नई दिल्ली : सर गंगा राम अस्पताल सहित दिल्ली के तीन केंद्रों में 100 से अधिक healthcare workers पर B1.617.2 डेल्टा संस्करण पर हालिया शोध अध्ययन से पता चला है कि वैक्सीन लगवाने वाले इंसानों पर पुराने कोरोना वायरस के मुकाबले 8 गुना ज्यादा खतरनाक डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) हावी नहीं हुआ.
सर गंगा राम अस्पताल के क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी संस्थान के अध्यक्ष डॉ. चंद वट्टल ने बताया कि कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के साथ सर गंगा राम अस्पताल ने एक शोध (Sir Ganga Ram Hospital Study) किया है. शोध के दौरान हमें पता चला कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ज्यादातर मामले डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के आए हैं, जोकि वुहान के ओरिजिनल कोरोना वायरस के मुकाबले 8 गुना ज्यादा खतरनाक था.
डेल्टा वेरिएंट वैक्सीन लिए लोगों पर भी अपना असर दिखा रहा था, लेकिन फर्क सिर्फ इतना था कि कोरोना वैक्सीन लगवा चुके लोगों की डेल्टा वैरीअंट के कारण कम से कम मौतें हुई हैं.
वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर डेल्टा वैरीअंट का असर तो दिखा, लेकिन उन्हें कोई गंभीर समस्या नहीं हुई. बहुत कम मरीज आईसीयू में पहुंचे डेल्टा वेरिएंट के कारण जिन्होंने वैक्सीन लगवाई थी.
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इस रिसर्च से हम यह कह सकते हैं कि अगर कोरोना के नए वैरिएंट्स आ रहे हैं तो वैक्सीन से फायदा जरूर हो रहा है. बेशक वैक्सीन कोरोना की रोकथाम नहीं कर रहा, लेकिन इससे बचाव जरूर कर रहा है.
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