नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रह रहे छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों ने कहा है कि हॉस्टल प्रशासन ने महामारी के दौरान भी हॉस्टल इंस्पेक्शन का हवाला देते हुए छात्रों पर गलत तरीके से फाइन लगाया है. इसे लेकर जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि चंद्रभागा हॉस्टल के 2 छात्रों पर दो हजार का फाइन लगाया गया है. इसी तरह कई अन्य छात्रों पर भी अलग-अलग आरोप के तहत फाइन लगाया गया है.
बता दें कि जेएनयू के चंद्रभागा हॉस्टल के छात्रों पर फाइन लगने की बात सामने आई है. जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन ने कहा कि हॉस्टल में रह रहे छात्रों को परेशान करने के लिए प्रशासन इस तरह की हरकतें कर रहा है.
उन्होंने कहा कि गर्मी के चलते टॉप फ्लोर पर रहने वाले छात्र अपने कमरे की जगह दूसरे कमरे में सोने चले गए, बस इसी बात पर हॉस्टल प्रशासन ने चंद्रभागा हॉस्टल के 2 छात्रों पर दो हजार का फाइन लगा दिया.
'हॉस्टल खाली करने को लेकर बनाया जा रहा दबाव'
हॉस्टल में रह रहे छात्रों का कहना है कि उन्हें परेशान करने के लिए हॉस्टल प्रशासन महामारी के दौरान भी इंस्पेक्शन आयोजित कर रहा है. छात्रों ने जेएनयू प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तो उन्हें स्कॉलरशिप नहीं मिल रही है.
दूसरी तरफ प्रशासन धमकी दे रहा है कि अगर मेस का बिल समय पर नहीं दिया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा सभी छात्रों को हॉस्टल खाली करने का भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है.
'छत पर घूमने के कारण लगाया फाइन'
चंद्रभागा हॉस्टल के छात्रों ने कहा कि 24 से अधिक छात्रों पर 100-100 रुपए का फाइन केवल इसलिए लगा दिया गया, क्योंकि वह छत पर टहल रहे थे. वहीं हॉस्टल वार्डन का आरोप है कि छात्रों ने जबरन छत का ताला तोड़ा, इसलिए फाइन लगाया गया है. छात्रों का कहना है कि इस महामारी के दौरान छात्र प्रशासन को पूरा सहयोग दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ अमानवीय व्यवहार कर रहा है.