दरअसल, वंदे भारत एक्सप्रेस 17 फरवरी को अपने पहले कमर्शियल रन में नई दिल्ली से सुबह 6 बजें चली थी. तय समयसारिणी के मुताबिक, गाड़ी को सुबह 10:18 पर कानपुर 12:23 पर इलाहाबाद और 2:00 बजे वाराणसी पहुंचना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि गाड़ी अपने पहले स्टॉपेज पर पहुंचने में ही लेट हो गई थी और आखिर 1 घंटे 25 मिनट की देरी से दोपहर 3:25 बजे वाराणसी पहुंची.
कोहरा बना लेट का कारण!
उत्तर-मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि गाड़ी नई दिल्ली से समय से ही चली थी लेकिन कोहरे के चलते जोन में गाड़ी की गति को कंट्रोल करना पड़ा था. कहा जा रहा है कि जिस गाड़ी को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ना था उसे 60 तक की स्पीड तक ही सीमित रखना पड़ा. परिणामस्वरूप गाड़ी लेट पहुंची.
लौटते में जहां वंदे भारत एक्सप्रेस को दोपहर 3 बजे चलकर रात 11 बजे नई दिल्ली पहुंचना था, वहीं ये गाड़ी दोपहर 4:20 पर चलकर रात 12 बजकर 48 पर नई दिल्ली पहुंची. इस बीच यात्रियों ने भी रेलवे को खूब कोसा.
खास बात है कि इसी रुट पर चलने वाली गाड़ी संख्या 12382 नई दिल्ली हावड़ा पूर्वा सुपरफास्ट एक्सप्रेस नई दिल्ली से वाराणसी तक का सफर 11 घंटे 30 मिनट में करती है. पहले दिन की परफॉर्मेंस के बाद ट्रेन 18 ने इस सफर के लगभग 10 घंटे लिए हैं. आने वाले दिनों में ये ट्रेन की समयबद्धता पर ही निर्भर करेगा कि यात्री किस गाड़ी को चुने जबकि दोनों के किराए में बहुत अंतर है.