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दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की लगेगी डिजिटल हाजिरी, शिक्षक संघ ने किया स्वागत

दिल्ली के शिक्षा निदेशालय की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि रेगुलर, गेस्ट टीचर, वाईस प्रिंसिपल, प्रिंसिपल शिक्षा निदेशालय के एप पर हाजिरी लगाएंगे. शिक्षा निदेशालय के इस निर्णय का शिक्षक संघ ने स्वागत किया है.

Delhi government schools
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Published : Jul 13, 2022, 3:05 PM IST

Updated : Jul 13, 2022, 9:57 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की अब डिजिटल हाजिरी भी लगा करेगी. इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से एक सर्कुलर जारी कर दिया गया. जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि रेगुलर, गेस्ट टीचर, वाईस प्रिंसिपल, प्रिंसिपल शिक्षा निदेशालय के एप को डाउनलोड करेंगे. साथ ही कहा है कि सभी शिक्षक छात्रों की हाजिरी रोज़ाना टेबलेट से लगाएंगे. इसके अलावा जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया कि एचओएस यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्र की जानकारी अपडेट है. छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन लगाने के सर्कुलर का राजकीय स्कूल शिक्षक संघ ने स्वागत किया है. पर कहा कि रजिस्टर में भी हाज़िरी लगाने से डबल काम बढ़ेगा. ऑनलाइन मोड है तो पेपर रजिस्टर के काम को खत्म कर देना चाहिए.

वीडियो

छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन लगाने को लेकर राजकीय स्कूल शिक्षक संघ डिस्ट्रिक्ट वेस्ट के सचिव संतराम ने कहा कि शिक्षा विभाग ने छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस का ऑर्डर निकाला है. यह कोई नई बात नहीं है यह पहले से ही मॉड्यूल एक्टिव है. उन्होंने कहा कि इसका फायदा तभी है जब केवल ऑनलाइन डिजिटल मोड को ही अपनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसमें दिक्कत यह है कि छात्रों की हाजिरी टेबलेट से भी लगेगी और मैनुअली भी करना होगा. यह एक काम दो बार करने की समस्या है. संतराम ने कहा कि यह एप 4 साल से एक्टिव है. लेकिन इस एप में कई फीचर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि शिक्षकों टेबलेट देने के दौरान कहा गया था कि मार्कशीट से लेकर तमाम चीजें ऑनलाइन टेबलेट पर अपडेट किए जाएंगे. लेकिन कागजी कार्रवाई को खत्म नहीं की गई जबकि जब डिजिटल की ओर बढ़ रहे हैं तो पेपर वर्क को खत्म करना चाहिए था. साथ ही कहा कि अगर छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन लगेगी तो यह काफी अच्छा रहेगा इससे पेपर बचेगा. पर इसमें समस्या यह है कि एप तो है पर वह पूरी तरह से एक्टिव नहीं है.

राजकीय स्कूल शिक्षक संघ के सेक्रेटरी संतराम ने कहा कि चार वर्ष पहले जब शिक्षकों को यह टेबलेट दिए गए थे. उस दौरान कहा गया था कि टेबलेट को उपयोग करने के लिए शिक्षकों को डाटा पैक दिया जाएगा. लेकिन चार साल का समय बीत गया है. पर अभी तक शिक्षकों को डाटा पैक का शुल्क के नाम पर जो पैसे देने की बात कही गई थी उसका एक रुपए भी नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अगर डाटा पैक का शुल्क सैलेरी बिल में ऐड कर दिया जाए तो भी ठीक रहेगा किसी को कुछ भी कहने का मौका नहीं मिलेगा.

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नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की अब डिजिटल हाजिरी भी लगा करेगी. इस संबंध में शिक्षा निदेशालय की ओर से एक सर्कुलर जारी कर दिया गया. जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि रेगुलर, गेस्ट टीचर, वाईस प्रिंसिपल, प्रिंसिपल शिक्षा निदेशालय के एप को डाउनलोड करेंगे. साथ ही कहा है कि सभी शिक्षक छात्रों की हाजिरी रोज़ाना टेबलेट से लगाएंगे. इसके अलावा जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया कि एचओएस यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्र की जानकारी अपडेट है. छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन लगाने के सर्कुलर का राजकीय स्कूल शिक्षक संघ ने स्वागत किया है. पर कहा कि रजिस्टर में भी हाज़िरी लगाने से डबल काम बढ़ेगा. ऑनलाइन मोड है तो पेपर रजिस्टर के काम को खत्म कर देना चाहिए.

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छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन लगाने को लेकर राजकीय स्कूल शिक्षक संघ डिस्ट्रिक्ट वेस्ट के सचिव संतराम ने कहा कि शिक्षा विभाग ने छात्रों की ऑनलाइन अटेंडेंस का ऑर्डर निकाला है. यह कोई नई बात नहीं है यह पहले से ही मॉड्यूल एक्टिव है. उन्होंने कहा कि इसका फायदा तभी है जब केवल ऑनलाइन डिजिटल मोड को ही अपनाया जाए. उन्होंने कहा कि इसमें दिक्कत यह है कि छात्रों की हाजिरी टेबलेट से भी लगेगी और मैनुअली भी करना होगा. यह एक काम दो बार करने की समस्या है. संतराम ने कहा कि यह एप 4 साल से एक्टिव है. लेकिन इस एप में कई फीचर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि शिक्षकों टेबलेट देने के दौरान कहा गया था कि मार्कशीट से लेकर तमाम चीजें ऑनलाइन टेबलेट पर अपडेट किए जाएंगे. लेकिन कागजी कार्रवाई को खत्म नहीं की गई जबकि जब डिजिटल की ओर बढ़ रहे हैं तो पेपर वर्क को खत्म करना चाहिए था. साथ ही कहा कि अगर छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन लगेगी तो यह काफी अच्छा रहेगा इससे पेपर बचेगा. पर इसमें समस्या यह है कि एप तो है पर वह पूरी तरह से एक्टिव नहीं है.

राजकीय स्कूल शिक्षक संघ के सेक्रेटरी संतराम ने कहा कि चार वर्ष पहले जब शिक्षकों को यह टेबलेट दिए गए थे. उस दौरान कहा गया था कि टेबलेट को उपयोग करने के लिए शिक्षकों को डाटा पैक दिया जाएगा. लेकिन चार साल का समय बीत गया है. पर अभी तक शिक्षकों को डाटा पैक का शुल्क के नाम पर जो पैसे देने की बात कही गई थी उसका एक रुपए भी नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि अगर डाटा पैक का शुल्क सैलेरी बिल में ऐड कर दिया जाए तो भी ठीक रहेगा किसी को कुछ भी कहने का मौका नहीं मिलेगा.

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Last Updated : Jul 13, 2022, 9:57 PM IST
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