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DERC और केजरीवाल सरकार की सांठगांठ की CBI जांच होनी चाहिए- वीरेंद्र सचदेवा - केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है. सचदेवा ने कहा कि एपटेल चेयरमैन के कहने पर दिल्ली सतर्कता विभाग ने डीइआरसी की गत कुछ वर्षों के कार्यकलापों की जांच कर जो रिपोर्ट भेजी है उससे साफ है कि डीइआरसी और सरकार में संबंध है.

वीरेंद्र सचदेवा
वीरेंद्र सचदेवा
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Published : Jun 28, 2023, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौरा जारी है. अब दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर डीइआरसी से सांठगांठ होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एपटेल चेयरमैन के कहने पर दिल्ली के सतर्कता विभाग ने डीइआरसी की गत कुछ वर्षों के कार्यकलापों की जांच कर जो रिपोर्ट एपटेल को भेजी है. उससे साफ है कि डीइआरसी और दिल्ली सरकार में सांठगांठ है. रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि केजरीवाल सरकार ने लगातार मनमाने तरीके से या तो DERC में सदस्यों की नियुक्ति की या फिर उसे टाला. इस सब के पीछे उद्देश्य केवल पावर डिस्कॉम को राहत या लाभ देना था.

DERC एवं दिल्ली सरकार ने पावर डिस्कॉम को संरक्षण देकर दिल्ली की जनता से लूट करने की छूट दी गई. सचदेवा ने कहा कि DERC में नियमों की अवेहलना कर अशोक कुमार सिंघल की पहले सदस्य के रूप में और फिर टैरिफ सलाहकार में नियुक्ति की उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है. क्योंकि उनके तत्कालीन बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन से नजदीकी संबंध रहे हैं. सिंघल मंत्री जैन के निजी स्टाफ में भी रहे हैं, इसलिए डीइआरसी में उनकी नियुक्ति नियम अनुसार असंभव था, लेकिन किया गया.

ये भी पढ़ें: पूर्व मेयर राजा इकबाल बने निगम के नेता विपक्ष, दिल्ली BJP अध्यक्ष ने जारी किया लेटर

सीबीआई जांच की मांग: पावर डिस्कॉम के टैरिफ वृद्धि आवेदनों की स्वीकृति में भी अशोक कुमार सिंघल के साथ ही वर्तमान सदस्य ए.के. एम भरत की भूमिका भी संदेहास्पद रही है. सतर्कता विभाग ने भी उसकी जांच की मांग की है. डीइआरसी द्वारा केंद्रीय पावर मंत्रालय के निर्देशों की अवेहलना करने की सतर्कता विभाग की टिप्पणी बहुत गंभीर मामला है. सचदेवा ने कहा कि इस पूरे मामले का रिपोर्ट को देख कर प्रथम दृष्टि ऐसा लगता है कि डीइआरसी एवं केजरीवाल सरकार की सांठगांठ की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: Panic Button Scam: बीजेपी ने LG को लिखी चिट्ठी- AAP पर लगाया 500 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौरा जारी है. अब दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर डीइआरसी से सांठगांठ होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एपटेल चेयरमैन के कहने पर दिल्ली के सतर्कता विभाग ने डीइआरसी की गत कुछ वर्षों के कार्यकलापों की जांच कर जो रिपोर्ट एपटेल को भेजी है. उससे साफ है कि डीइआरसी और दिल्ली सरकार में सांठगांठ है. रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि केजरीवाल सरकार ने लगातार मनमाने तरीके से या तो DERC में सदस्यों की नियुक्ति की या फिर उसे टाला. इस सब के पीछे उद्देश्य केवल पावर डिस्कॉम को राहत या लाभ देना था.

DERC एवं दिल्ली सरकार ने पावर डिस्कॉम को संरक्षण देकर दिल्ली की जनता से लूट करने की छूट दी गई. सचदेवा ने कहा कि DERC में नियमों की अवेहलना कर अशोक कुमार सिंघल की पहले सदस्य के रूप में और फिर टैरिफ सलाहकार में नियुक्ति की उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है. क्योंकि उनके तत्कालीन बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन से नजदीकी संबंध रहे हैं. सिंघल मंत्री जैन के निजी स्टाफ में भी रहे हैं, इसलिए डीइआरसी में उनकी नियुक्ति नियम अनुसार असंभव था, लेकिन किया गया.

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सीबीआई जांच की मांग: पावर डिस्कॉम के टैरिफ वृद्धि आवेदनों की स्वीकृति में भी अशोक कुमार सिंघल के साथ ही वर्तमान सदस्य ए.के. एम भरत की भूमिका भी संदेहास्पद रही है. सतर्कता विभाग ने भी उसकी जांच की मांग की है. डीइआरसी द्वारा केंद्रीय पावर मंत्रालय के निर्देशों की अवेहलना करने की सतर्कता विभाग की टिप्पणी बहुत गंभीर मामला है. सचदेवा ने कहा कि इस पूरे मामले का रिपोर्ट को देख कर प्रथम दृष्टि ऐसा लगता है कि डीइआरसी एवं केजरीवाल सरकार की सांठगांठ की सीबीआई जांच होनी चाहिए.

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