नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट की एक विशेष न्यायाधीश ने सोमवार को आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा को अजीबोगरीब सजा सुनाई. दरअसल 2015 में उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा होने के लिए दोनों विधायकों को, अदालत का समय खत्म होने तक कोर्ट में ही रहने की नाम मात्र की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने कहा कि दोषियों को अदालत की समाप्ति तक बाहर जाने की अनुमति नहीं है.
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए ये निर्देश पारित किए, जिसमें सात सितंबर, 2022 को दोनों नेताओं को दोषी ठहराया गया था. हालांकि न्यायाधीश ने अखिलेश पति त्रिपाठी को दी गई छह महीने की जेल की सजा और संजीव झा को तीन महीने की जेल की सजा को संशोधित कर दिया. इससे पहले मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने पांच जनवरी, 2023 को उन्हें जेल की सजा सुनाई थी.
अदालत ने जेल की सजा को संशोधित करते हुए मामले में प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. न्यायाधीश ने कहा कि मामले की परिस्थितियों और तथ्यों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए, यह उचित होगा कि अपीलकर्ताओं को आईपीसी की धारा 332 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत धारा 149 के साथ पठित अपराध के लिए अदालत का समय खत्म होने तक कारावास की सजा दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि आईपीसी धारा के तहत गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य, सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी है.
बता दें कि अखिलेश पति त्रिपाठी मॉडल टाउन से विधायक हैं, जबकि संजीव झा बुराड़ी से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पुलिस स्टेशन में दंगा करने और पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने के मामले में 15 अन्य लोगों को भी दोषी ठहराया था. उन्हें धारा 147 (दंगा), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाना) और 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य अपराध का दोषी) के तहत दोषी पाया गया था.
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अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना 20 फरवरी, 2015 की रात घटी थी, जब एक भीड़ ने बुराड़ी पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. भीड़ दो लोगों की हिरासत की मांग कर रही थी. कथित तौर पर उन्हें पीटने के लिए गिरफ्तार किया गया और पुलिस स्टेशन लाया गया. उस समय पुलिस ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की थी, लेकिन विधायक भीड़ में शामिल हो गए और उनपर हमला कर दिया.
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