नई दिल्ली: आमद डांस सेंटर की संस्थापक एवं कथक उस्ताद रानी खानम ने इंडिया हैबिटेट सेंटर के स्टेन सभागार में भाव-गति पर अपनी नई प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया. इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम में कथक की शाश्वत परंपराओं का जश्न मनाया गया. कलाकारों ने अपने मनोहारी नृत्य के जरिेए कथक की शास्त्रीयता में ताजा और समकालीन व्याख्याओं को मिश्रित कर मंच पर एक भावपूर्ण कहानी कही.
रानी खानम और उनके ग्रुप के नृत्य से लोगों का मन मोहा :कलाकारों ने अपने नृत्य में मनमोहक लय और सुंदर हाव-भाव से दर्शकों को एक अविस्मरणीय शाम का आनंद दियाा.अपने सीनियर डांस ग्रुप के साथ बेहतरीन प्रदर्शन के साथ रानी खानम ने अपने एकल प्रदर्शन से दर्शकाों को मंत्रमुग्ध कर दिया . उन्होंने भाव और गति पर अपने उत्कृष्ट नियंत्रण का नमूना पेश किया. उन्होंने तकनीकी प्रतिभा और कलात्मक नवीनता को एक साथ लाकर कथक की गहराई और सुंदरता को सहजता से व्यक्त किया.
रानी खानम ने कोरियोग्राफी को नया आयाम दिया : मंच पर खानम की पारंपरिक रचनाओं, जैसे कि यमुना, अंदाज ए रक्स, दाग देहलवी ग़ज़ल, लय गति की प्रस्तुति का दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया. उन्होंने शानदार फुटवर्क, सटीक चाल और मंच पर अद्वितीय पकड़ का प्रदर्शन किया. शाम को आयोजित इस प्रस्तुति में शिखा शर्मा, निशा केसरी, रिधिमा सिंह, शुभांगी गोयल, प्रियंका शाह, कृतिका सिंह, लावण्या गुप्ता और वंशिका गुप्ता जैसी आमद डांस सेंटर की वरिष्ठ नर्तकियों ने भी अपने सम्मोहक प्रदर्शन से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. उनके ग्रेसफुल मूवमेंट्स से डांस की कोरियोग्राफी को नया आयाम दिया, जिससे भाव-गति का समग्र प्रभाव बढ़ गया.
कथक की काव्यात्मक अभिव्यक्तियां दर्शाई गईं : भाव-गति के कंपोजिशन में कथक की काव्यात्मक अभिव्यक्तियां दर्शाई गईं, जिसे बेहतरीन कोरियोग्राफी के जरिये मंच पर काफी बेहतरीन ढंग से पेश किया.इसके बाद मंच पर महाप्रभुजी द्वारा लिखित यमुनाष्टकम् से प्रेरित होकर 'यमुना नमामि' की प्रस्तुति की गई. दरअसल, यमुनाजी को हिंदू एक पवित्र नदी के रूप में पूजते हैं जिसका जल पवित्र है. अपने बदलते प्रवाह और रुकावटों के साथ यमुना की यात्रा, जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के मानवीय अनुभव का प्रतीक है. यह हमें जीवन का उद्देश्य सिखाता है और सार्थक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है.
अंदाज़-ए-रक्स में शैलीबद्ध नृत्य का भरपूर आनंद : सांस्कृतिक कार्यक्रम की शाम दर्शकों ने अंदाज़-ए-रक्स में शैलीबद्ध नृत्य का भरपूर आनंद लिया. दरअसल, अंदाज़-ए-रक्स एक शैलीबद्ध नृत्य है जो ध्वनि की कल्पना कर, श्रवण आयामों को भौतिक स्थान में बदल देता है. इसमें फ़ारसी लघु चित्रों और साहित्य से प्रेरित वेशभूषा के साथ, कथक पर फ़ारसी प्रभाव को उजागर किया गया, जिसमें नर्तकियों ने आंखों, धड़, गर्दन और कलाई की गतिविधियों के माध्यम से फारसी दरबार की सुंदरता को व्यक्त किया.
मध्यकालीन दरबारों में लखनवी अंदाज़ को किया पेश : जब मंच पर गजल की बारी आई तो दर्शकों ने दाग देहलवी की ग़ज़ल 'क्यों चुराते हो देखने के लिए, कर लिए मेरे दिल में घर के बाहर' का भरपूर आनंद लिया. इसे महफ़िल शैली में प्रस्तुत किया गया था. इसमें नवाबों के मध्यकालीन दरबारों में लखनवी अंदाज़ को कथक के जरिये दर्शाया गया. इसमें मंच पर कथक के जरिये रोमांटिक प्रेम की खोज को दर्शाया गया है. दर्शकों ने यहां महफ़िल शैली की सूक्ष्म अभिव्यक्तियों का जीवंत अनुभव किया.
फैज़ अहमद फ़ैज़ की ग़ज़ल पर दी प्रस्तुति : इसके बाद कथक की लखनऊ शैली के पारंपरिक पहलू रानी खानम ने बेहतरीन अंदाज में प्रस्तुत किया. उन्होंने फैज़ अहमद फ़ैज़ की ग़ज़ल 'मिरा दर्द नगमा-ए-बे-सदा' पेश की. यह ग़ज़ल अस्तित्वगत दु:ख की गहराई और आत्म-खोज के बारे में बात करती है, जो आत्म-खोज की खोज के साथ जुड़े गहरे अस्तित्वगत दु:ख की पड़ताल करती है. इसके जरिये दर्शकों ने दृश्यमान दुनिया और अदृश्य, आध्यात्मिक क्षेत्र के बीच संबंध को महसूस किया.
कथक की गहरी परंपराओं और दुर्लभ रचनाओं को लाना लक्ष्य-रानी खानम : इस बारे में रानी खानम ने कहा, 'भाव-गति के माध्यम से, मेरा लक्ष्य कथक की गहरी परंपराओं और दुर्लभ रचनाओं को सामने लाना है, साथ ही आधुनिक अभिव्यक्ति में इसकी शास्त्रीयता को बनाए रखना है. यह मेरी हार्दिक इच्छा है कि लय, अभिव्यक्ति और गति के माध्यम से यह यात्रा दर्शकों को कथक के सार और इसकी शाश्वत सुंदरता से जोड़े.
जानिए आमद डांस सेंटर के बारे में :प्रसिद्ध कथक प्रतिपादक रानी खानम द्वारा 1996 में स्थापित, आमद डांस सेंटर एक अग्रणी भारतीय गैर सरकारी संगठन है जो कला के माध्यम से विविध क्षमताओं को एकीकृत करने के लिए समर्पित है. भारत सरकार के संस्कृति विभाग और आईसीसीआर द्वारा मान्यता प्राप्त, आमद के कलाकारों ने भारतीय नृत्य की सुंदरता और विविधता का प्रदर्शन करते हुए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समारोहों में प्रदर्शन किया है.
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