नई दिल्ली: राजधानी की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है. इस फैसले को किस तरह अमल में लाया जाएगा, अभी तस्वीरें साफ नहीं हुई है, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ से 12 सुझाव केंद्र सरकार को भेजी है.
![Centre approves regularisation of all unauthorised colonies](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4856835_368_4856835_1571917085723.png)
केजरीवाल सरकार का मानना है कि ऐसा होने से इन कॉलोनियों में रहने वालों को सुविधा होगी. मुख्यमंत्री की ओर से केंद्र सरकार को कच्ची कॉलोनी पर भेजें गए 12 सुझाव-
- केंद्र सरकार द्वारा 50% बिल्डअप एरिया वाली शर्त जो कि 1 जनवरी 2015 तक रखी गई है, उसे बढ़ाकर 31 मार्च 2019 तक कर दिया जाए.
- 30 जून 2019 तक जितने लोगों ने अपनी जीपीए करा ली है, उन सभी जीपीए को वैध माना जाए और उसी के आधार पर मालिकाना हक दिया जाए.
- 1 जुलाई 2019 तक जितनी कच्ची कॉलोनियां दिल्ली में बन चुकी हैं, उनकी एक सूची बनाकर दूसरे चरण में उन सभी को पक्का घोषित किया जाए.
- भविष्य में दिल्ली में कोई नई कच्ची कॉलोनी बनती है तो संबंधित एसडीएम, एसएचओ एवं एमसीडी अधिकारी को बर्खास्त किया जाए.
- तीन कॉलोनियों सैनिक फार्म, महेंद्रू एनक्लेव तथा अनंत राम डेरी केंद्र सरकार ने पक्का करने के दायरे से बाहर रखी हैं, यह आर्टिकल 14 का उल्लंघन है. इन तीनों कॉलोनियों को भी अन्य कॉलोनियों के साथ रेगुलराइज किया जाए.
- इन कॉलोनियों को रेगुलराइज करते समय जो ज़मीन की और पेनाल्टी की कीमत अदा करनी होगी, उसके लिए बैंक से लोन की सुविधा की जाए ताकि गरीब लोग आसानी से इस राशि को जमा करा सकें.
- डीडीए के नक्शे बनाने का इंतजार करने की बजाय, विभिन्न आरडब्ल्यू और दिल्ली सरकार के जीएसडीएल विभाग द्वारा सेटेलाइट के जरिए बनाए गए मौजूदा नक्शों के आधार पर तुरंत रजिस्ट्रियां खोल दी जाएं.
- यमुना बांध के अंदर जो कॉलोनियां आ रही हैं उन्हें रेगुलराइज ना किया जाए. यमुना बांध के बाहर वाली कॉलोनियों को रेगुलराइज कर दिया जाए.
- इन कच्ची कॉलोनियों में जो सरकारी जमीनें हैं वह दिल्ली सरकार को द्वितीय कैटेगरी के मूल्य पर स्कूल, अस्पताल एवं अन्य सुविधा की चीजें बनाने के लिए हस्तांतरित कर दी जाएं.
- कच्ची कॉलोनियों को नजदीकी कॉलोनियों में जो सबसे निम्न स्तर की कैटेगरी की कॉलोनी है, उससे भी नीचे माना जाए.
- जिन कॉलोनियों में फॉरेस्ट का पैच, एएसआई का पैच है, उसको छोड़कर बाकी कॉलोनी को रेगुलराइज़ कर दिया जाए.
- इन कच्ची कॉलोनियों में लोगों ने दुकानें भी खोल रखी हैं. इन कालोनियों की जमीन को 'मिक्स यूज़ लैंड' घोषित किया जाए.