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मुख्यमंत्री केजरीवाल ने वजीरपुर में किया वृद्ध आश्रम का उद्घाटन

इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जताते हुए कहा कि समाज के लिए यह बहुत ही गलत बात है कि बच्चे अपने माता-पिता को भी अपने पास नहीं रख रहे. लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार उन सभी बुजुर्गों की जिम्मेदारी लेती है, जो किसी भी कारण से अपने घर से बेघर हो गए या कर दिया जाए .

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Published : Dec 29, 2019, 2:14 AM IST

Chief Minister Kejriwal inaugurated the old ashram in Wazirpur delhi
वृद्ध आश्रम का उद्घाटन

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव विजेता नजदीक आ चुके हैं कभी भी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है . इसी को देखते हुए उद्घाटन और शिलान्यास ओं का दौर भी तेज हो चला है. इस क्रम में दिल्ली सरकार द्वारा बनाए हुए वृद्ध आश्रम का उद्घाटन वजीरपुर इलाके में किया गया . इसमें खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस कार्यक्रम में पहुंचे और उन्होंने आश्रम का उद्घाटन किया.

केजरीवाल किया वृद्ध आश्रम का उद्घाटन

इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जताते हुए कहा कि समाज के लिए यह बहुत ही गलत बात है कि बच्चे अपने माता-पिता को भी अपने पास नहीं रख रहे. लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार उन सभी बुजुर्गों की जिम्मेदारी लेती है, जो किसी भी कारण से अपने घर से बेघर हो गए या कर दिया जाए .

वजीरपुर में वृद्ध आश्रम का उद्घाटन

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि बुढ़ापे में अगर हम माता-पिता का साथ नहीं रख सकते तो हम से बुरा इंसान कोई नहीं है. मां-बाप हमें पालने में बड़ा कष्ट उठाते हैं, अपना पेट काटकर हमें अच्छी रोटी और अच्छी शिक्षा देते हैं. लेकिन समाज में आजकल इस तरीके की सोच बढ़ती जा रही है कि उन्हीं माता पिता को जब बच्चों की जरूरत होती है, उस समय में बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता का साथ छोड़ देते हैं, जो कि समाज के लिए बेहद दुखद बात है .

केजरीवाल ने रखा राजनीतिक मर्यादा का ख्याल

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम होने के बावजूद भी नेता राजनीतिक भाषण देने से बाज नहीं आते है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री जब सरकारी कार्यक्रम में वजीरपुर इलाके में वर्धा आश्रम का उद्घाटन करने पहुंचे तो, वह बेहद मर्यादित भाषण में बिना किसी पार्टी पर तंज कसे हुए सिर्फ वृद्धों से संबंधित बातें ही बोलते हुए नजर आए . यहां उन्होंने वृद्धा आश्रम खोलने की खुशी जताई तो बड़ी संख्या में कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों को बेसहारा देखकर दुख भी जताया.

कुल मिलाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री भी समाज में यह संदेश देते हुए नजर आए की, कहीं ना कहीं अब बदलती हुई सोच में कमियां आती जा रही है. क्योंकि अगर बच्चे अपने माता-पिता को जरूरत के समय में अपने पास नहीं रख पा रहे तो, यह वाकई चिंता का विषय है.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव विजेता नजदीक आ चुके हैं कभी भी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है . इसी को देखते हुए उद्घाटन और शिलान्यास ओं का दौर भी तेज हो चला है. इस क्रम में दिल्ली सरकार द्वारा बनाए हुए वृद्ध आश्रम का उद्घाटन वजीरपुर इलाके में किया गया . इसमें खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस कार्यक्रम में पहुंचे और उन्होंने आश्रम का उद्घाटन किया.

केजरीवाल किया वृद्ध आश्रम का उद्घाटन

इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जताते हुए कहा कि समाज के लिए यह बहुत ही गलत बात है कि बच्चे अपने माता-पिता को भी अपने पास नहीं रख रहे. लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार उन सभी बुजुर्गों की जिम्मेदारी लेती है, जो किसी भी कारण से अपने घर से बेघर हो गए या कर दिया जाए .

