नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल सर. मैं और मेरी पत्नी आपके बहुत बड़े फैन हैं. इन दिनों मैं डिप्रेशन में हूं और मरने की कगार पर हूं. जी हां आपने ठीक सुना है. शिक्षक ने यह सब बातें त्यागराज कॉम्लेक्स में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही. यह वही कार्यक्रम था, जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल ने फिनलैंड, कैंब्रिज और सिंगापुर में ट्रेनिंग कर आए शिक्षकों से बात की थी. सभी शिक्षक सीएम की तारीफ करते थक नहीं रहे थे. सबने विदेश की ट्रेनिंग के अनुभव साझा किया.
इसी दौरान हजारों शिक्षकों की भीड़ में एक शिक्षक जो अपनी पत्नी के साथ कार्यक्रम में पहुंचे थे, उन्होंने सीएम के सामने अपनी आपबीती सुनाई. करीब सवा 2 मिनट में शिक्षक ने अपनी परेशानी सीएम केजरीवाल, शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता तक पहुंचाई. हालांकि, सीएम अरविंद केजरीवाल ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनसे जितनी मदद हो सकेगी, वो करने का पूरा प्रयास करेंगे.
शिक्षक ने बताई पूरी बातः मंच पर मौजूद सीएम केजरीवाल के सामने इस शिक्षक ने कहा कि मैं जो कुछ कहने जा रहा हूं, वो यहां पर कहने वालों से थोड़ा अलग है. मैं सीएम केजरीवाल का फैन हूं और आज से नहीं जब हम पहले मेंटर बने, तब हम सीएम से मिलने के लिए उनके घर गए थे. सीएम ने बहुत अच्छे-अच्छे काम किए हैं. मैं म्यूजिक में एमए हूं, एमफिल हूं. दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी हूं. अमृतसर के गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में पढ़ाया. गवर्मेंट कॉलेज में पढ़ाया. मेरी पत्नी की दिल्ली में जॉब थी. मुझे जब ब्लाइंड स्कूल में जॉब मिली तो मैंने खुशी-खुशी उसको स्वीकार किया. मुझे प्रोफेसरी नहीं चाहिए. मैं उन बच्चों के साथ बहुत खुश था.
उन्होंने बताया कि मैंने सरकारी एडेड स्कूल के गरीब बच्चों को मुंबई लेकर गया, जहां बच्चों ने गेटवे ऑफ इंडिया टैलेंट में प्रस्तुति दी. साल 2015 में मेरी अगुवाई में म्यूजिक टीम जीती. आज मेरी स्थिति यह है कि मैं डिप्रेशन में हूं और मरने की कगार पर हूं. मैं रिटायर हो जाऊं, लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्लाइंड स्कूल से म्यूजिक खत्म कर दिया गया है. मुझे वहां से सरप्लस करके एक अन्य स्कूल में भेज दिया है. जहां बच्चों पर जुल्म होता है और वह मुझे सहना पड़ता है. मुझे रिटायर कर दीजिए. मैं उसके लिए तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मेरी एक दोस्त ने गवर्मेंट एडेड स्कूल के मैनेजर से परेशान होकर रिटायरमेंट ली. उसे दो साल लगे पेंशन पाने में, जिसमें उसे 45 हजार रुपए रिश्वत देनी पड़ी.
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सीएम ने दिया भरोसाः सीएम केजरीवाल ने इस शिक्षक की बात पर संज्ञान लिया और कहा है कि आपको घबराने की जरूरत नहीं है, आप मेरे ऑफिस आओ, मुझसे जितना हो सकेगा हम मदद करेंगे.