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'वेड इन इंडिया' आह्वान देश की अर्थव्यवस्था एवं व्यापार को करेगा मजबूत: CAIT

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 9, 2023, 5:23 PM IST

Wed in India: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने 'वेड इन इंडिया' का समर्थन किया है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि विदेशों में होने वाली शादियों से देश को दोहरा नुकसान पहुंचता है.

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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने 'वेड इन इंडिया' का समर्थन किया है

नई दिल्ली: 26 नवंबर को 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पहली बार 'वेड इन इंडिया' का नारा देते हुए विदेशों के बजाय देश में शादी करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया था. इस अपील का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भी समर्थन किया. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि विदेशों में होने वाली शादियों से देश को दोहरा नुकसान पहुंचता है. पहला भारतीय पैसा विदेशों में खर्च होता है और दूसरा लोकल बिजनेस को भी नुकसान पहुंचता है.

विदेशों में भारतीय लोगों द्वारा डेस्टिनेशन शादियों के बारे में अभी तक कोई अधिकृत सर्वे नहीं हुआ है, इसलिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल हैं कि यह कारोबार कितना होगा लेकिन फिर भी एक मोटे अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 5 हज़ार डेस्टिनेशन शादियां विदेशों में होती हैं, जिसमें लगभग 75 हजार करोड़ रुपये से लेकर एक लाख करोड़ रुपये के खर्च होता है.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि भारत के विभिन्न राज्यों में ही लगभग 100 प्रमुख शहरों में तथा उसके आस पास लगभग 2 हज़ार से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां डेस्टिनेशन शादियां हो सकती हैं और यदि देश का संपन्न वर्ग यदि विदेश के बजाय इन स्थानों पर डेस्टिनेशन शादियां करना शुरू करे तो बाकी लोग भी विदेश की बजाय भारत में ही डेस्टिनेशन शादी करने में उनका अनुसरण करेंगे. जिनमें मुख्य रूप से गोवा, महाराष्ट्र में लोनावाला, महाबलेश्वर, मुंबई, , नागपुर, गुजरात में द्वारिका, अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, मध्य प्रदेश में ओरछा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर. राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर, उत्तर प्रदेश में मथुरा, वृंदावन, आगरा, वाराणसी, कानपुर, दक्षिण भारत में चेन्नई, यादगिरी हिल, ऊटी, बंगलौर, हैदराबाद, तिरूपति, कोचीन, त्रिची, कोयंबतूर, पॉण्डिचेरी सहित दिल्ली एनसीआर में दिल्ली, नोएडा, फ़रीदाबाद तथा पंजाब-हरियाणा में चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर तथा जम्मू के नाम उल्लेखनीय हैं.

खंडेलवाल ने कहा कि धनाढ्य लोगों का एक वर्ग विदेशों में डेस्टिनेशन शादियां कर रहा है जो देश में शादी समारोह करने की बजाय विदेश में शादी करना अपनी शान समझता है एवं जिसके कारण भारत के लोगों का एक बड़ा व्यापार विदेश को मिल जाता है. जबकि भारत में ही बड़ी संख्या में ऐसे स्थान हैं जहां पर डेस्टिनेशन शादियां बेहद शानों शौकत से हो सकती हैं.

खंडेलवाल ने बताया कि ये सभी स्थान मध्यम बजट से लेकर किसी भी बड़े बजट की डेस्टिनेशन शादियों को करवाने में पूर्ण रूप से सक्षम है. शादी करवाने के लिए आम से लेकर ख़ास सुविधा एवं इंतज़ाम प्रदान करने वाली कंपनियों या ग्रुपों का एक बड़ा नेटवर्क पिछले वर्षों में भारत में विकसित हुआ है और इसीलिए शादियों से संबंधित सामान एवं सेवाएँ आज देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुकी हैं. डेस्टिनेशन शादी चाहे देश में हो या विदेश में, उन्हें संपन्न कराने में इन कंपनियों या समूहों जा सबसे बड़ा योगदान होता है. अक्सर प्रति वर्ष शादियों के मामले में देश में विभिन्न स्थानों पर हुई डेस्टिनेशन शादियां अपनी भव्यता अथवा अपनी विशेषताओं के कारण चर्चा का विषय बनती हैं जो इस बात को साबित करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान भारत का धन देश में ही खर्च हो कि भावना के अनुरूप है.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने 'वेड इन इंडिया' का समर्थन किया है

