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'बोर्ड परीक्षा की तैयारी शिक्षकों के लिए चुनौती, हाजिरी कम और कोविड ड्यूटी पर शिक्षक' - Challenge for teachers preparing for board exam in Delhi

जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महतो ने कहा कि अगर सरकार 100 फीसदी परीक्षा परिणाम की आशा रखती है तो सरकार को कुछ ऐसा विकल्प निकालना होगा जिससे छात्रों की ज्यादा हाजिरी स्कूल में सुनिश्चित की जा सके.

जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महतो
जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महतो
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Published : Feb 3, 2021, 1:46 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की डेटशीट जारी कर दी गई है. वहीं छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार कराने के लिए शिक्षक जहां तैयार हैं वहीं उनकी कम हाजिरी को लेकर चिंतित भी हैं. इस मसले पर जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महतो ने कहा कि अगर सरकार 100 फीसदी परीक्षा परिणाम की आशा रखती है तो सरकार को कुछ ऐसा विकल्प निकालना होगा जिससे छात्रों की ज्यादा हाजिरी स्कूल में सुनिश्चित की जा सके. साथ ही कोविड-19 में ड्यूटी पर लगे शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से शिक्षण कार्य में लगाया होगा.

बोर्ड परीक्षा में 100 फीसदी परिणाम पर बोले जीएसटीए प्रेस सचिव
हाजिरी कम होने से बोर्ड परीक्षा की तैयारी मुश्किलबता दें कि कोविड-19 के चलते कई माह से स्कूल बंद थे और छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी थी. वहीं बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित होने की घोषणा के बाद ही शिक्षा निदेशालय ने 10वीं और 12वीं के छात्रों को अभिभावकों की सहमति से स्कूल आने के दिशा निर्देश जारी किए थे. इस संबंध में जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महत्व का कहना है कि अभिभावकों की सहमति का क्राइटेरिया लगाए जाने से सभी बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं आ रहे हैं. वहीं शिक्षक जब व्यक्तिगत तौर पर उन्हें फोन करके स्कूल आने के लिए समझाते हैं तो कई बार उन्हें अपमानित भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरत है कि शिक्षा निदेशालय की ओर से कुछ ऐसा विकल्प निकाला जाए जिससे सौ फीसदी छात्रों की हाजिरी सुनिश्चित की जा सके.

ये भी पढ़ें- CBSE ने जारी की 10वीं और 12वीं की डेटशीट, 4 मई से परीक्षाएं


100 फीसदी रिजल्ट के लिए शिक्षकों को कोविड 19 की ड्यूटी से करें मुक्त
वहीं जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महतो ने कहा कि जहां कम हाजिरी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है वहीं शिक्षकों की अनुपस्थिति से भी छात्रों की पढ़ाई का खासा नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो छात्र स्कूल आ रहे हैं उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि शिक्षक अभी भी कोविड-19 में ड्यूटी दे रहे हैं ऐसे में ना ही बच्चों की पढ़ाई पूरी हो पा रही है और ना ही अभिभावक पढ़ाई से संतुष्ट हो पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार चाहती है कि बच्चों का परीक्षा परिणाम 100 फीसदी हो तो उन्हें तत्काल प्रभाव से सभी शिक्षकों को कोविड-19 की ड्यूटी से मुक्त कर पठन-पाठन कार्य में लगाना होगा.

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की डेटशीट जारी कर दी गई है. वहीं छात्रों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार कराने के लिए शिक्षक जहां तैयार हैं वहीं उनकी कम हाजिरी को लेकर चिंतित भी हैं. इस मसले पर जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महतो ने कहा कि अगर सरकार 100 फीसदी परीक्षा परिणाम की आशा रखती है तो सरकार को कुछ ऐसा विकल्प निकालना होगा जिससे छात्रों की ज्यादा हाजिरी स्कूल में सुनिश्चित की जा सके. साथ ही कोविड-19 में ड्यूटी पर लगे शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से शिक्षण कार्य में लगाया होगा.

बोर्ड परीक्षा में 100 फीसदी परिणाम पर बोले जीएसटीए प्रेस सचिव
हाजिरी कम होने से बोर्ड परीक्षा की तैयारी मुश्किलबता दें कि कोविड-19 के चलते कई माह से स्कूल बंद थे और छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी थी. वहीं बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित होने की घोषणा के बाद ही शिक्षा निदेशालय ने 10वीं और 12वीं के छात्रों को अभिभावकों की सहमति से स्कूल आने के दिशा निर्देश जारी किए थे. इस संबंध में जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महत्व का कहना है कि अभिभावकों की सहमति का क्राइटेरिया लगाए जाने से सभी बच्चे स्कूल पढ़ने नहीं आ रहे हैं. वहीं शिक्षक जब व्यक्तिगत तौर पर उन्हें फोन करके स्कूल आने के लिए समझाते हैं तो कई बार उन्हें अपमानित भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में जरूरत है कि शिक्षा निदेशालय की ओर से कुछ ऐसा विकल्प निकाला जाए जिससे सौ फीसदी छात्रों की हाजिरी सुनिश्चित की जा सके.

ये भी पढ़ें- CBSE ने जारी की 10वीं और 12वीं की डेटशीट, 4 मई से परीक्षाएं


100 फीसदी रिजल्ट के लिए शिक्षकों को कोविड 19 की ड्यूटी से करें मुक्त
वहीं जीएसटीए के प्रेस सचिव तपेश्वर महतो ने कहा कि जहां कम हाजिरी से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है वहीं शिक्षकों की अनुपस्थिति से भी छात्रों की पढ़ाई का खासा नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो छात्र स्कूल आ रहे हैं उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि शिक्षक अभी भी कोविड-19 में ड्यूटी दे रहे हैं ऐसे में ना ही बच्चों की पढ़ाई पूरी हो पा रही है और ना ही अभिभावक पढ़ाई से संतुष्ट हो पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार चाहती है कि बच्चों का परीक्षा परिणाम 100 फीसदी हो तो उन्हें तत्काल प्रभाव से सभी शिक्षकों को कोविड-19 की ड्यूटी से मुक्त कर पठन-पाठन कार्य में लगाना होगा.

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