नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर-31 स्थित निठारी गांव के कृष्णा की चहलकदमी से गुलजार रहती थी, शुक्रवार को वहां सन्नाटा पसरा था. वहीं, 17 वर्षीय नीरज की जिंदगी का फूल भी गुरुवार को यमुना के दलदल में हमेशा के लिए मुरझा गया. रोजाना की तरह गुरुवार रात को भी दोनों गांव की गलियों से होकर गुजरे पर इसबार उनकी सांसों का सिलसिला थम चुका था. दोनों को गली में देखकर जिन आंखों में चमक आ जाती थी, अब उन्हीं आखों में आंसू का सैलाब था. लाडलों का शव देखकर गांव की गलियां चीखती रहीं.
शुक्रवार को दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं दलदल में फंसने से गंभीर रूप से घायल हुए सचिन और अभिषेक की हालत में अब थोड़ा सा सुधार हुआ है. हालांकि सचिन की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. मृतक कृष्णा की मां शुक्रवार को भी दिन भर रोती रहीं. गांव के लोग उसे ही संभालते रहे. परिजन ने बताया कि कृष्णा, नीरज, अभिषेक और सचिन हमेशा साथ ही रहते थे. गंभीर हालत मे भर्ती किशोरों की हालत में अभी पूरी तरह से सुधार नहीं हुआ है. दोनों को आईसीयू मे रखा गया है. परिजन के साथ ही पुलिस और डॉक्टर पल पल की नजरे रखे हुए हैं.
श्रीगणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान चारों ने खेला गुलाल: करीबियों ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिए जाने से पहले चारों ने एक दूसरे के ऊपर गुलाल उड़ाया. गले मिले और डांस करते हुए पूरे उत्साह से नदी की तरफ निकले. विसर्जन के बाद रात में फिर से जश्न की तैयारी थी. हादसे की जानकारी होते ही पूरे परिवार में मातम पसर गया. जो हंसते खेलते चेहरे लौटने के बाद जश्न मनाने का वादा करके गए थे, घर पर या तो उनकी लाश लौटी या वो जिंदगी और मौत से जंग लड़ते हुए नजर आ रहे हैं. गांव के सभी कार्यक्रमों ने कृष्णा और नीरज बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे, यही कारण था दोनों सबके दुलारे थे.
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