नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम में लगातार विवाद बढ़ते ही जा रहे हैं और इन्हीं विवादों के चलते निगम का लगातार तीसरा सत्र भी सफलतापूर्वक नहीं चल पाया है.
कांग्रेस नेता ने लगाए आरोप
कांग्रेस के मुकेश गोयल ने कहा कि पिछले 2 से 3 महीनों में जितने भी निगम के सत्र हुए हैं. उन सभी सत्र में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षदों ने जबरदस्त तरीके से हंगामा किया है और किसी भी सत्र को नहीं चलने दिया है.
बीजेपी और AAP के पार्षदों की नूरा कुश्ती के बीच सत्र की कार्यवाही ना सिर्फ प्रभावित हो रही है बल्कि जनता की समस्याओं का भी कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है जो कि एक चिंताजनक बात है.
'जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं'
दोनों ही पार्टियों को आने वाले विधानसभा चुनाव से मतलब है, लेकिन जनता की समस्याओं की कोई चिंता नहीं है कोई भी जनता के लिए काम करना नहीं चाहता है.
जहां तक मेयर अवतार सिंह के निर्णय का सवाल है तो मैं कहूंगा की मेयर को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए था और बातचीत के जरिए AAP के पार्षदों को और समझाना चाहिए था.
बातचीत के जरिए हर एक समस्या का समाधान निकल सकता है. लेकिन मेयर की भी कुछ मजबूरी रही होगी जो उन्होंने AAP के सभी निगम पार्षदों को सस्पेंड किया और मार्शल को बल प्रयोग करने के आदेश दिए. लेकिन AAP के पार्षदों का विरोध प्रदर्शन और हंगामा करने तरीका बेहद शर्मनाक था और निगम के संविधान के विरुद्ध भी था.