वजीरपुर में वृद्ध आश्रम का उद्घाटन

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि बुढ़ापे में अगर हम माता-पिता का साथ नहीं रख सकते तो हम से बुरा इंसान कोई नहीं है. मां-बाप हमें पालने में बड़ा कष्ट उठाते हैं, अपना पेट काटकर हमें अच्छी रोटी और अच्छी शिक्षा देते हैं. लेकिन समाज में आजकल इस तरीके की सोच बढ़ती जा रही है कि उन्हीं माता पिता को जब बच्चों की जरूरत होती है, उस समय में बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता का साथ छोड़ देते हैं, जो कि समाज के लिए बेहद दुखद बात है .

केजरीवाल ने रखा राजनीतिक मर्यादा का ख्याल

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम होने के बावजूद भी नेता राजनीतिक भाषण देने से बाज नहीं आते है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री जब सरकारी कार्यक्रम में वजीरपुर इलाके में वर्धा आश्रम का उद्घाटन करने पहुंचे तो, वह बेहद मर्यादित भाषण में बिना किसी पार्टी पर तंज कसे हुए सिर्फ वृद्धों से संबंधित बातें ही बोलते हुए नजर आए . यहां उन्होंने वृद्धा आश्रम खोलने की खुशी जताई तो बड़ी संख्या में कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों को बेसहारा देखकर दुख भी जताया.

कुल मिलाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री भी समाज में यह संदेश देते हुए नजर आए की, कहीं ना कहीं अब बदलती हुई सोच में कमियां आती जा रही है. क्योंकि अगर बच्चे अपने माता-पिता को जरूरत के समय में अपने पास नहीं रख पा रहे तो, यह वाकई चिंता का विषय है.

Intro:दिल्ली के वजीरपुर विधानसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा वृद्धों के लिए वृद्धा आश्रम का उद्घाटन किया गया . आज पूरे पर्दा आश्रम के उद्घाटन को मिलाकर के दिल्ली में कुल दिल्ली सरकार के 3 वृद्धाश्रम हो गए हैं . जिसमें बेसहारा बुजुर्ग अपना जीवन यापन करते हैं . इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख जताते हुए कहा कि समाज के लिए यह बहुत ही गलत बात है कि बच्चे अपने माता-पिता को भी अपने पास नहीं रख रहे लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार उन सभी बुजुर्गों की जिम्मेदारी लेती है जो किसी भी कारण से अपने घर से बेघर हो गए या कर दिया जाए .


Body:वजीरपुर में वृद्ध आश्रम का उद्घाटन

राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव विजेता नजदीक आ चुके हैं कभी भी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है . इसी को देखते हुए उद्घाटन और शिलान्यास ओं का दौर भी तेज हो चला है आज दिल्ली सरकार द्वारा बनाए हुए वृद्ध आश्रम का उद्घाटन वजीरपुर इलाके में किया गया . इसमें खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस कार्यक्रम में पहुंचे और उन्होंने आश्रम का उद्घाटन किया मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बुढ़ापे में अगर हम माता-पिता का साथ नहीं रख सकते तो हम से बुरा इंसान कोई नहीं है . मां-बाप हमें पालने में बड़ा कष्ट उठाते हैं अपना पेट काटकर हमें अच्छी रोटी और अच्छी शिक्षा देते हैं लेकिन समाज में आजकल इस तरीके की सोच बढ़ती जा रही है कि उन्हीं माता पिता को जब बच्चों की जरूरत होती है उस समय में बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता का साथ छोड़ देते हैं जो कि समाज के लिए बेहद दुखद बात है .

केजरीवाल ने रखा सरकारी कार्यक्रम में राजनीतिक मर्यादा का ख्याल

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम होने के बावजूद भी नेता राजनीतिक भाषण देने से बाज नहीं आते लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री जब सरकारी कार्यक्रम में वजीरपुर इलाके में वर्धा आश्रम का उद्घाटन करने पहुंचे तो वह बेहद मर्यादित भाषण में बिना किसी पार्टी पर तंज कसे हुए सिर्फ वृद्धों से संबंधित बातें ही बोलते हुए नजर आए . यहां उन्होंने वृद्धा आश्रम खोलने की खुशी जताई तो बड़ी संख्या में कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों को बेसहारा देखकर दुख भी जताया


Conclusion:कुल मिलाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री भी समाज में यह संदेश देते हुए नजर आए की कहीं ना कहीं अब बदलती हुई सोच में कमियां आती जा रही क्योंकि अगर बच्चे अपने माता-पिता को जरूरत के समय में अपने पास नहीं रख पा रहे तो यह वाकई चिंता का विषय है



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