नई दिल्ली: श्री राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले 200 से अधिक राम भक्तों को रविवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित एक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने श्री राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और सांसद हंसराज हंस उपस्थित थे.
कई बाधाओं को पार कर मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ
जावड़ेकर ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को मैं अयोध्या में उपस्थित था. लाखों की संख्या में सेवकों के साथ हम उसी प्रांगण में थे. दूसरे दिन पूरी दुनिया ने देखा कि एक ऐतिहासिक भूल कैसे समाप्त हुई. सुप्रीम कोर्ट के सामने जब यह मामला गया तो कपिल सिब्बल जी कह रहे थे कि 2014 चुनाव के बाद इस पर फैसला होना चाहिए, फिर भी बहस चलती रही, आगे जब 2019 का चुनाव आया तो बोले कि अब इस चुनाव के बाद फैसला होगा, लेकिन फैसला आ गया और जिस दिन फैसला आया उस दिन पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई, आनंद का माहौल बन गया.
पूर्वजों का सपना हुआ पूरा-आदेश गुप्ता
वहीं प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य बने, ये सिर्फ हमारा ही नहीं बल्कि हमारे पूर्वज भी यही चाहते थे कि भगवान राम का मंदिर अयोध्या में भव्य बने, लेकिन संघर्ष करते-करते कई पीढ़ियां बीत गईं, हम खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि आज हमारे समय में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य पूरा हो रहा है.
लंबे संघर्ष के बाद पूरा हुआ है यह सपना
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायक रावदेश पाण्डेय ने कहा कि 492 साल का संघर्ष 9 नवंबर 2019 को पूरा हो गया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 14,000 वर्ग की भूमि रामलल्ला की हो गई. केंद्र सरकार के पहल से 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन हो गया. यह अभियान एक ऐतिहासिक अभियान रहा है, इसके लिए 76 बार लड़ाईयां हो गईं और लगभग साढ़े तीन लाख लोगों ने बलिदान दिया है.