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कब रखा जाएगा देवउठनी एकादशी का व्रत ? जानें महत्व, पूजा का समय और शुभ मुहूर्त - Devuthani Ekadashi fast

Dev Uthani Ekadashi 2023: देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु 5 माह की निद्रा के बाद जागते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन रात्रि में शालिग्राम और तुलसी माता का विवाह होता है. देवउठनी एकादशी एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन सच्ची श्रद्धा और भक्ति से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 21, 2023, 4:32 PM IST

शिव कुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. देवउठनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. गुरुवार, 23 नवंबर 2023 को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. देवउठनी एकादशी के बाद से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक आषाढ़ के महीने में चातुर्मास आरंभ होता है. ऐसे में चातुर्मास आरंभ होते ही देवी देवता विश्राम मुुद्रा चले जाते हैं. साथ ही साधु संत भी अपनी कुटिया में विश्राम करते हैं. देव उठानी एकादशी को लेकर मानता है कि इसी दिन देवी देवता गतिशील होकर जागृत हो जाते हैं और सृष्टि का संचालन ठीक प्रकार से होता है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.


देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त-

- देवउठनी एकादशी प्रारंभ: 22 नवंबर (गुरुवार) रात 11:03 बजे से शुरू.

- देवउठनी एकादशी समाप्त: 23 नवंबर (शुक्रवार) रात 09:01 बजे समाप्त होगी.

- व्रत पारण का समय: 24 नवंबर (शनिवार) सुबह 06:51 से 08:57 बजे तक.

- देवउठनी एकादशी का व्रत पूजा का समय: सुबह 06:50 बजे से 08:09 बजे तक.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान-

- देवउठनी एकादशी के दिन तामसिक भोजन करना निषेध बताया गया है. किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से पूर्णयता बचना चाहिए.
- ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप बताया गया है.
- एकादशी पर विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी भी व्यक्ति से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. किसी पर गुस्सा ना करें.

ये भी पढ़ें: Aja Ekadashi 2023: कब है अजा एकादशी ? जानें शुभ मुहूर्त, महत्त्व और मंत्र

शिव कुमार शर्मा, ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. देवउठनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. गुरुवार, 23 नवंबर 2023 को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. देवउठनी एकादशी के बाद से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक आषाढ़ के महीने में चातुर्मास आरंभ होता है. ऐसे में चातुर्मास आरंभ होते ही देवी देवता विश्राम मुुद्रा चले जाते हैं. साथ ही साधु संत भी अपनी कुटिया में विश्राम करते हैं. देव उठानी एकादशी को लेकर मानता है कि इसी दिन देवी देवता गतिशील होकर जागृत हो जाते हैं और सृष्टि का संचालन ठीक प्रकार से होता है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.


देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त-

- देवउठनी एकादशी प्रारंभ: 22 नवंबर (गुरुवार) रात 11:03 बजे से शुरू.

- देवउठनी एकादशी समाप्त: 23 नवंबर (शुक्रवार) रात 09:01 बजे समाप्त होगी.

- व्रत पारण का समय: 24 नवंबर (शनिवार) सुबह 06:51 से 08:57 बजे तक.

- देवउठनी एकादशी का व्रत पूजा का समय: सुबह 06:50 बजे से 08:09 बजे तक.

इन बातों का रखें विशेष ध्यान-

- देवउठनी एकादशी के दिन तामसिक भोजन करना निषेध बताया गया है. किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से पूर्णयता बचना चाहिए.
- ब्रह्मचर्य का सख्ती से पालन करें. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप बताया गया है.
- एकादशी पर विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी भी व्यक्ति से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. किसी पर गुस्सा ना करें.

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