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Digital हुआ दिल्ली का चिड़ियाघर, QR कोड स्कैन करने से मिलेगी वन्यजीवों की जानकारी

वन्यजीवों की मौजूदा स्थिति की जानकारी पर्यटकों को देने के लिए चिड़ियाघर में QR कोड लगाए गए है. इन QR कोड को स्कैन करने मात्र से दर्शकों को ध्वनि माध्यम से वन्यजीवों के बारे में जानकारी मिलेगी.

Digital हुआ दिल्ली का चिड़ियाघर ETV BHARAT
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Published : Aug 13, 2019, 12:19 PM IST

नई दिल्ली: चिड़ियाघर घूमने के लिए आने वाले दर्शकों को वन्यजीवों के बारे में अब किसी से पूछने की जरूरत नहीं होगी. चिड़ियाघर प्रशासन ने एक QR कोड लगाया है. जिससे स्कैन करने मात्र से वन्यजीवों की जन्म कुंडली से लेकर चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मौजूदा स्थिति की जानकारी मिल सकेगी.

बता दें कि QR कोड को स्कैन करने मात्र से दर्शकों को ध्वनि माध्यम से फिलहाल गेंडा, सफेद बाघ, बंगाल टाइगर, हाथी और दरियाई घोड़े के बारे में जानकारी मिलेगी.

QR कोड स्कैन करने से मिलेगी वन्यजीवों की जानकारी

बहुत दिनों से की जा रही थी कोशिश
चिड़ियाघर में QR कोड की सुविधा शुरू करने को लेकर चिड़ियाघर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस सुविधा को शुरू करने के लिए काफी समय से कोशिश की जा रही थी. उन्होंने कहा कि यदि यह सफल रहा तो आने वाले समय में अन्य वन्यजीवों के बारे में भी दर्शक स्कैन करने मात्र से जानकारी हासिल कर सकेंगे.

हिंदी में मिलेगी वन्यजीवों की जानकारी
बता दें कि QR कोड को स्कैन करने से पर्यटकों को हिंदी में सफेद बाघ, गेंडा, दरियाई घोड़ा, बंगाल टाइगर और हाथी का चिड़ियाघर में इतिहास से लेकर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी.

साथ ही स्कैन करने पर यह भी पता चल सकेगा कि कौन सा वन्यजीव दिल्ली चिड़ियाघर में कब आया, उसका क्या नाम है, कहां से लाया गया और क्या खाता है आदि के बारे में जानकारी मिलेगी.

चिड़ियाघर में जगह-जगह लगाए QR कोड
बता दें कि चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा लगाए गए यह QR कोड चिड़ियाघर के प्रवेश द्वार, सभी बैटरी ऑपरेटेड ट्रॉली, गेंडा, सफेद बाघ, बंगाल टाइगर, हाथी और दरियाई घोड़े के बाड़े के बाहर भी लगाया गया हैं.

नई दिल्ली: चिड़ियाघर घूमने के लिए आने वाले दर्शकों को वन्यजीवों के बारे में अब किसी से पूछने की जरूरत नहीं होगी. चिड़ियाघर प्रशासन ने एक QR कोड लगाया है. जिससे स्कैन करने मात्र से वन्यजीवों की जन्म कुंडली से लेकर चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मौजूदा स्थिति की जानकारी मिल सकेगी.

बता दें कि QR कोड को स्कैन करने मात्र से दर्शकों को ध्वनि माध्यम से फिलहाल गेंडा, सफेद बाघ, बंगाल टाइगर, हाथी और दरियाई घोड़े के बारे में जानकारी मिलेगी.

QR कोड स्कैन करने से मिलेगी वन्यजीवों की जानकारी

बहुत दिनों से की जा रही थी कोशिश
चिड़ियाघर में QR कोड की सुविधा शुरू करने को लेकर चिड़ियाघर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस सुविधा को शुरू करने के लिए काफी समय से कोशिश की जा रही थी. उन्होंने कहा कि यदि यह सफल रहा तो आने वाले समय में अन्य वन्यजीवों के बारे में भी दर्शक स्कैन करने मात्र से जानकारी हासिल कर सकेंगे.

हिंदी में मिलेगी वन्यजीवों की जानकारी
बता दें कि QR कोड को स्कैन करने से पर्यटकों को हिंदी में सफेद बाघ, गेंडा, दरियाई घोड़ा, बंगाल टाइगर और हाथी का चिड़ियाघर में इतिहास से लेकर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी.

साथ ही स्कैन करने पर यह भी पता चल सकेगा कि कौन सा वन्यजीव दिल्ली चिड़ियाघर में कब आया, उसका क्या नाम है, कहां से लाया गया और क्या खाता है आदि के बारे में जानकारी मिलेगी.

चिड़ियाघर में जगह-जगह लगाए QR कोड
बता दें कि चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा लगाए गए यह QR कोड चिड़ियाघर के प्रवेश द्वार, सभी बैटरी ऑपरेटेड ट्रॉली, गेंडा, सफेद बाघ, बंगाल टाइगर, हाथी और दरियाई घोड़े के बाड़े के बाहर भी लगाया गया हैं.

Intro:नई दिल्ली ।

चिड़ियाघर घूमने के लिए आने वाले दर्शकों को वन्यजीवों के बारे में अब किसी से पूछने की जरूरत नहीं होगी. चिड़ियाघर प्रशासन ने एक क्यूआर कोड लगाया है जिससे स्कैन करने मात्र से वन्यजीवों की जन्म कुंडली से लेकर चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मौजूदा स्थिति की जानकारी मिल सकेगी.


Body:बता दें कि क्यूआर कोड को स्कैन करने मात्र से दर्शकों को ध्वनि माध्यम से फिलहाल गेंडा, सफेद बाघ, बंगाल टाइगर, हाथी और दरियाई घोड़े के बारे में जानकारी मिलेगी. वहीं चिड़ियाघर में क्यूआर कोड की सुविधा शुरू करने को लेकर चिड़ियाघर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि इस सुविधा को शुरू करने के लिए काफी समय से कोशिश की जा रही थी. उन्होंने कहा कि यदि यह सफल रहा तो आने वाले समय में अन्य वन्यजीवों के बारे में भी दर्शक स्कैन करने मात्र से जानकारी हासिल कर सकेंगे.

बता दें कि क्यूआर कोड को स्कैन करने से पर्यटकों को हिंदी में सफेद बाघ, गेंडा, दरियाई घोड़ा, बंगाल टाइगर और हाथी का चिड़ियाघर में इतिहास से लेकर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी मिल सकेगी. साथ ही स्कैन करने पर यह भी पता चल सकेगा कि कौन सा वन्यजीव दिल्ली चिड़ियाघर में कब आया, उसका क्या नाम है, कहां से लाया गया और क्या खाता है आदि के बारे में जानकारी मिलेगी.






Conclusion:बता दें कि चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा लगाए गए यह क्यूआर कोड चिड़ियाघर के प्रवेश द्वार, सभी बैटरी ऑपरेटेड ट्रॉली, गेंडा, सफेद बाघ, बंगाल टाइगर, हाथी और दरियाई घोड़े के बाड़े के बाहर भी लगाया गया हैं.
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