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निर्भया कांड: 'जल्द फांसी देने को लेकर' स्टेटस रिपोर्ट दाखिल

निर्भया गैंगरेप मामले में जल्द फांसी की सजा देने की मांग करने वाली याचिका को तिहाड़ जेल ने अपनी रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट को सौंपी दी है.

Tihar Jail Administration files a status report to Patiala House in Nirbhaya case
तिहाड़ जेल ने अपनी रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट को सौंपी
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Published : Nov 28, 2019, 3:10 PM IST

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने वाली याचिका पर तिहाड़ जेल ने अपनी रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट को सौंपी है.

तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि सभी दोषियों को नोटिस दिया गया है. एक दोषी अक्षय पुनर्विचार और पवन क्युरेटिव याचिका दाखिल करना चाहता है. इस मामले पर 29 नवंबर को सुनवाई होगी.

ट्रांसफर होने से टली याचिका पर सुनवाई
पिछले 25 नवंबर को कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता की अपने बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग वाली याचिका दूसरे जज के पास ट्रांसफर कर दिया था.

ये याचिका एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा की कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है. इस मामले की सुनवाई करने वाले जज का ट्रांसफर होने की वजह से इस याचिका पर सुनवाई टाल रही थी.

जेल प्रशासन ने दोषियों को जारी किया था नोटिस
बता दें कि पिछले महीने ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था. तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा था कि अगर वो दया याचिका राष्ट्रपति के पास दाखिल करते हैं या नही, बताएं नहीं तो प्रशासन कोर्ट के आदेश के मुताबिक कानून के हिसाब से आगे की कार्रवाई करेगा.

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों को जल्द फांसी पर लटकाने वाली याचिका पर तिहाड़ जेल ने अपनी रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट को सौंपी है.

तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि सभी दोषियों को नोटिस दिया गया है. एक दोषी अक्षय पुनर्विचार और पवन क्युरेटिव याचिका दाखिल करना चाहता है. इस मामले पर 29 नवंबर को सुनवाई होगी.

ट्रांसफर होने से टली याचिका पर सुनवाई
पिछले 25 नवंबर को कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता की अपने बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग वाली याचिका दूसरे जज के पास ट्रांसफर कर दिया था.

ये याचिका एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा की कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है. इस मामले की सुनवाई करने वाले जज का ट्रांसफर होने की वजह से इस याचिका पर सुनवाई टाल रही थी.

जेल प्रशासन ने दोषियों को जारी किया था नोटिस
बता दें कि पिछले महीने ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था. तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा था कि अगर वो दया याचिका राष्ट्रपति के पास दाखिल करते हैं या नही, बताएं नहीं तो प्रशासन कोर्ट के आदेश के मुताबिक कानून के हिसाब से आगे की कार्रवाई करेगा.

Intro:नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या के चार दोषियों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाए जाने की मांग करनेवाली याचिका पर आज तिहाड़ जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट पटियाला हाउस कोर्ट को सौंपी । तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि सभी दोषियों को नोटिस दिया गया है। एक दोषी अक्षय पुनर्विचार और पवन क्युरेटिव याचिका दाखिल करना चाहता है। इस मामले पर कल यानि 29 नवंबर को फिर सुनवाई होगी।




Body:पिछले 25 नवंबर को कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता की अपने बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग वाली याचिका दूसरे जज के पास ट्रांसफर कर दिया था। ये याचिका एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा की कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। इस मामले की सुनवाई करने वाले जज का ट्रांसफर होने की वजह से इस याचिका पर सुनवाई टल रही थी।

बता दें कि पिछले महीने ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा था कि अगर वो दया याचिका राष्ट्रपति के पास दाखिल करते हैं या नही बतायें नहीं तो प्रशासन कोर्ट के आदेश के मुताबिक कानून के हिसाब से आगे की कार्रवाई करेगा। 

पिछले 4 जून को कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को तलब किया है। कोर्ट ने जेल महानिदेशक के जरिए तिहाड़ जेल के अधीक्षक को नोटिस जारी कर ये बताने को कहा था कि अभियुक्तों ने कौन-कौन कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है। कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था।

पिछले 2 मार्च को कोर्ट ने तिहाड़ जेल के प्रशासन से रिपोर्ट तलब किया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि अभी तक दोषियों की ओर से कोई क्यूरेटिव या दया याचिका दाखिल नहीं की गई है । वे क्यूरेटिव या दया याचिका दायर करेंगे। 
पिछले 14 फरवरी को निर्भया के माता-पिता ने अर्जी दायर कर चारों दोषियों को फांसी की सजा देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है। 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने चारों अभियुक्तों की फांसी की सजा सुनाई थी । मुख्य अभियुक्त ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रुप से खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक नाबालिग आरोपी अपनी तीन साल की सुधार गृह की सजा पूरी कर चुका था ।
गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च  2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी । हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी । 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने चारो दोषियों के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी।
13 दिसंबर 2018 को चारों दोषियों को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा था कि यह किस तरह की मांग आप कोर्ट से कर रहे हैं। आपकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, हम इसे खारिज करते हैं।



Conclusion:याचिका वकील आलोक अलग श्रीवास्तव ने दायर की थी। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि निर्भया कांड के चारों गुनहगार फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए । याचिका में कहा गया था कि निर्भया कांड के चारो दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए।
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