नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति के आधिकारिक आवास के साथ में बनाई जा रही 39 मंजिला इमारत को लेकर एबीवीपी और डीयू छात्रसंघ ने जोरदार विरोध किया. इस दौरान उन्होंने छात्रा मार्ग भी जाम कर दिया. वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि इस इमारत के निर्माण से होस्टल में रहने वाली छात्राओं की निजता छिनने का डर है. साथ ही उन्होंने मांग की है कि निर्माणाधीन इस इमारत पर तत्काल रूप से रोक लगाई जाए और इस बहुमंजिला इमारत की जगह छात्राओं के लिए एक नया होस्टल बनवाया जाए.
'छात्र इस अतिक्रमण के विरोध में एकजुट है'
वहीं इस प्रदर्शन को लेकर डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा कि इस तरह निजी बिल्डरों द्वारा कॉलेज के साथ में बहुमंजिला इमारत का निर्माण कार्य सरकारी जमीन पर निजी कंपनियों का अतिक्रमण है और डीयू से जुड़ा हर छात्र इस अतिक्रमण के विरोध में एकजुट है. वहीं उन्होंने डीयू के एलुमिनाई, डूटा, कर्मचारी यूनियन आदि से इस विरोध में साथ खड़े होने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि इस इमारत का निर्माण कार्य नहीं रुकता तो डूसू इसे रोकने के लिए बड़ा आंदोलन करेगी.
वहीं एबीवीपी के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने इस विरोध को डीयू के हर सदस्य का संघर्ष बताया है. वहीं उन्होंने बताया कि जिस जमीन पर निर्माण कार्य किया जा रहा है. वह सरकारी ज़मीन है जिसे रक्षा मंत्रालय द्वारा डीएमआरसी को ट्रांसफर कर दिया गया था. जिससे इसका उपयोग सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए किया जा सके.
डीएमआरसी पर आरोप लगाए
सिद्धार्थ यादव ने डीएमआरसी पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निजी हित देखते हुए डीएमआरसी ने यह सरकारी जमीन बिना रक्षा मंत्रालय के संज्ञान के एक निजी बिल्डर को बेच दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि एबीवीपी की ओर से जल्दी ही एक प्रतिनिधिमंडल (नार्थ दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन (एनडीएमसी) के महापौर से मुलाकात कर अपनी मांगों को उनके समक्ष रखेगा.
बता दें कि निजी बिल्डर द्वारा 39 मंजिला इमारत के निर्माण और सरकारी ज़मीन के अवैध हस्तांतरण के विरुद्ध एबीवीपी और डूसू ने आर्ट फैकल्टी पर इकट्ठा होकर निर्माणाधीन स्थल तक मार्च निकाला. इस दौरान उन्होंने छात्रा मार्ग को भी जाम कर दिया.