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दिल्ली में टीचर अभिभावक को बताएंगे कि बच्चों को टिफिन बॉक्स में व्यंजन कौन से दें

दिल्ली में टीचर (Teacher in Delh) बच्चों के अभिभावकों को बताएंगे कि बच्चों को टिफिन बॉक्स में खाने को क्या दिया करें. सरकारी स्कूल के बच्चों में पोषण की कमी को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार अल्पाहार देने की भी तैयारी कर रही है.

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Published : Dec 22, 2022, 1:57 PM IST

दिल्ली में टीचर अभिभावक को बताएंगे कि बच्चों को टिफिन बॉक्स में व्यंजन कौन से दें
दिल्ली में टीचर अभिभावक को बताएंगे कि बच्चों को टिफिन बॉक्स में व्यंजन कौन से दें

नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की सेहत की चिंता दिल्ली सरकार को भी है, क्योंकि जब स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी छात्र पूरी लगन के साथ पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे. दिल्ली के एक हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों में देखा गया है कि उनमें पोषण की कमी है. ऐसे में अब सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के शिक्षक अभिभावक को बताएंगे की बच्चों को टिफिन बॉक्स में कौन से व्यंजन (dishes to give to children) देने हैं.

दिल्ली के स्कूलों में दिया जाएगा अल्पाहार : छात्रों में पोषण की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक फैसला लिया है. इस फैसले के अनुसार, बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्कूलों में अल्पाहार शुरू किया जाएगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र भी जारी किया है. परिपत्र में कहा गया है कि पोषण व्यक्ति के शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बच्चों के पूर्ण विकास क्षमता को प्राप्त करने के लिए पोषण आवश्यक है. खराब पोषण न केवल स्कूली उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शिक्षा से लाभ पाने की उनकी क्षमता को भी प्रभावित करता है.

ये भी पढ़ें : - दिल्ली मेयर चुनाव का नोटिफिकेशन जारी, 27 दिसंबर तक होगा नामांकन, 6 जनवरी को वोटिंग

सभी स्कूलों में 10 मिनट का अल्पाहार : शिक्षा निदेशालय के अनुसार, स्कूलों में लंच की घंटी बजने से पहले 10 मिनट का अल्पाहार शुरू होगा. स्कूलों से अल्पाहार के लिए साप्ताहिक चार्ट तैयार करने को कहा गया है और उसमें प्रति दिन मौसमी फल, अंकुरित अनाज, भूने चने, मूंगफली आदि में से कोई तीन विकल्प पेश करने को कहा गया है. विभाग ने स्कूलों को गृह विज्ञान के अध्यापकों के परामर्श से कक्षा वार परामर्श सत्र आयोजित करने और स्वास्थ्यवर्धक आहार और अध्ययन एवं शारीरिक गतिविधियों, शारीरिक विकास के बीच संबंध पर विस्तार से बताने को कहा गया है. इसमें अभिभावकों को कम लागत में उच्च पोषण वाले व्यंजनों को बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और बच्चों को टिफिन में वहीं भोजन देने को कहा जाएगा जिससे बच्चों में पोषण की पूर्ति हो पाए.


लाखों बच्चे का बीएमआई 18.5 से भी कम : शिक्षा निदेशालय ने गत माह सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की स्क्रीनिंग कराई. जिसमें पाया गया कि लाखों छात्रों का शरीर द्रव्यमान सूचकांक (Body mass index) 18.5 से भी कम है. यह स्क्रीनिंग दो भाग में की गई थी. पहले भाग में पहली से आठवीं क्लास के छात्र, दूसरे भाग में नौवीं से बारहवीं क्लास के छात्र शामिल थे.

ये भी पढ़ें : - कोरोना को लेकर केजरीवाल सरकार अलर्ट, CM ने गुरुवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई

नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की सेहत की चिंता दिल्ली सरकार को भी है, क्योंकि जब स्वास्थ्य अच्छा होगा तभी छात्र पूरी लगन के साथ पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे. दिल्ली के एक हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों में देखा गया है कि उनमें पोषण की कमी है. ऐसे में अब सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के शिक्षक अभिभावक को बताएंगे की बच्चों को टिफिन बॉक्स में कौन से व्यंजन (dishes to give to children) देने हैं.

दिल्ली के स्कूलों में दिया जाएगा अल्पाहार : छात्रों में पोषण की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक फैसला लिया है. इस फैसले के अनुसार, बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्कूलों में अल्पाहार शुरू किया जाएगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र भी जारी किया है. परिपत्र में कहा गया है कि पोषण व्यक्ति के शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बच्चों के पूर्ण विकास क्षमता को प्राप्त करने के लिए पोषण आवश्यक है. खराब पोषण न केवल स्कूली उम्र के बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शिक्षा से लाभ पाने की उनकी क्षमता को भी प्रभावित करता है.

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सभी स्कूलों में 10 मिनट का अल्पाहार : शिक्षा निदेशालय के अनुसार, स्कूलों में लंच की घंटी बजने से पहले 10 मिनट का अल्पाहार शुरू होगा. स्कूलों से अल्पाहार के लिए साप्ताहिक चार्ट तैयार करने को कहा गया है और उसमें प्रति दिन मौसमी फल, अंकुरित अनाज, भूने चने, मूंगफली आदि में से कोई तीन विकल्प पेश करने को कहा गया है. विभाग ने स्कूलों को गृह विज्ञान के अध्यापकों के परामर्श से कक्षा वार परामर्श सत्र आयोजित करने और स्वास्थ्यवर्धक आहार और अध्ययन एवं शारीरिक गतिविधियों, शारीरिक विकास के बीच संबंध पर विस्तार से बताने को कहा गया है. इसमें अभिभावकों को कम लागत में उच्च पोषण वाले व्यंजनों को बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और बच्चों को टिफिन में वहीं भोजन देने को कहा जाएगा जिससे बच्चों में पोषण की पूर्ति हो पाए.


लाखों बच्चे का बीएमआई 18.5 से भी कम : शिक्षा निदेशालय ने गत माह सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की स्क्रीनिंग कराई. जिसमें पाया गया कि लाखों छात्रों का शरीर द्रव्यमान सूचकांक (Body mass index) 18.5 से भी कम है. यह स्क्रीनिंग दो भाग में की गई थी. पहले भाग में पहली से आठवीं क्लास के छात्र, दूसरे भाग में नौवीं से बारहवीं क्लास के छात्र शामिल थे.

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