नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के दरियागंज में हुई हिंसा में पकड़े गए 15 आरोपियों को तीस हजारी कोर्ट ने दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इनकी जमानत याचिका पर 23 दिसंबर को सुनवाई होगी.
पुलिस ने मांगी थी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत
दिल्ली पुलिस ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत मांगी थी. पुलिस ने कोर्ट में कहा कि सोची समझी रणनीति के तहत ये हमला किया गया. इसमें कई पुलिस वाले भी घायल हुए है. लिहाज़ा आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. आरोपियों की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने 14 दिनों के न्यायिक हिरासत का विरोध किया. उन्होंने कहा कि कुछ धाराओं को छोड़कर सभी जमानती हैं.
पेश किए गए आरोपियों के नाम
इन आरोपियों को आज दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में पेश किया. पुलिस ने जिन आरोपियों को पेश किया उनमें दानिश, मालिक, फुरकान, असफाक, इरफूदीन, आमिर, रेहान, आतिफ़, हैदर, मोहम्मद ज़ोद, शमशेर शाह, मोहम्मद अली शामिल हैं.
रावण को पेश नहीं किया गया
आरोपियों में से एक भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद रावण को पेश नहीं करने पर वकील महमूद प्रचा ने कहा कि रावण को क्यों नहीं पेश किया गया. रावण जिंदा है या नहीं. तब दिल्ली पुलिस ने इसका जवाब देते हुए कहा कि चन्द्रशेखर जीवित हैं और उनका मेडिकल कराया जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने भरोसा दिया कि चन्द्रशेखर को कोर्ट में पेश किया जाएगा. महमूद प्रचा ने जज से कहा कि आप दिल्ली पुलिस से पूछिये की चन्द्रशेखर को किसने गिरफ्तार किया है. तब जज ने कहा कि हम दिल्ली पुलिस से ये सवाल नही पूछेगें.
'बाहर से आए लोगों ने की थी हिंसा'
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक के दोस्त मोहम्मद आमिल जमानत कराने के लिए तीस हजारी कोर्ट पहुंचे थे. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था. पुलिस के सामने नारेबाजी चल रही थी तभी कुछ लोग बाहर से आए और पुलिस पर पत्थर फेंकने लगे और स्थिति खराब हो गई. जिसके बाद पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार कर लिया.