नई दिल्ली: साहित्य अकागमी (Sahitya Akademi) द्वारा आयोजित ‘पुस्तकायन’ पुस्तक मेले (Pustakayaan Book Fair) के तीसरे दिन बच्चों के लिए तीन कार्यशालाओं का आयोजन किया गया. पहली कार्यशाला कहानी-लेखन पर केंद्रित थी, जिसे प्रख्यात अंग्रेजी लेखिका दीपा अग्रवाल (English writer Deepa Agarwal) ने संयोजित किया. दूसरी कार्यशाला कविता-लेखन पर थी, जिसका संचालन हिंदी बाल लेखक श्याम सुशील ने किया. दोपहर के बाद के सत्र में कार्टून बनाने की कार्यशाला आयोजित की गई, जिसे प्रख्यात कार्टूनिस्ट उदय शंकर एवं माधव जोशी ने संचालित किया. इन कार्यशालाओं में 250 से अधिक बच्चों ने भाग लिया.
कहानी लेखन कार्यशाला को संचालित कर रही दीपा अग्रवाल ने बच्चों से कहा कि कहानी के लिए सबसे पहले आइडिया (विचार) की जरूरत होती है और इसे हम अपने बचपन की यादों से पा सकते हैं. एक कहानी लेखक को सबसे पहले अच्छा डायरी लेखक होना चाहिए. यह डायरी उसको भविष्य में बहुत सारी कहानियों को बुनने में सहायता करती है और तथ्यों को भी सुधारती है. उन्होंने बच्चों से लगातार पढ़ने और लगातार लिखने की सलाह दी. बच्चों द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर भी धैर्य पूर्वक दिए.
कविता-लेखन कार्यशाला के संयोजक श्याम सुशील ने भी बच्चों को अपनी बातचीत और कुछ चीजों को उलटा-पुलटा करके कविता लिखने के कई उदाहरण देते हुए उन्हें ऐसा ही करने की सलाह दी. इस दौरान उन्होंने कुछ कविताओं की पंक्तियां देकर उन्हें पूरा करने के लिए कहा, जिसे बच्चों ने बहुत ही सुंदर तरीके से पूरा करके प्रस्तुत किया.
उदय शंकर ने कार्टून कार्यशाला के आरंभ में बच्चों से कहा कि हमारे आस-पास की हर चीज में कार्टून के अनेक आकार छुपे हुए हैं, बस हमें उन्हें पहचानने की ज़रूरत हैं. उन्होंने रोजमर्रा में काम आने वाली चीजों जैसे- कुर्सी, स्केल, बॉटल, गिलास, चम्मच आदि से कार्टून बनाकर दिखाए. उन्होंने बच्चों को चीजों का गहराई से अवलोकन करने का सुझाव भी दिया, जिससे कि बच्चे विभिन्न वस्तुओं में कार्टून के अंश देख सकें. माधव जोशी ने बच्चों को काटूनिस्ट बनने के लिए आवश्यक गुणों के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि अगर आप ‘गोल’ का चित्रण करना सीख लेते हैं तो कार्टून बनाना सीख लेंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी चीज़ या स्थिति को पूरी तरह समझ कर उन पर कार्टून बनाना चाहिए. उन्होंने ख़ुद कार्टून बनाकर दिखाए और बच्चों से अभ्यास भी करवाया. इस सारी गतिविधियों का बच्चों ने बहुत आनंद उठाया. आज इस मेले के साथ-साथ साहित्य अकादमी बाल पुरस्कार 2022 अर्पण समारोह त्रिवेणी सभागार में शाम 5.00 बजे हुआ. 18 नवंबर 2022 तक जारी रहने वाला यह पुस्तक मेला पाठकों के लिए निःशुल्क है और सुबह 11.00 बजे से सायं 7.00 बजे तक खुला रहेगा.