नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में बीते शुक्रवार को हुई शूटआउट की घटना के बाद अब कोर्ट के अंदर और बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. सोमवार को सप्ताह के पहले वर्किंग डे पर चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात दिखाई दी. पुलिस के जवान आने-जाने वाले सभी लोगों की फिजिकल चेकिंग के बाद ही अंदर प्रवेश दे रहे थे.
शुक्रवार को कोर्ट नंबर 207 के अंदर वकीलों की ड्रेस पहने हुए दो बदमाशों ने जितेंद्र मान उर्फ गोगी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. वहां तैनात सुरक्षा जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई में उन दोनों बदमाशों को ढेर कर दिया था. दिनदहाड़े कोर्ट रूम में हुई गोलीबारी से पूरा रोहिणी कोर्ट गूंज उठा था. इस पूरी वारदात से सवाल यह खड़ा हुआ कि आखिर दोनों बदमाश हथियार लेकर कोर्ट के अंदर दाखिल कैसे हुए.
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सवाल रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा-व्यवस्था पर खड़े हुए तो रविवार शाम को पुलिस कमिश्नर ने भी कोर्ट का दौरा किया. आज उस वारदात के बाद पहले वर्किंग-डे में रोहिणी कोर्ट के सभी गेटों पर चाक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था कर दी गई. चाहे आम व्यक्ति हो या फिर वकील सभी की फिजिकल चेकिंग की जा रही है.
वकीलों के आई कार्ड देखे जा रहे हैं. रोहिणी शूटआउट सामने से बाद से ही रोहिणी कोर्ट में पुलिस के आला अधिकारियों के आने-जाने का सिलसिला जारी है. आज उसी के फलस्वरूप रोहिणी कोर्ट के सभी गेटों पर कड़ी सुरक्षा दिखाई दे रही है.
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कोर्ट में आने वाले हर व्यक्ति से उनके आईडी प्रूफ चेक किये जा रहे हैं. यदि कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल में आईडी प्रूफ दिखाता है तो उन लोगों की कोर्ट में इंट्री नहीं दी जा रही है. उनके पास आईडी प्रूफ आधार कार्ड, पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और पैन कार्ड है तो उन्हीं लोगों की कोर्ट के इंट्री अंदर दी जा रही है. कोर्ट के चारों तरफ पुलिस कर्मी तैनात हैं और कोर्ट के अंदर जाने वाले लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई तस्वीरों में भी साफ देखा जा सकता है. गेट नंबर पांच से गेट नंबर चार तक एक लंबी कतार कोर्ट के अंदर जाने वाले लोगों की लगी हुई है, जिसमें आम जनता के साथ-साथ वकील भी शामिल हैं.
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हालांकि सवाल अब भी वही है कि सबसे सुरक्षित जगह कही जाने वाली रोहिणी कोर्ट के अंदर बदमाश हथियार लेकर दाखिल हुए कोर्ट रूम तक पहुंचे कैसे और सुनियोजित तरीके से ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर जितेंद्र मान उर्फ गोगी को मौत के घाट उतार दिया. यह साफ कहा जा सकता है कि अगर आज जैसी सुरक्षा-व्यवस्था उस दिन और हर वक्त होती तो शायद शूटआउट जैसी वारदात को अंजाम नहीं दिया जाता और बदमाश अपने मंसूबों में कामयाब ना होते.