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GNCTD एक्ट में बदलाव, विपक्ष के नेताओं ने केंद्र पर साधा निशाना - दिल्ली में GNCTD एक्ट में बदलाव

दिल्ली शासन अधिनियम में संशोधन को लेकर एक बार फिर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच विवाद तेज हो गया है. इस मामले में केजरीवाल सरकार को विपक्ष के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. जानिए किस नेता ने इस कानून पर क्या प्रतिक्रिया दी है.

support to kejriwal government
GNCTD एक्ट में बदलाव
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Published : Mar 17, 2021, 1:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली शासन अधिनियम में संशोधन को लेकर एक बार फिर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच विवाद तेज हो गया है. इस मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को विपक्ष के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है.

दिल्ली की जनता का अपमान करने वाला बिल: चिदंबरम

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर इस बिल को अलोकतांत्रिक और दिल्ली के लोगों का अपमान करने वाला बताया है. उन्होंने लिखा कि इन संशोधनों के तहत केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल अपने मालिक की इच्छा के अनुसार सभी शक्तियों का प्रयोग करने वाला वाइसराय बन जाएगा. लोगों को संशोधनों का विरोध करना चाहिए.

P. Chidambaram called the bill undemocratic
पी चिदंबरम ने बिल को बताया अलोकतांत्रिक

ये भी पढ़ें- GNCTD Bill: आर-पार की लड़ाई को तैयार AAP, आज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

सत्ता के अहंकार का एक और उदाहरण: सिब्बल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर इस संशोधन को असंवैधानिक बताया. उन्होंने लिखा कि दिल्ली का NCT (संशोधन विधेयक) 2021 असंवैधानिक है और संघीय संरचना का उल्लंघन करता है. जनता द्वारा चुने गए प्रतनिधि सरकार में हैं, लेकिन ये कानून बंदी प्रतिनिधि बनाता है. ये सत्ता के अहंकार का एक और उदाहरण है.

Kapil Sibal told Bill's arrogance of power
कपिल सिब्बल ने बिल को बताया सत्ता का अहंकार

ये भी पढ़ें- जानिए क्या है GNCTD Bill? इसके फायदे और नुकसान पर क्या कहते हैं संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप

ये संशोधन चुनावी फैसले का अपमान: येचुरी

सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस कानून पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने लिखा कि इस कट्टर विरोधी कानून को हराएं. ये कानून लोगों के चुनावी फैसले और जनादेश का अपमान करता है. साथ ही देश के संघवाद को नष्ट कर देता है जोकि हमारे संविधान की एक मूल विशेषता है. ये हमें स्वीकार नहीं है.

Sitaram Kesari tweet
सीताराम केसरी का ट्वीट

ये भी पढ़ें- जानिए क्या हैं दिल्ली-शासन में वो प्रस्तावित बदलाव, जिस पर मचा है सियासी बवाल

आपने BJP का समर्थन किया, लेकिन हम AAP के अधिकारों के साथ: उमर

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी इस कानून पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल का ट्वीट पर रीट्वीट कर लिखा कि 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने और उसे तीन केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने पर आम आदमी पार्टी के समर्थन के बावजूद हम दिल्ली की निर्वाचित सरकार की शक्तियों पर इस हमले की निंदा करते हैं. दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों के साथ एक पूर्ण राज्य होने की हकदार है और एक नामित एलजी नहीं है.

Omar Abdullah's tweet
उमर अब्दुल्ला का ट्वीट

ये भी पढ़ें- 'केजरीवाल सरकार के काम से परेशान है भाजपा, दिल्ली के सपनों पर लगाना चाहती है ब्रेक'

निर्वाचित सरकार की शक्तियां नौकरशाह को सौंप रही सरकार: तेजस्वी

बिहार के नेता विपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस कानून पर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने लिखा कि ये कौन सा सहकारी संघवाद है जहां एक राज्य की निर्वाचित सरकार के अधिकार को छीन कर एक नौकरशाह को सौंपने का बिल लाया जा रहा है. दिल्ली में चल रही इस मंशा का अगर विरोध नहीं हुआ तो कल किसी और राज्य का भी नंबर आएगा. मैं और मेरी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध करते हैं.

Tejashwi Yadav also opposed the bill
तेजस्वी यादव ने भी किया बिल का विरोध

ये भी पढ़ें- दिल्ली में उपराज्यपाल को मिलेगी ताकत या खुले रहेंगे केजरीवाल सरकार के हाथ?

दिल्ली में एलजी के जरिए हुकूमत चलाना चाहती है केंद्र सरकार: अनिल कुमार

वहीं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी इस बिल के विरोध में बीजेपी पर करारा हमला बोला. उन्होंने लिखा कि GNCTD बिल को लागू कर के केंद्र सरकार दिल्ली में LG के सहारे अपनी हुकूमत चलाना चाहती है. केंद्र इस ऐक्ट में बदलाव कर के दिल्ली में चुनी हुई सरकार को LG का दरबारी बनना चाहती है. फैसले लेने और करने वाली सरकार को याचिकाकर्ता बना देना चाहती है, जो लोकतंत्र के लिए भी घातक है.

