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बच्चों के टिफन में ऐसे बढ़ाएं कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की मात्रा, गर्मी में भी रहेंगे फुल चार्ज

गर्मियों में बच्चों को पानी के साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन आदि की कमी हो सकती है. इसलिए उनका टिफिन, सभी पोषक तत्वों से भरपूर हो चाहिए. इस बारे में आहार विशेषज्ञ डॉक्टर प्रियंका जायसवाल ने विस्तार से बताया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा..

vitamins and minerals in childrens tiffin
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Published : Jul 22, 2023, 11:01 PM IST

डॉ. प्रियंका जायसवाल से खास बातचीत

नई दिल्ली: बच्चों के स्कूल की शुरुआत के साथ हर मां को इस बात की चिंता होती है कि उसे लंच में ऐसा क्या दिया जाए जो स्वादिष्ट होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर भी हो. बच्चे भी साधारण तरीके से बना खाना कम ही पसंद करते हैं. इसलिए बच्चों को टिफिन में दिया जाने वाला खाना आकर्षक होने के साथ पौष्टिक भी होना चाहिए और उससे कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से पूर्ति होनी चाहिए. संतुलित आहार बच्चों के शरीर में इम्युनिटी बढ़ाते हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने आहार विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका जायसवाल से बातचीत की.

उन्होंने बताया कि डेयरी प्रोडक्ट्स प्रोटीन का सबसे अच्छा विकल्प है- जैसे दूध, दही, पनीर, चीज़, छाछ इत्यादि. इसके अलावा सोयाबीन, सभी तरह की दाल, राजमा, छोले, लोबिया भी प्रोटीन का अच्छा विकल्प हैं. खास बात यह है कि ये बाजार में आसानी से मिल जाते हैं. उन्होंने कहा, बच्चों को स्कूल में लंच करने का बहुत कम समय मिलता है. ऐसे में टिफिन में पनीर का पराठा, दाल का पराठा या फिर ड्राई फॉर्म में राजमा, लोबिया चने और छोले दिए जा सकते हैं. वहीं वेजिटेबल पुलाव में पनीर या सोयाबीन भी डालकर दिया जा सकता है. इसके अतिरिक्त सेवईं, पोहा आदि को भी सब्जियों के साथ उसमें पनीर और सोयबीन डालकर दिया जा सकता है.

कैसे करें वॉटर लेवल मेंटेन: ज्यादातर 3 से 8 साल तक के बच्चे खेलकूद और अन्य गतिविधियों के बीच में पानी पीना भूल जाते हैं. घर पर तो अभिभावक उन्हें पानी दे देते हैं, लेकिन स्कूल में होने पर वे अक्सर कम पानी पीते हैं. इससे बच्चों को पेट संबंधी बीमारियां घेर लेती हैं.

डॉ. प्रियंका ने बताया कि ऐसी स्थिति में शिक्षकों को बच्चों के लिए हर पीरियड खत्म होने के बाद पानी पीने का नियम बनाना चाहिए. इसके अलावा बच्चों में वॉटर लेवल मेंटेन रखने के लिए अन्य पेय पदार्थ भी दिए जा सकते हैं. इसके लिए सबसे अच्छा पेय पदार्थ है दही या छाछ. इससे बच्चे के शरीर को ठंडक मिलती है और गर्मी में होने वाली पेट संबंधी बीमारियां भी दूर रहती हैं. इसे किसी भी टाइट सील बोतल या कंटेनर में रखकर बच्चों को दिया जा सकता हैं. बाजार में भी कई तरह से टेट्रा पैक भी मौजूद हैं, जिन्हें बच्चों को दिया जा सकता है. इसके अतिरिक्त नारियल पानी और जूस भी बच्चों की बॉडी में वॉटर लेवल बनाए रखने में मददगार हो सकता है.

यह भी पढ़ें-Food in Rainy Season : बरसात के मौसम में ग्लूटेन फ्री अनाज की खाएं रोटियां, मिलेगी एक्सट्रा एनर्जी

मौसमी फल बढ़ाते हैं इम्युनिटी: अगर आप चाहते हैं कि बच्चे के शरीर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम के अलावा विटामिन का लेवल बना रहे, तो इसका विकल्प हैं मौसमी फल. इन्हें नियमित खाने से बच्चों में एंटी बॉडी डेवलप होने के साथ इम्युनिटी बढ़ती है, जो बच्चों को हर तरह की बीमारी से लड़ने की ताकत देती है. इससे वे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से दूर रहते हैं. इस मौसम में कुछ ऐसे भी फल आते हैं, जिन्हें इंडिया बेरी कहा जाता है. इसमें जामुन, आलूबुखारा, आडू और फालसा आदि फल आते हैं, जिन्हें खाने से प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल मिलते हैं. इसके अलावा केला एक ऐसा फल है, जिसे स्कूल के लिए दिया जा सकता है. इससे बच्चे को तुरंत एनर्जी मिलती है.

