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बजट 2023 से क्या है शिक्षकों को उम्मीदें, जानिए क्या है उनका कहना

साल 2020, 2021 में कोरोना महामारी के चलते स्कूल, कॉलेजों को बंद करना पड़ा था. इस दौरान ऑनलाइन क्लासेस तो शुरू हुई लेकिन संसाधन नहीं होने के चलते कई बच्चों को क्लासेस से वंचित होना पड़ा. पैसे की तंगी के चलते काफी बच्चों ने स्कूल से नाम कटवा लिया. जिससे छात्रों के साथ साथ शैक्षणिक संस्थानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. बीते दो वर्ष शिक्षकों के लिए भी भारी रहा है. कोविड के चलते उन्हें भी काफी नुकसान हुआ. अब उनकी निगाहें 1 फरवरी के बजट पर टिकी हैं.

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Published : Jan 30, 2023, 5:33 PM IST

नई दिल्ली: इस साल 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाने वाला बजट कई मायनों में अहम होने वाला है. लोगों की नजरें इस पर टिकी हैं कि इस आम बजट में क्या सस्ता और क्या महंगा होने वाला है. 2024 में लोकसभा चुनाव सहित अन्य कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में यह बजट खास है. वहीं इस बजट से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी उम्मीदें हैं. इस आम बजट से शिक्षक क्या उम्मीदें लगाए हुए हैं आइए जानते हैं.

कोविड के दौरान शैक्षणिक संस्थान प्रभावित हुएः साल 2020, 2021 में कोरोना महामारी के चलते स्कूल, कॉलेजों को बंद करना पड़ा था. इस दौरान ऑनलाइन क्लासेस तो शुरू हुई लेकिन संसाधन नहीं होने के चलते कई बच्चों को क्लासेस से वंचित होना पड़ा. पैसे की तंगी के चलते काफी बच्चों ने स्कूल से नाम कटवा लिया. जिससे छात्रों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. बीते दो वर्ष शिक्षकों के लिए भी भारी रहा है. कोविड के चलते उन्हें भी काफी नुकसान हुआ. अब उनकी निगाहें 1 फरवरी पर टिकी हैं.

क्या बोले शिक्षकः सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक कार्यरत संत राम कहते हैं कि देश का नागरिक होने के नाते हमारी कुछ अपेक्षाएं हैं. सरकार राष्ट्र की उन्नति के लिए सभी स्वीकृत पदों को शीघ्र भरे, एक समान काम और वेतन न देने की वजह से शिक्षक का सम्मान और स्वाभिमान उसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने से वंचित कर रहा है. ओल्ड पेंशन स्कीम ही सही विकल्प है. नई भर्तियां कर खाली पदों को भर सकते हैं, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेटल डिटेक्टर मशीन, सुरक्षा गार्ड्स को ट्रेनिंग, विद्यार्थियों के लिए टैब भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं. सरकारी विद्यालयों पर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है, उसको अनदेखा करना ठीक नहीं होगा.

दिल्ली में गेस्ट टीचरों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा कहते हैं कि उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस बार शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा ध्यान देंगी. बीते 6 सालों से गेस्ट टीचर्स दिल्ली के बजट से बहुत उम्मीदें रखते आए हैं, लेकिन हर बार उनको निराशा ही हाथ लगी है. गेस्ट टीचर्स को उम्मीद है कि इस बजट में सैलरी बढ़ोत्तरी के साथ-साथ समान कार्य- समान वेतन लागू कर उनकी सैलरी फिक्स करने और नियमितीकरण को लेकर घोषणा की जाएगी.

ये भी पढ़े: वेतन एवं पेंशन का भुगतान न करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फिर सरकार और निगम को लगाई फटकार

नई दिल्ली: इस साल 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाने वाला बजट कई मायनों में अहम होने वाला है. लोगों की नजरें इस पर टिकी हैं कि इस आम बजट में क्या सस्ता और क्या महंगा होने वाला है. 2024 में लोकसभा चुनाव सहित अन्य कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में यह बजट खास है. वहीं इस बजट से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी उम्मीदें हैं. इस आम बजट से शिक्षक क्या उम्मीदें लगाए हुए हैं आइए जानते हैं.

कोविड के दौरान शैक्षणिक संस्थान प्रभावित हुएः साल 2020, 2021 में कोरोना महामारी के चलते स्कूल, कॉलेजों को बंद करना पड़ा था. इस दौरान ऑनलाइन क्लासेस तो शुरू हुई लेकिन संसाधन नहीं होने के चलते कई बच्चों को क्लासेस से वंचित होना पड़ा. पैसे की तंगी के चलते काफी बच्चों ने स्कूल से नाम कटवा लिया. जिससे छात्रों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. बीते दो वर्ष शिक्षकों के लिए भी भारी रहा है. कोविड के चलते उन्हें भी काफी नुकसान हुआ. अब उनकी निगाहें 1 फरवरी पर टिकी हैं.

क्या बोले शिक्षकः सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षक कार्यरत संत राम कहते हैं कि देश का नागरिक होने के नाते हमारी कुछ अपेक्षाएं हैं. सरकार राष्ट्र की उन्नति के लिए सभी स्वीकृत पदों को शीघ्र भरे, एक समान काम और वेतन न देने की वजह से शिक्षक का सम्मान और स्वाभिमान उसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने से वंचित कर रहा है. ओल्ड पेंशन स्कीम ही सही विकल्प है. नई भर्तियां कर खाली पदों को भर सकते हैं, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेटल डिटेक्टर मशीन, सुरक्षा गार्ड्स को ट्रेनिंग, विद्यार्थियों के लिए टैब भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं. सरकारी विद्यालयों पर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है, उसको अनदेखा करना ठीक नहीं होगा.

दिल्ली में गेस्ट टीचरों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के महासचिव शोएब राणा कहते हैं कि उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस बार शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा ध्यान देंगी. बीते 6 सालों से गेस्ट टीचर्स दिल्ली के बजट से बहुत उम्मीदें रखते आए हैं, लेकिन हर बार उनको निराशा ही हाथ लगी है. गेस्ट टीचर्स को उम्मीद है कि इस बजट में सैलरी बढ़ोत्तरी के साथ-साथ समान कार्य- समान वेतन लागू कर उनकी सैलरी फिक्स करने और नियमितीकरण को लेकर घोषणा की जाएगी.

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