नई दिल्ली : दिल्ली भारत की राजधानी है. उसको साफ रखना हर दिल्ली वाले का कर्तव्य है, लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं देता है. यह जो तस्वीर है आप देख रहे हैं यह हैदरपुर नहर की है, जहां पर गंदगी इस कदर फैली हुई है कि लोगों का पास से गुजरना तक मुश्किल हो गया है.
वहीं दूसरी तरफ छोटे-छोटे बच्चे इस गंदगी में उतर कर कूड़ा बीन रहे हैं, जिससे वह अपने लिए दो वक्त की रोटी के लिए कुछ पैसों का बंदोबस्त कर सकें. गंदगी साफ करने के लिए सरकारें बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत सरकारी दावों की पोल खोल कर रख देते हैं.
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एक तो लोग कोरोना महामारी से परेशान हैं, वहीं दूसरी तरफ यह गंदगी जिसके कारण लोगों को बीमारियों का डर बना हुआ है. स्थानीय कहते हैं कि इस गंदगी को साफ करने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. साथ ही साथ इन बच्चों के माता-पिता को रोजगार देना चाहिए, जिससे यह बच्चे इस गंदगी में न उतरें, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है.
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राजधानी दिल्ली में कई जगहों पर इसी तरीके की तस्वीरें दिखाई देती हैं. गंदगी का अंबार कई जगहों पर लगा हुआ है. शालीमार बाग इलाके के हैदरपुर नहर के पास भी इसी तरीके से गंदगी देखने को मिलती है. यहां से आने-जाने वाले लोग भी इस कारण से परेशान हैं. हैरानी की बात यह है कि आम जनता को तो यह गंदगी दिखाई दे रही है, लेकिन जिसके कंधों पर गंदगी को साफ करने की जिम्मेदारी है. वह लोग इन इलाकों के सामने से गुजरने के बाद भी शायद आंख मूंद लेते हैं.
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कुल मिलाकर गंदगी से लोग परेशान हैं. बच्चे नहर की गंदगी में जिंदगी बिता रहे हैं. न तो जनप्रतिनिधियों का इस ओर कोई ध्यान है न ही प्रशासन की तरफ से छोटे-छोटे बच्चों को अपनी जान से खिलवाड़ करने से रोकने के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है.
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