नई दिल्लीः दिल्ली शराब घोटाला मामले (Delhi Excise Policy Case) में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के दो सरकारी अधिकारियों सहित मामले के सभी सात आरोपियों को समन भी जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी 2023 को होगी. इस मामले में सीबीआई ने पिछले महीने 25 नवंबर को चार्जशीट दाखिल की थी.
सीबीआई के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) के संचार प्रभारी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली के अलावा चार्जशीट में नामित अन्य लोगों में मूथा गौतम, अरुण आर पिल्लई, समीर महेंद्रू और दिल्ली के आबकारी विभाग के दो पूर्व अधिकारी कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह शामिल हैं. इसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम नहीं था. मामले में सीबीआई ने केवल नायर और बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया था, जिसे बाद में जमानत दे दी गई.
हालांकि, नायर, बोइनपल्ली और कारोबारी समीर महेंद्रू के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक संबंधित मामले में सभी न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी के मामले में इन्होंने जमानत याचिका कोर्ट में दायर की है, जो फिलहाल विचाराधीन है.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने माना कि आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगभग 10,000 पृष्ठों की है. वहीं कोर्ट ने माना कि गवाहों की सूची और सहायक दस्तावेजों के साथ चार्जशीट की एक ई-कॉपी भी दायर की गई है. कोर्ट ने माना कि चार्जशीट में पांच अन्य लोगों के भी नाम हैं, लेकिन इनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है. सीबीआई ने हाल ही में सातों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें से नायर और बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया गया था.
सीबीआई ने हाल ही में राउज एवेन्यू कोर्ट के उसे फैसले को भी चुनौती दी है, जिसमें दोनों आरोपियों को जमानत दे दी गई थी. हाईकोर्ट ने विजय नायर और कारोबारी बोइनपल्ली को सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट के जज ने आरोपी को न केवल बेहद गंभीर और व्यापक आर्थिक अपराध में जमानत दी थी बल्कि जांच के एक बहुत महत्वपूर्ण चरण में उन्हें छोड़ दिया गया.
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सीबीआई ने इसमें कहा था कि जमानत से संबंधित किसी भी विवेकाधीन आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सात निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया था. सीबीआई ने बताया कि उसने अपनी इस जांच में सभी आरोपियों द्वारा रची गई साजिश का खुलासा किया है, जिसने 2021 की दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में अनुकूल परिवर्तन करने के एवज में निजी शराब थोक विक्रेताओं से पैसा वसूल रहे थे. बता दें, 14 नवंबर 2022 को नायर और बोइनपल्ली को सीबीआई के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी थी. हालांकि, उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा नहीं किया गया क्योंकि ईडी ने उन्हें उसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में ले लिया था.
(इनपुटः ANI)