नई दिल्ली/नोएडा: बिजली और पानी की समस्या को लेकर कुलेसरा गांव की महिलाओं ने जिला अधिकारी कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने श्रीराम कॉलोनी के घरों में बिजली कनेक्शन की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. महिलाओं ने बताया कि घरों में बिजली न होने से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. इसे लेकर कई बार उन्होंने पहले भी एनपीसीएल से शिकायत की लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया. इसके बाद शुक्रवार को उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय सूरजपुर पर आकर जिलाधिकारी को अपनी मांगों के लिए ज्ञापन सौंपा.
दरअसल, कुलेसरा गांव में डूब क्षेत्र में कई कालोनियां बनी हुई है और और उन में हजारों लोग वहां पर रहते हैं. कुछ दिन से बिजली विभाग ने श्रीराम कॉलोनी के कुछ मकानों के बिजली कनेक्शन काट दिए, जिसके बाद वहां पर लोगों को मूलभूत सुविधाएं बिजली और पानी न मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई घरों में चोरी की घटनाएं भी हो चुकी है. ऐसे में बिजली न आने से लोगों मे डर का माहौल बना हुआ है.
वहीं, लोगों का कहना है कि वहां पर कुछ घरों में बिजली के मीटर लगे हैं. जबकि, बाकी घरों में बिजली विभाग ने मीटर नहीं लगाए, जिसको लेकर कई बार उन्होंने विद्युत विभाग एनपीसीएल से मामले की शिकायत की है. उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण वहां की महिलाएं शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची और उन्होंने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी ज्ञापन सौंपा.
जिलाधिकारी कार्यालय पर बिजली पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कुलेसरा गांव मे मकानों की रजिस्ट्री करा कर प्लाट लिए है, जिसके बाद अब प्रशासन के अधिकारियों ने उसको डूब क्षेत्र घोषित कर दिया है, जिससे वहां पर बिजली के कनेक्शन नहीं दिए जा रहे. जबकि, वहां पर हजारों की संख्या में मकान बने हुए हैं और आधे से ज्यादा मकानों में बिजली के कनेक्शन के मीटर लगे हुए हैं. महिलाओं ने आरोप लगाया कि अगर प्रशासन को डूब क्षेत्र में कनेक्शन देने में समस्या है तो सभी के कनेक्शन हटाए जाएं या फिर सभी को बिजली के कनेक्शन दिए जाएं. इन्हीं मांगों को लेकर शुक्रवार को उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया.
अधिकारियों की मिलीभगत से भू माफियाओं ने बसाई कालोनियां: कुलेसरा के पास हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में अवैध कालोनियां बसाई गई. यह कालोनियां प्रशासन के अधिकारियों व भू माफियाओं की मिलीभगत के कारण कालोनियां बसाई गई, जिसके बाद वहां पर बिजली व पानी की सुविधाएं भी लोगों को दी गई. उसी को देखते हुए अन्य लोग भी वहां पर प्लॉट लेकर रहने लगे लेकिन अब प्रशासन ने इन कॉलोनियों को डूब क्षेत्र की जमीन बताकर लोगो को बिजली के कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं, जिनको लेकर वहां रहने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों का आरोप है कि अगर यह डूब क्षेत्र था तो फिर प्रशासन के अधिकारियों ने वहां पर रजिस्ट्री क्यों होने दी. अब जब वहां पर रजिस्ट्री होने के बाद कॉलोनी बनाई गई है तो उनको मूलभूत सुविधाएं भी दी जाए.
डूब क्षेत्र में रोक के बाद भी जमकर हुई प्लॉटों की रजिस्ट्री: प्रशासन ने डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री के ऊपर रोक लगाई थी, लेकिन प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से डूब क्षेत्र में भू-माफियाओ ने कालोनियां काट दी और लोगों को रजिस्ट्री कर सस्ती दरों पर प्लॉट दे दिए. इसी के साथ भू माफियाओं ने डूब क्षेत्र में कालोनियां काटी और वहां पर बिजली व पानी के कनेक्शन भी लोगों को दिए गए, जिसके बाद लोग सस्ती दरों पर उन कालोनियों में प्लॉट लेकर रहने लगे. लेकिन अब प्रशासन ने वहां पर बिजली के कनेक्शन देने बंद कर दिए, जिससे लोगों को बिजली व पानी ना मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उनका आरोप है कि अगर डूब क्षेत्र में कालोनियां काटने की अनुमति नहीं थी तो फिर प्लॉटों की रजिस्ट्री कैसे हो गई.
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