Anil Chaudhary called the bill fatal to democracy
अनिल चौधरी ने बिल को बताया लोकतंत्र के लिए घातक

नई दिल्ली: दिल्ली शासन अधिनियम में संशोधन को लेकर एक बार फिर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच विवाद तेज हो गया है. इस मामले में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को विपक्ष के नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है.

दिल्ली की जनता का अपमान करने वाला बिल: चिदंबरम

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर इस बिल को अलोकतांत्रिक और दिल्ली के लोगों का अपमान करने वाला बताया है. उन्होंने लिखा कि इन संशोधनों के तहत केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल अपने मालिक की इच्छा के अनुसार सभी शक्तियों का प्रयोग करने वाला वाइसराय बन जाएगा. लोगों को संशोधनों का विरोध करना चाहिए.

P. Chidambaram called the bill undemocratic
पी चिदंबरम ने बिल को बताया अलोकतांत्रिक

ये भी पढ़ें- GNCTD Bill: आर-पार की लड़ाई को तैयार AAP, आज जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

सत्ता के अहंकार का एक और उदाहरण: सिब्बल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर इस संशोधन को असंवैधानिक बताया. उन्होंने लिखा कि दिल्ली का NCT (संशोधन विधेयक) 2021 असंवैधानिक है और संघीय संरचना का उल्लंघन करता है. जनता द्वारा चुने गए प्रतनिधि सरकार में हैं, लेकिन ये कानून बंदी प्रतिनिधि बनाता है. ये सत्ता के अहंकार का एक और उदाहरण है.

Kapil Sibal told Bill's arrogance of power
कपिल सिब्बल ने बिल को बताया सत्ता का अहंकार

ये भी पढ़ें- जानिए क्या है GNCTD Bill? इसके फायदे और नुकसान पर क्या कहते हैं संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप

ये संशोधन चुनावी फैसले का अपमान: येचुरी

सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस कानून पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने लिखा कि इस कट्टर विरोधी कानून को हराएं. ये कानून लोगों के चुनावी फैसले और जनादेश का अपमान करता है. साथ ही देश के संघवाद को नष्ट कर देता है जोकि हमारे संविधान की एक मूल विशेषता है. ये हमें स्वीकार नहीं है.

Sitaram Kesari tweet
सीताराम केसरी का ट्वीट

ये भी पढ़ें- जानिए क्या हैं दिल्ली-शासन में वो प्रस्तावित बदलाव, जिस पर मचा है सियासी बवाल

आपने BJP का समर्थन किया, लेकिन हम AAP के अधिकारों के साथ: उमर

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी इस कानून पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल का ट्वीट पर रीट्वीट कर लिखा कि 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने और उसे तीन केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने पर आम आदमी पार्टी के समर्थन के बावजूद हम दिल्ली की निर्वाचित सरकार की शक्तियों पर इस हमले की निंदा करते हैं. दिल्ली की चुनी हुई सरकार द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी शक्तियों के साथ एक पूर्ण राज्य होने की हकदार है और एक नामित एलजी नहीं है.

Omar Abdullah's tweet
उमर अब्दुल्ला का ट्वीट

ये भी पढ़ें- 'केजरीवाल सरकार के काम से परेशान है भाजपा, दिल्ली के सपनों पर लगाना चाहती है ब्रेक'

निर्वाचित सरकार की शक्तियां नौकरशाह को सौंप रही सरकार: तेजस्वी

बिहार के नेता विपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी इस कानून पर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने लिखा कि ये कौन सा सहकारी संघवाद है जहां एक राज्य की निर्वाचित सरकार के अधिकार को छीन कर एक नौकरशाह को सौंपने का बिल लाया जा रहा है. दिल्ली में चल रही इस मंशा का अगर विरोध नहीं हुआ तो कल किसी और राज्य का भी नंबर आएगा. मैं और मेरी पार्टी हर स्तर पर इसका विरोध करते हैं.

Tejashwi Yadav also opposed the bill
तेजस्वी यादव ने भी किया बिल का विरोध

ये भी पढ़ें- दिल्ली में उपराज्यपाल को मिलेगी ताकत या खुले रहेंगे केजरीवाल सरकार के हाथ?

दिल्ली में एलजी के जरिए हुकूमत चलाना चाहती है केंद्र सरकार: अनिल कुमार

वहीं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने भी इस बिल के विरोध में बीजेपी पर करारा हमला बोला. उन्होंने लिखा कि GNCTD बिल को लागू कर के केंद्र सरकार दिल्ली में LG के सहारे अपनी हुकूमत चलाना चाहती है. केंद्र इस ऐक्ट में बदलाव कर के दिल्ली में चुनी हुई सरकार को LG का दरबारी बनना चाहती है. फैसले लेने और करने वाली सरकार को याचिकाकर्ता बना देना चाहती है, जो लोकतंत्र के लिए भी घातक है.

Anil Chaudhary called the bill fatal to democracy
अनिल चौधरी ने बिल को बताया लोकतंत्र के लिए घातक
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