नई दिल्ली: 26 नवंबर को 'मन की बात' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पहली बार 'वेड इन इंडिया' का नारा देते हुए विदेशों के बजाय देश में शादी करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया था. इस अपील का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भी समर्थन किया. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि विदेशों में होने वाली शादियों से देश को दोहरा नुकसान पहुंचता है. पहला भारतीय पैसा विदेशों में खर्च होता है और दूसरा लोकल बिजनेस को भी नुकसान पहुंचता है.

विदेशों में भारतीय लोगों द्वारा डेस्टिनेशन शादियों के बारे में अभी तक कोई अधिकृत सर्वे नहीं हुआ है, इसलिए यह अंदाजा लगाना मुश्किल हैं कि यह कारोबार कितना होगा लेकिन फिर भी एक मोटे अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 5 हज़ार डेस्टिनेशन शादियां विदेशों में होती हैं, जिसमें लगभग 75 हजार करोड़ रुपये से लेकर एक लाख करोड़ रुपये के खर्च होता है.

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि भारत के विभिन्न राज्यों में ही लगभग 100 प्रमुख शहरों में तथा उसके आस पास लगभग 2 हज़ार से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां डेस्टिनेशन शादियां हो सकती हैं और यदि देश का संपन्न वर्ग यदि विदेश के बजाय इन स्थानों पर डेस्टिनेशन शादियां करना शुरू करे तो बाकी लोग भी विदेश की बजाय भारत में ही डेस्टिनेशन शादी करने में उनका अनुसरण करेंगे. जिनमें मुख्य रूप से गोवा, महाराष्ट्र में लोनावाला, महाबलेश्वर, मुंबई, , नागपुर, गुजरात में द्वारिका, अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, मध्य प्रदेश में ओरछा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर. राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर, उत्तर प्रदेश में मथुरा, वृंदावन, आगरा, वाराणसी, कानपुर, दक्षिण भारत में चेन्नई, यादगिरी हिल, ऊटी, बंगलौर, हैदराबाद, तिरूपति, कोचीन, त्रिची, कोयंबतूर, पॉण्डिचेरी सहित दिल्ली एनसीआर में दिल्ली, नोएडा, फ़रीदाबाद तथा पंजाब-हरियाणा में चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर तथा जम्मू के नाम उल्लेखनीय हैं.

खंडेलवाल ने कहा कि धनाढ्य लोगों का एक वर्ग विदेशों में डेस्टिनेशन शादियां कर रहा है जो देश में शादी समारोह करने की बजाय विदेश में शादी करना अपनी शान समझता है एवं जिसके कारण भारत के लोगों का एक बड़ा व्यापार विदेश को मिल जाता है. जबकि भारत में ही बड़ी संख्या में ऐसे स्थान हैं जहां पर डेस्टिनेशन शादियां बेहद शानों शौकत से हो सकती हैं.

खंडेलवाल ने बताया कि ये सभी स्थान मध्यम बजट से लेकर किसी भी बड़े बजट की डेस्टिनेशन शादियों को करवाने में पूर्ण रूप से सक्षम है. शादी करवाने के लिए आम से लेकर ख़ास सुविधा एवं इंतज़ाम प्रदान करने वाली कंपनियों या ग्रुपों का एक बड़ा नेटवर्क पिछले वर्षों में भारत में विकसित हुआ है और इसीलिए शादियों से संबंधित सामान एवं सेवाएँ आज देश में एक बड़े व्यापार का रूप ले चुकी हैं. डेस्टिनेशन शादी चाहे देश में हो या विदेश में, उन्हें संपन्न कराने में इन कंपनियों या समूहों जा सबसे बड़ा योगदान होता है. अक्सर प्रति वर्ष शादियों के मामले में देश में विभिन्न स्थानों पर हुई डेस्टिनेशन शादियां अपनी भव्यता अथवा अपनी विशेषताओं के कारण चर्चा का विषय बनती हैं जो इस बात को साबित करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान भारत का धन देश में ही खर्च हो कि भावना के अनुरूप है.

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