नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर रविवार को तीन साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया. जिसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यहां तक कि इस धुंध की चादर के कारण कई बीमारियां भी लोगों को हो रही है. इसी समस्या को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू, अंबेडकर और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी समेत कई यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कनॉट प्लेस में ह्यूमन चेन बनाकर विरोध जताया.
केंद्र और राज्य सरकार पर छात्रों का हमला
तमाम छात्रों ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर को संभालने में सरकार की विफलताओं के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए सेंट्रल पार्क कनॉट प्लेस में मानव श्रृंखला बनाई. इस दौरान छात्रों ने स्वास्थ्य आपातकाल का मुकाबला करने के लिए अपर्याप्त उपायों के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार पर हमला बोला.
'एक महीने तक हो मेट्रो फ्री'
हाथों में तमाम पोस्टर बैनर लिए छात्रों ने अपनी कई मांगे रखी. जिसमें कहा गया कि वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक महीने तक दिल्ली मेट्रो में यात्रा फ्री की जाए.
'10 हजार डीटीसी सीएनजी बस लाई जाए'
छात्रों ने कहा कि निजी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाए और 10,000 डीटीसी सीएनजी बसों की व्यवस्था की जाए. सभी निर्माण गतिविधियों और एक महीने के लिए डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध लगाया जाए.
'प्रदूषणकारी संयंत्रों को बंद किया जाए'
छात्रों ने कहा कि मौजूदा थर्मल प्रदूषण कारी बिजली संयंत्रों के स्थान पर सौर पैनल स्थापित किया जाए. उद्योगों के लिए प्रदूषण मानकों का अनुपालन लागू किया जाए. बता दें कि दिल्ली में कुल वायु प्रदूषण में उद्योगों का योगदान 30 फीसदी है.