नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में आज बीजेपी सांसद हंसराज हंस, प्रवेश वर्मा और मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ वारंट जारी किया है. ये तीनों कोर्ट के समन के बावजूद कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे.
28 नवंबर को कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत छह नेताओं के खिलाफ समन जारी किया था. कोर्ट ने मनोज तिवारी के अलावा जिन नेताओं को समन जारी किया था उनमें सांसद प्रवेश सिंह वर्मा, सांसद हंसराज हंस, हरीश खुराना, विधायक विजेंद्र गुप्ता और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा शामिल हैं.
झूठे आरोप लगाने का मामला
ये याचिका पिछले 20 जुलाई को दायर की गई थी. याचिका में कहा गया है कि मनोज तिवारी समेत छह नेताओं ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए हैं. सिसोदिया ने कहा है कि इन नेताओं ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में झूठे आरोप फैलाए और हमारी छवि खराब करने की कोशिश की.
कौन-कौन हैं आरोपी
सिसोदिया ने मनोज तिवारी के खिलाफ जिन बीजेपी नेताओं के खिलाफ केस दायर किया है उनमें बीजेपी सांसदों हंसराज हंस और प्रवेश वर्मा, विधायकों मनजिंदर सिंह सिरसा और विजेंद्र गुप्ता और बीजेपी प्रवक्ता हरीश खुराना शामिल हैं.
याचिका में कहा गया है कि इन नेताओं ने जो आरोप लगाया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षाओं के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है. पिछले 1 जुलाई को मनोज तिवारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. मनोज तिवारी ने एक आरटीआई के हवाले से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
क्लासरूम बनवाने में गड़बड़ी का आरोप
मनोज तिवारी ने कहा था कि जो क्लासरुम 892 करोड़ रुपये में बन सकते थे उनके निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया. तिवारी ने आरोप लगाया था कि इस काम के लिए 34 ठेकेदारों को ठेका दिया गया था जिसमें कुछ मंत्रियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं. तिवारी ने केजरीवाल और सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की थी. सिसोदिया ने इसे लेकर इन नेताओं को अपने बयान वापस लेने के लिए लीगल नोटिस भी भेजा था.