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Delhi Water Crisis: दिल्ली वालों को साफ पानी के लिए करना होगा डेढ़ साल इंतज़ार, जानिए सरकार का प्लान - Delhi Jal Board plans

केजरीवाल सरकार दिल्ली वालों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि अगले एक से डेढ़ साल दिल्ली वालों को साफ पानी के लिए और इंतज़ार करना पड़ेगा.

साफ पानी के लिए करना होगा डेढ़ साल इंतज़ार
साफ पानी के लिए करना होगा डेढ़ साल इंतज़ार
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Published : Jun 14, 2023, 2:09 PM IST

साफ पानी के लिए करना होगा डेढ़ साल इंतज़ार

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के साथ ही कई ईलाकों में पानी की जबरदस्त किल्लत है. इस बाबत प्राप्त शिकायतों पर फौरी तौर पर लोगों को राहत देने के संबंध में दिल्ली जल बोर्ड के पास कोई पुख्ता प्लान नहीं है. यहांं टैंकर से पानी भरने के लिए लोगों के बीच मारामरी है. पानी भरने की जद्दोजहद ये रोजाना लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. हालांकि मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने जल बोर्ड को 24 घंटे पानी की आपूर्ति के लिए जो कार्य सौंपा है, उसके पूरा होते ही राजधानी में पानी की समस्या दूर हो जाएगी.

एक से डेढ़ साल का लगेगा समय: केजरीवाल का कहना है कि पानी की कमी को ख़त्म करने के लिए कई नए और महत्वकांक्षी कदम उठाए जा रहे हैं. अभी दिल्ली करीब 1000 एमजीडी (मीट्रिक गैलन प्रतिदिन) पानी का उत्पादन कर रही है. इसे बढ़ाकर 1200-1300 एमजीडी तक ले जाने की योजना पर काम चल रहा है. जल बोर्ड अगर इस लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो फिर दिल्लीवालों को पानी की कमी नहीं होगी.

जब बनी थी सरकार, तब इतना होता था उत्पादन: पूर्ण बहुमत के साथ वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. उस समय दिल्ली में सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को मिलाकर करीब 850 एमजीडी पानी का उत्पादन होता था. इसमें डब्ल्यूटीपी और भूजल दोनों शामिल है. वर्तमान में करीब 1000 एमजीडी तक पानी का उत्पादन हो गया है. मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड को पानी उत्पादन की क्षमता 1200 से 1300 एमजीडी तक ले जाने का लक्ष्य दिया है.

नए लक्ष्य हासिल करने के लिए उठाए जा रहे बड़े कदम: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि पहले कदम के तहत, उत्तरी दिल्ली और ट्रांस यमुना का ईस्ट दिल्ली में जल स्तर बहुत ऊपर है. लोग पानी के ऊपर बैठे हैं और पानी के लिए ही रो रहे हैं. जबकि जमीन खोदते ही पानी मिल रहा है. इस पर बड़ी योजना चल रही है और वे प्रत्येक 15 दिन में इसकी समीक्षा कर रहे हैं. ऐसे एरिया, जहां हर साल प्राकृतिक रूप से वाटर रिचार्ज होता है. यमुना हर साल बाढ़ ग्रस्त होती है. उसकी वजह से पूरी ईस्ट दिल्ली अपने आप रिचार्ज हो जाती है और सारे बाढ़ क्षेत्र रिचार्ज हो जाते हैं. इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर ट्यूबवेल्स लगाया जा रहा है. उम्मीद है कि इन ट्यूबवेल्स से काफी पानी निकाला जाएगा. अगले साल वो फिर रिचार्ज हो जाएगा.

सीवर के पानी को किया जाएगा साफ: एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) से सीवर को ट्रीट कर करीब 590 एमजीडी पानी अभी निकलता और यह सारा पानी यमुना में बहाया जा रहा है. इसलिए इसका कोई फायदा नहीं होता है. दिल्ली जल बोर्ड के सभी 35 एसटीपी को अपग्रेडेशन करने का काम चल रहा है. ताकि यहां से ट्रीट होने वाला पानी बहुत अच्छा साफ किया जा सके. इसे 10/10 कटेगरी कहते हैं. अभी एसटीपी से निकलने वाला पानी 30/30 कटेगरी का निकलता है, जो बहुत गंदा माना जाता है. इसे 10/10 पर लाने का प्रयास है. एसटीपी से निकलने वाले इस पानी को झीलों के अंदर डाला जाएगा. इसके लिए दिल्ली में कई जगहों पर झील विकसित की गई हैं.

ये भी पढ़ें: Chief Minister Arvind Kejriwal अब खुद रखेंगे पानी की उपलब्धता और आपूर्ति पर नजर

झील के पानी से ग्राउंड वाटर को किया जाएगा रिचार्ज: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने बताया कि एसटीपी से निकला पानी साफ होता है. इसमें बदबू नहीं होती है. इस पानी को झीलों में डालने से वहां का वातावरण काफी हरा-भरा हो जाता है और पिकनिक स्पॉट बन जाता है. पिछले छह-सात महीने में द्वारका में करीब तीन-चार वर्ग किलोमीटर के एरिया में पानी का स्तर पांच मीटर ऊपर आया है. जब आसपास के इलाके में जल स्तर ऊपर आ जाएगा और कानून के मुताबिक हम वहां आसपास ट्यूबवेल लगा देंगे. फिर ट्यूबवेल्स के जरिए जमीन से पानी निकालेंगे, जिसे आरओ प्लांट में भेजेंगे. आरओ से उस पानी को साफ कर फिर यूजीआर तक लेकर जाएंगे. सोमनाथ भारती कहते हैं इस प्रयास से एक-डेढ़ साल में दिल्ली में पर्याप्त पानी होगा.

