नई दिल्लीः हर साल मई के पहले रविवार को वर्ल्ड लाफ्टर डे मनाया जाता है. आज विश्व हास्य दिवस है. इस दिन जगह-जगह हंसी को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. 'वर्ल्ड लाफ्टर डे' की थीम लोगों को हंसने और खुश रखने पर जोर देती है. हर काम हंसी-हंसी करने से जिंदगी तो अच्छी लगने ही लगती है, साथ ही कई बीमारियां भी अपने आप छू-मंतर हो जाती है. मनोवैज्ञानिक प्रयोगों से यह स्पष्ट हुआ है कि अधिक हंसने वाले बच्चे अधिक बुद्धिमान होते हैं. हंसना सभी के शारीरिक और मानसिक विकास में अत्यंत सहायक है.
पश्चिमी दिल्ली के एक पार्क में कुछ घरेलू महिलाओं द्वारा सुबह हास्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में महिलाओं ने एक दूसरे को जोक सुनाए और हास्य योग किया. कार्यक्रम में आई महिलाओं ने बताया कि घरेलू काम की भागदौड़ में वह हंसना भूल जाती हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से उनको हंसने के उद्देश्य और महत्व के बारे में जानने को मिला.
कब हुई हास्य दिवस की शुरुआत?
आप को जानकर खुशी होगी कि वर्ल्ड लाफ्टर डे की शुरुआत भारत में हुई. सबसे पहले 10 मई 1998 को मुंबई में इसे मनाया गया था. विश्व हास्य दिवस की शुरुआत हंसी योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया ने की थी. तब से हर साल मई के पहले रविवार को वर्ल्ड लाफ्टर डे के रूप में मनाया जाने लगा. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में हंसी के माध्यम से आपसी प्यार और मेलजोल को बढ़ावा देना है.
हास्य दिवस का उद्देश्य
विश्व हास्य दिवस की शुरुआत विश्व में शांति की स्थापना और मानवमात्र में भाईचारे और सदभाव के उद्देश्य से की गई है. इस दिवस की लोकप्रियता 'हास्य योग आंदोलन' के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल गई. आज पूरे विश्व में 6,000 से भी अधिक हास्य क्लब हैं. इस मौके पर देश और विदेश के प्रमख शहरों में रैलियां, हास्य प्रतियोगिताएं एवं सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है. हास्य मनुष्य के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. जब व्यक्ति समूह में हंसता है, तो यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाता है और क्षेत्र से नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है.
हंसना जरूरी है
आपके पास दो विकल्प हैं, एक ऐसे लोगों के साथ रहने का है, जो धीर-गंभीर और बोझिलता से भरा हो, दूसरा विकल्प है एक जिंदादिल इंसान के साथ रहने का. आप किसे चुनना पसंद करेंगे? जाहिर है कि दूसरा विकल्प ज्यादा पसंद आएगा, क्योंकि कहा ही जाता है कि जिदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं. इसीलिए हंसना बहुत जरूरी है. विश्व भर में एक दिन हंसने के नाम समर्पित है. हंसना एक मानवीय लक्षण है. सृष्टि का कोई भी जीवधारी नहीं हंसता. मनुष्य ही हंसने वाले प्राणी है. जीवन में निरोगी रहने के लिए हमेशा मुस्कुराते रहना चाहिए. खाना खाते समय मुस्कुराइए, आपको महसूस होगा कि खाना अब अधिक स्वादिष्ट लग रहा है.
लाभ
मनोवैज्ञानिक प्रयोगों से यह स्पष्ट हुआ है कि हंसने के कई लाभ हैं. हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है, जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपर्ण बनाने के सभी तत्त्व उपस्थित रहते हैं. हंसने से तमाम बीमारियां अपने आप छूमंतर हो जाती है. इतना ही नहीं अधिक हंसने वाले बच्चे अधिक बुद्धिमान होते हैं. हंसना सभी के शारीरिक और मानसिक विकास में अत्यंत सहायक है. बता दें कि मानव शरीर में पेट और छाती के बीच में एक डायफ्राम होता है, जो हंसते समय धुकधुकी का कार्य करता है. फलस्वरूप पेट, फेफड़े और यकृत की मालिश हो जाती है.
अब बारी कुछ जोक्स की...
1. मीनू- तुम्हारी बेटी की सगाई को पूरे 2 साल हो गए हैं, विवाह में इतनी देरी क्यूं?
टीनू- दरअसल, लड़का एक वकील है. जैसे ही विवाह की तारीख पास आती है. वह कोई ना कोई बहाना करके तारीख आगे बढ़ा देता है.
2. दामाद- आपकी बेटी में तो हजारों कमियां हैं.
सास- हां बेटा, इसी वजह से तो उसे अच्छा लड़का नहीं मिला.
3. मास्टर जी- तुमने कभी कोई नेक काम किया है?
टोलू- हां सर, किया है!
मास्टर- कौन सा?
टोलू- एक बार एक बुजुर्ग महिला आराम से घर जा रही थी, मैंने उनके पीछे कुत्ता लगा दिया, जल्दी घर पहुंच गईं.