यह भी पढ़ें-Delhi Flood: बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, हजारों लोगों को उपलब्ध करा रहा भोजन

डॉ. प्रियंका जायसवाल से खास बातचीत

नई दिल्ली: बच्चों के स्कूल की शुरुआत के साथ हर मां को इस बात की चिंता होती है कि उसे लंच में ऐसा क्या दिया जाए जो स्वादिष्ट होने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर भी हो. बच्चे भी साधारण तरीके से बना खाना कम ही पसंद करते हैं. इसलिए बच्चों को टिफिन में दिया जाने वाला खाना आकर्षक होने के साथ पौष्टिक भी होना चाहिए और उससे कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से पूर्ति होनी चाहिए. संतुलित आहार बच्चों के शरीर में इम्युनिटी बढ़ाते हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने आहार विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका जायसवाल से बातचीत की.

उन्होंने बताया कि डेयरी प्रोडक्ट्स प्रोटीन का सबसे अच्छा विकल्प है- जैसे दूध, दही, पनीर, चीज़, छाछ इत्यादि. इसके अलावा सोयाबीन, सभी तरह की दाल, राजमा, छोले, लोबिया भी प्रोटीन का अच्छा विकल्प हैं. खास बात यह है कि ये बाजार में आसानी से मिल जाते हैं. उन्होंने कहा, बच्चों को स्कूल में लंच करने का बहुत कम समय मिलता है. ऐसे में टिफिन में पनीर का पराठा, दाल का पराठा या फिर ड्राई फॉर्म में राजमा, लोबिया चने और छोले दिए जा सकते हैं. वहीं वेजिटेबल पुलाव में पनीर या सोयाबीन भी डालकर दिया जा सकता है. इसके अतिरिक्त सेवईं, पोहा आदि को भी सब्जियों के साथ उसमें पनीर और सोयबीन डालकर दिया जा सकता है.

कैसे करें वॉटर लेवल मेंटेन: ज्यादातर 3 से 8 साल तक के बच्चे खेलकूद और अन्य गतिविधियों के बीच में पानी पीना भूल जाते हैं. घर पर तो अभिभावक उन्हें पानी दे देते हैं, लेकिन स्कूल में होने पर वे अक्सर कम पानी पीते हैं. इससे बच्चों को पेट संबंधी बीमारियां घेर लेती हैं.

डॉ. प्रियंका ने बताया कि ऐसी स्थिति में शिक्षकों को बच्चों के लिए हर पीरियड खत्म होने के बाद पानी पीने का नियम बनाना चाहिए. इसके अलावा बच्चों में वॉटर लेवल मेंटेन रखने के लिए अन्य पेय पदार्थ भी दिए जा सकते हैं. इसके लिए सबसे अच्छा पेय पदार्थ है दही या छाछ. इससे बच्चे के शरीर को ठंडक मिलती है और गर्मी में होने वाली पेट संबंधी बीमारियां भी दूर रहती हैं. इसे किसी भी टाइट सील बोतल या कंटेनर में रखकर बच्चों को दिया जा सकता हैं. बाजार में भी कई तरह से टेट्रा पैक भी मौजूद हैं, जिन्हें बच्चों को दिया जा सकता है. इसके अतिरिक्त नारियल पानी और जूस भी बच्चों की बॉडी में वॉटर लेवल बनाए रखने में मददगार हो सकता है.

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मौसमी फल बढ़ाते हैं इम्युनिटी: अगर आप चाहते हैं कि बच्चे के शरीर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम के अलावा विटामिन का लेवल बना रहे, तो इसका विकल्प हैं मौसमी फल. इन्हें नियमित खाने से बच्चों में एंटी बॉडी डेवलप होने के साथ इम्युनिटी बढ़ती है, जो बच्चों को हर तरह की बीमारी से लड़ने की ताकत देती है. इससे वे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से दूर रहते हैं. इस मौसम में कुछ ऐसे भी फल आते हैं, जिन्हें इंडिया बेरी कहा जाता है. इसमें जामुन, आलूबुखारा, आडू और फालसा आदि फल आते हैं, जिन्हें खाने से प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल मिलते हैं. इसके अलावा केला एक ऐसा फल है, जिसे स्कूल के लिए दिया जा सकता है. इससे बच्चे को तुरंत एनर्जी मिलती है.

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