ये भी पढ़ें: Water crisis in Delhi: रेत माफिया की वजह से नहीं मिल रहा दिल्ली को पानी, AAP का हरियाणा सरकार पर आरोप

साफ पानी के लिए करना होगा डेढ़ साल इंतज़ार

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के साथ ही कई ईलाकों में पानी की जबरदस्त किल्लत है. इस बाबत प्राप्त शिकायतों पर फौरी तौर पर लोगों को राहत देने के संबंध में दिल्ली जल बोर्ड के पास कोई पुख्ता प्लान नहीं है. यहांं टैंकर से पानी भरने के लिए लोगों के बीच मारामरी है. पानी भरने की जद्दोजहद ये रोजाना लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है. हालांकि मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने जल बोर्ड को 24 घंटे पानी की आपूर्ति के लिए जो कार्य सौंपा है, उसके पूरा होते ही राजधानी में पानी की समस्या दूर हो जाएगी.

एक से डेढ़ साल का लगेगा समय: केजरीवाल का कहना है कि पानी की कमी को ख़त्म करने के लिए कई नए और महत्वकांक्षी कदम उठाए जा रहे हैं. अभी दिल्ली करीब 1000 एमजीडी (मीट्रिक गैलन प्रतिदिन) पानी का उत्पादन कर रही है. इसे बढ़ाकर 1200-1300 एमजीडी तक ले जाने की योजना पर काम चल रहा है. जल बोर्ड अगर इस लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो फिर दिल्लीवालों को पानी की कमी नहीं होगी.

जब बनी थी सरकार, तब इतना होता था उत्पादन: पूर्ण बहुमत के साथ वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी. उस समय दिल्ली में सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को मिलाकर करीब 850 एमजीडी पानी का उत्पादन होता था. इसमें डब्ल्यूटीपी और भूजल दोनों शामिल है. वर्तमान में करीब 1000 एमजीडी तक पानी का उत्पादन हो गया है. मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड को पानी उत्पादन की क्षमता 1200 से 1300 एमजीडी तक ले जाने का लक्ष्य दिया है.

नए लक्ष्य हासिल करने के लिए उठाए जा रहे बड़े कदम: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि पहले कदम के तहत, उत्तरी दिल्ली और ट्रांस यमुना का ईस्ट दिल्ली में जल स्तर बहुत ऊपर है. लोग पानी के ऊपर बैठे हैं और पानी के लिए ही रो रहे हैं. जबकि जमीन खोदते ही पानी मिल रहा है. इस पर बड़ी योजना चल रही है और वे प्रत्येक 15 दिन में इसकी समीक्षा कर रहे हैं. ऐसे एरिया, जहां हर साल प्राकृतिक रूप से वाटर रिचार्ज होता है. यमुना हर साल बाढ़ ग्रस्त होती है. उसकी वजह से पूरी ईस्ट दिल्ली अपने आप रिचार्ज हो जाती है और सारे बाढ़ क्षेत्र रिचार्ज हो जाते हैं. इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर ट्यूबवेल्स लगाया जा रहा है. उम्मीद है कि इन ट्यूबवेल्स से काफी पानी निकाला जाएगा. अगले साल वो फिर रिचार्ज हो जाएगा.

सीवर के पानी को किया जाएगा साफ: एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) से सीवर को ट्रीट कर करीब 590 एमजीडी पानी अभी निकलता और यह सारा पानी यमुना में बहाया जा रहा है. इसलिए इसका कोई फायदा नहीं होता है. दिल्ली जल बोर्ड के सभी 35 एसटीपी को अपग्रेडेशन करने का काम चल रहा है. ताकि यहां से ट्रीट होने वाला पानी बहुत अच्छा साफ किया जा सके. इसे 10/10 कटेगरी कहते हैं. अभी एसटीपी से निकलने वाला पानी 30/30 कटेगरी का निकलता है, जो बहुत गंदा माना जाता है. इसे 10/10 पर लाने का प्रयास है. एसटीपी से निकलने वाले इस पानी को झीलों के अंदर डाला जाएगा. इसके लिए दिल्ली में कई जगहों पर झील विकसित की गई हैं.

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झील के पानी से ग्राउंड वाटर को किया जाएगा रिचार्ज: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने बताया कि एसटीपी से निकला पानी साफ होता है. इसमें बदबू नहीं होती है. इस पानी को झीलों में डालने से वहां का वातावरण काफी हरा-भरा हो जाता है और पिकनिक स्पॉट बन जाता है. पिछले छह-सात महीने में द्वारका में करीब तीन-चार वर्ग किलोमीटर के एरिया में पानी का स्तर पांच मीटर ऊपर आया है. जब आसपास के इलाके में जल स्तर ऊपर आ जाएगा और कानून के मुताबिक हम वहां आसपास ट्यूबवेल लगा देंगे. फिर ट्यूबवेल्स के जरिए जमीन से पानी निकालेंगे, जिसे आरओ प्लांट में भेजेंगे. आरओ से उस पानी को साफ कर फिर यूजीआर तक लेकर जाएंगे. सोमनाथ भारती कहते हैं इस प्रयास से एक-डेढ़ साल में दिल्ली में पर्याप्त पानी होगा.

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