नई दिल्ली/नोएडा: तमाम अड़चनों के बाद भी हरिद्वार महाकुंभ (Haridwar Mahakumbh) का आयोजन किया गया, लेकिन अब जब महाकुंभ का समापन हो चुका है, तो एक बार फिर ये सुर्खियों में है. इसकी वजह, उस दौरान हुई कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा है. हरिद्वार महाकुंभ में सैंपलिंग करने वाली एक लैब का फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद, अब महाकुंभ के दौरान हुई सभी कोरोना जांच संदेह के दायरे में आ गई हैं.
मैक्स कॉरपोरेट सर्विस (Max Corporate Service) नाम की निजी कंपनी पर कथित तौर पर महाकुंभ में कोरोना जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है. कंपनी की वेबसाइट में, जो पता दिया गया है, उस पते पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची. वेबसाइट पर नोएडा का C-206, सेक्टर-63 पता दिया गया है. जब इटीवी भारत की टीम कंपनी के पते पर पहुंची, तो ऐसा कोई भी ऑफिस यहां दिखाई नहीं दिया. एक बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि जब निजी कंपनी को इतने बड़े स्तर पर कोरोना जांच करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी, उस कंपनी का एड्रेस वेरीफाई क्यों नहीं किया गया.
बता दें कि कोरोना जांच में फर्जीवाड़े के आरोप लगने के बाद हरिद्वार के डीएम सी रविशंकर ने तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. इसके साथ ही समिति को 15 दिन में मामले की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. आरोप है कि कुंभ मेले के दौरान आने वाले यात्रियों और साधु-संतों की बड़े पैमाने पर कोविड जांच की गई थी. इस कोविड जांच के नाम पर निजी लैब द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया. इसका पता चलने पर स्वास्थ्य सचिव ने डीएम हरिद्वार को जांच करवाने के निर्देश दिये थे.
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