नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में फरवरी से ही गर्मी का अहसास होने लगा था. आमतौर पर अंतिम मार्च से गर्मी का अहसास होता रहा है. मौसम वैज्ञानिक इसके पीछे वेस्टर्न डिस्टर्बेंस को जिम्मेदार मान रहे हैं.
आमतौर पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते बारिश और ओलावृष्टि जैसी गतिविधियां होती हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते तापमान के पीछे भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस ही है. मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक जनवरी और फरवरी महीने में आमतौर पर जितने वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते थे, इस बार उतने नहीं आए. यही कारण है कि फरवरी महीने में ही अबकी बार गर्मी आ गई है. उनका कहना है कि राजधानी में अब ऐसा ही मौसम बना रहेगा. हालांकि 7 मार्च से इसमें राहत मिल सकती है.
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8 मार्च से थोड़ी मिल सकती है राहत
ईटीवी भारत से बातचीत में कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 7 मार्च से दिल्ली और आसपास के इलाकों में एक नए वेस्टर्न डिस्टरबेंस के असर के चलते बारिश जैसी गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. इसी के चलते 8 तारीख से यहां तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की जा सकती है जो कि एक-दो दिन बरकरार रहेगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में दिल्ली का अधिकतम तापमान 30 और 31 डिग्री के आसपास ही बना रहेगा.
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गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली का अधिकतम तापमान इन दिनों 30 और 32 डिग्री तो वहीं न्यूनतम 13 और 14 डिग्री के आसपास बना हुआ है. बीते दिनों में यहां बारिश भी देखने को नहीं मिली है. उम्मीद की जा रही है कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी इस बार सही साबित हो और जल्दी ही दिल्ली में बारिश के साथ ही लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिले.