नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को विश्वविद्यालय की तरफ से सम्मान देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने छात्रों और प्रोफेसरों को अरुण जेटली के छात्र जीवन और राजनीतिक जीवन के बारे में एक लेक्चर दिया.
छात्रों के लिए इंस्पायरिंग रहा वेंकैया नायडू का लेक्चर
लेक्चर अटेंड कर आए प्रोफेसरों और छात्रों से ईटीवी भारत में बात की. छात्रा याशिका ने बताया कि उन्होंने आज का लेक्चर अटेंड किया जो बेहद ही इंस्पायरिंग था. क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के बारे में वह सब चीजें जानने को मिली जो शायद ही उन्हें पहले से पता था.
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उप-राष्ट्रपति, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'प्रथम अरुण जेटली मेमोरियल लेक्चर' के अवसर पर श्री जेटली जी के परिवार के साथ उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए। pic.twitter.com/rhiytsvvsu
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) October 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) October 29, 2019उप-राष्ट्रपति, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'प्रथम अरुण जेटली मेमोरियल लेक्चर' के अवसर पर श्री जेटली जी के परिवार के साथ उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए। pic.twitter.com/rhiytsvvsu
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प्रोफेसरों और प्रिंसिपल ने भी जाना अरुण जेटली के बारे में
छात्र ही नहीं बल्कि प्रोफेसर और कॉलेजों के प्रिंसिपल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति पर आधारित जिस वैकल्पिक विचारधारा को स्थापित करने के लिए ऊर्जा, क्षमता, तथ्य और तर्कशक्ति तथा संवाद कौशल चाहिए था, वह जेटली जी के पास सहज ही था.
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राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति पर आधारित जिस वैकल्पिक विचारधारा को स्थापित करने के लिए को ऊर्जा, क्षमता, तथ्य और तर्कशक्ति तथा संवाद कौशल चाहिए था, वह जेटली जी के पास सहज ही था। pic.twitter.com/Vx9c38xegB
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उपराष्ट्रपति ने कहा श्री अरुण जेटली जी ने धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद की अवधारणा की जैसी व्याख्या की, उससे ये दोनों वैचारिक अवधारणाएं एक दूसरे की पूरक बन गईं.
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मुझे और जेटली जी को जब भी राजनीति, सरकारी कामकाज, संसद या किसी भी विषय पर सलाह कि ज़रूरत होती, हम स्वभावत: ही एक दूसरे से राय मशविरा कर लिया करते थे।उनके असामयिक निधन ने व्यक्तिगत रूप से मेरे जीवन में एक अपूरणीय रिक्ती छोड़ी है।
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