ने बजट को पूर्णता बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि कमिश्नर वर्षा जोशी ने अपने कार्यकाल में निगम को आर्थिक बदहाली से निकालने के लिए कोई भी काम नहीं किया है.

कमिश्नर वर्षा जोशी को बताया नाकाबिल, जमकर लगे आरोप

इस वर्ष निगम उतना रिवेन्यू भी जेनरेट नहीं कर पाई, जिससे कि निगम के कर्मचारियों का वेतन जारी हो सके. अब हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि निगम अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पा रहा है.

कांग्रेस नेता ने लगाए आरोप

वहीं कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने कमिश्नर द्वारा पेश किए गए बजट पर एक लंबा चौड़ा भाषण पेश किया. जिसकी अवधि लगभग ढाई घंटे की थी. मुकेश गोयल ने अपने भाषण के दौरान कमिश्नर द्वारा पेश किए गए बजट के हर एक हिस्से के ऊपर अपनी प्रतिक्रिया दी और योग्यता पर कई सवाल खड़े कर दिए.

कमिश्नर पर फोड़ा ठीकरा

मुकेश गोयल ने अपने अभिभाषण के दौरान साफतौर पर कहा कि कमिश्नर की वजह से आज आर्थिक हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं. निगम अपने कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं दे पा रहा है. जहां से रिवेन्यू जनरेट करना था निगम को वहां से रिवेन्यू जनरेट नहीं हो पाया है. चाहे वो हाउस टैक्स हो या पार्किंग सेल या फिर दूसरी सुविधाएं.

मुकेश गोयल ने कहा-

जब निगम की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसी प्रकार के टैक्स को नहीं बढ़ाना चाहती, तो कमिश्नर वर्षा जोशी ने आखिर क्यों बजट के अंदर टैक्सों को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा? शिक्षा के क्षेत्र में पहले ही प्लान हेड का इतना सारा पैसा अनयूज्ड पड़ा है और तो और अब 1% अतिरिक्त सेस शिक्षा के लिए लगाने का फैसला लिया गया है. ये लोगों के ऊपर अतिरिक्त भार डालने जैसा है.

उन्होंने कहा कि जब कमिश्नर को पता है कि इस प्रकार के प्रस्ताव को पारित नहीं किया जाएगा तो उसे पेश करने का क्या औचित्य है. इससे साफ तौर पर साबित होता है कि कमिश्नर वर्षा जोशी निगम के कामकाज को सही तरीके से नहीं संभाल पा रही हैं. यही वजह है कि निगम आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है.

Intro:सिविक सेंटर,नई दिल्ली

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बजट सत्र के पहले दिन निगम की आर्थिक बदहाली का ठीकरा फूटा कमिश्नर के सर, आप और कांग्रेस ने जमकर लगाया आरोप, रिवेन्यू जनरेट करने के लिए निगम ने नहीं करा कुछ भी,अपनी बकाया राशि वसूलने में निगम पूर्णत विफल, निगम में बड़े स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार आर्थिक बदहाली का बड़ा कारण


Body:बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक बदहाली को लेकर कमिश्नर की योग्यता पर उठे सवाल

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बजट सत्र का आज पहला दिन था. जिसमें कमिश्नर की योग्यता को लेकर सवाल उठे.आपको बता दे आज बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष ने अपना पक्ष सबसे पहले रखा जिसमे आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र भारद्वाज ने अपना पक्ष रखते हुए बजट को पूर्णता बेबुनियाद बताया. ओर कहा कि कमिश्नर वर्षा जोशी ने अपने कार्यकाल में निगम को आर्थिक बदहाली से निकालने के लिए कोई भी काम नहीं किया है.

इस वर्ष निगम उतना रिवेन्यू भी जेनरेट नहीं कर पाई जिससे कि निगम के कर्मचारियों का वेतन जारी हो सके. और अब हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं, कि निगम अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पा रहा है.

वहीं कांग्रेस के नेता मुकेश गोयल ने कमिश्नर द्वारा पेश किए गए बजट के ऊपर आज एक लंबा चौड़ा भाषण पेश किया जिसकी अवधि लगभग ढाई घंटे की थी.मुकेश गोयल ने अपने भाषण के दौरान कमिश्नर व द्वारा पेश किए गए बजट के हर एक हिस्से के ऊपर अपनी प्रतिक्रिया दी और कमिश्नर की योग्यता के ऊपर कई सवाल खड़े कर दिए।

मुकेश गोयल ने अपने अभिभाषण के दौरान साफ तौर पर कहा कि निगम की कमिश्नर की वजह से आज आर्थिक हालात इतने ज्यादा खराब हो चुके हैं.निगम के कि अपने कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं दे पा रहा है.जहां से रिवेन्यू जनरेट करना था निगम को वहां से रिवेन्यू जनरेट नहीं हो पाया है.चाहे वह हाउस टैक्स ही या वह पार्किंग सेल हो या दूसरी सुविधाएं.जब निगम कि सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसी प्रकार के टैक्स को नहीं बढ़ाना चाहती. तो कमिश्नर वर्षा जोशी ने आखिर क्यों बजट के अंदर टैक्सों को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, और नए टैक्स इंटरव्यूज करें.शिक्षा के क्षेत्र में पहले ही प्लान हेड का इतना सारा पैसा अनयूज़्ड पड़ा है और तो और अब 1% अतिरिक्त सेस शिक्षा के लिए लगाने का फैसला लिया गया है.यह लोगों के ऊपर अतिरिक्त भार डालने जैसा है.जब कमिश्नर को पता है कि इस प्रकार के प्रस्ताव को पारित नहीं किया जाएगा तो उसे पेश करने का क्या औचित्य है.इससे साफ तौर पर साबित होता है कि कमिश्नर वर्षा जोशी निगम के कामकाज को सही तरीके से नहीं संभाल पा रही है.यही वजह है कि निगम आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है।


Conclusion:कांग्रेस और आप नेताओं ने कमिश्नर के बजट को बताया बेबुनियाद वर्षा जोशी की योग्यता पर खड़े किए सवाल।
Last Updated : Dec 3, 2019, 9:25 AM IST
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