नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में कवरेज को गए ईटीवी भारत के रिपोर्टर पर यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने हमला कर दिया. बता दें कि ईटीवी भारत के रिपोर्टर जेएनयू में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के कार्यक्रम के कवरेज के लिए गए थे. इस दौरान उन पर विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने हमला कर दिया.
ईटीवी भारत के रिपोर्टर के साथ छात्रों ने जोरदार धक्का-मुक्की की. इसके अलावा रिपोर्टर के पास मौजूद उनकी मोजो किट भी छीनने की कोशिश की. बड़ी संख्या में छात्रों ने रिपोर्टर को चारों तरफ से घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगे.
आर्टिकल 370 के विरोध में हो रहा था टॉक शो
बता दें कि गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर एक आयोजित टॉक शो में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे.
इस दौरान उनका भाषण कवर करने के लिए ईटीवी भारत के संवाददाता भी जेएनयू परिसर पहुंचे. इस दौरान टॉक शो का विरोध करने के लिए छात्रों का एक गुट उसी भीड़ में इकट्ठा हो गया और आर्टिकल 370 के विरोध में नारेबाजी और पोस्टर के जरिए विरोध प्रदर्शन करने लगा. वहीं प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने की कोशिश करने पर उन्होंने मीडिया के साथ बदसलूकी की.
रिपोर्टर से कैमरा छीनने की कोशिश
इस कार्यक्रम को कवर करने पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब उनसे इस प्रदर्शन को लेकर बयान लेने की कोशिश की तो छात्रों ने रिपोर्टर के साथ हाथापाई की, उनका कैमरा छीनने की कोशिश की और बार-बार रिपोर्टर को धमकी देकर कवरेज रोकने के लिए कहा.
कैमरा को देखते ही चेहरे पोस्टर से ढके
अपनी वामपंथी विचारधारा को लेकर छात्रों का वह गुट केंद्रीय मंत्री के भाषण का विरोध तो कर रहे थे. लेकिन कैमरे के सामने आने से कतरा भी रहे थे. यही कारण था कि संवाददाता और कैमरा को देखते ही उन्होंने अपने चेहरे पोस्टर से ढक लिए और हाथापाई करते हुए कवरेज रोकने की पूरी कोशिश की. उन्होंने ईटीवी भारत के संवाददाता के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया और उन्हें मोदी सरकार का नुमाइंदा बताया.
कहा जाता है कि जेएनयू में हर मुद्दे पर डिबेट होती है. लेकिन क्या इस तरह से डिबेट की जाती है. जब एक आधिकारिक कार्यक्रम में ईटीवी भारत के संवाददाता आधिकारिक तौर पर कार्यक्रम को कवर करने के लिए पहुंचता है तो उसके साथ किस तरह से दुर्व्यवहार और कार्यक्रम को कवर करने के दौरान हाथापाई की जाती है .
क्या यह वही JNU है?
ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह वही जेएनयू के छात्र हैं. जो कहते फिरते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए. लेकिन यह कैसी अभिव्यक्ति की आजादी है. जो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कही जाने वाली मीडिया के साथ बदसलूकी करने का अधिकार देती है. जेएनयू प्रशासन द्वारा आधिकारिक तौर पर मीडिया को यह कार्यक्रम कवर करने के लिए बुलाने पर अगर संवाददाता के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार किया जाता है.
ऐसे में समझा जा सकता है कि संकीर्ण मानसिकता वाले इन छात्रों का व्यवहार जेएनयू में पढ़ रहे उन आम छात्रों के साथ कैसा होगा. जो केवल शिक्षा लेने के लिए यहां आए हैं, ना कि राजनीति का हिस्सा बनने.