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Wrestlers Protest: DU में पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्र संगठन, पुलिस ने किया डिटेन

दिल्ली यूनिवर्सिटी में बुधवार को कई छात्र संगठन एकजुट होकर पहलवानों के समर्थन में मार्च निकालने के लिए जुटे. छात्र जब अपना विरोध जताने लगे तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने डिटेन कर लिया. पुलिस के मुताबिक छात्रों ने प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं ली थी, इसलिए छात्रों को डिटेन किया गया.

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Published : May 3, 2023, 3:36 PM IST

पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के गेट नंबर 4 पर आइसा (AISA), एसएफआई (SFI) दिल्ली के साथ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता और अन्य यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन पहलवानों के समर्थन में मार्च निकालने के लिए जुटे. यहां छात्र संगठनों के तय कार्यक्रम के अनुसार, बजरंग पुनिया को भी आना था. समय दोपहर 12 का तय था, लेकिन वह नहीं आए. इधर 12 बजे से छात्र आने तो लगे, लेकिन जैसे ही दोपहर एक बजे के करीब छात्रों की संख्या बढ़ी और सड़क पर बैठकर छात्र जब अपना विरोध जताने लगे तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने डिटेन कर लिया.

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को डिटेन इसलिए किया क्योंकि, छात्रों ने प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं ली थी. इस दौरान पुलिस और छात्र संघटन में नोक झोंक भी हुई. दिल्ली पुलिस ने इस दौरान एसएफआई दिल्ली की और जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष को भी डिटेन कर लिया. इस दौरान अन्य छात्र संगठन का विरोध तेज हुआ, और धीरे-धीरे सभी को दिल्ली पुलिस ने डिटेन कर लिया.

पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया
पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने खदेड़ा.

एसएफआई दिल्ली की ओर से बयान दिया गया है कि हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने हम पर हमला किया और अटैक किया. डिटेन हो चुके छात्रों ने इस दौरान दिल्ली पुलिस गो बैक के नारे भी लगाए. दिल्ली पुलिस ने सभी प्रदर्शन करने वाले छात्रों को एक बस में भरकर थाने ले गई. डिटेन हुए छात्रों ने कहा कि क्या अब प्रदर्शन करने के लिए इजाजत मांगे. छात्रों ने कहा कि अगर हम इजाजत मांगते तो क्या हमें प्रदर्शन करने देते. जंतर-मंतर पर 11 दिनों से देश के पहलवान, जिन्होंने भारत का नाम रौशन किया.अब तक इन्हें न्याय नहीं मिला. हम उनके समर्थन में यहां आए. दिल्ली पुलिस ने हमें प्रदर्शन करने से रोक दिया. क्या यहीं लोकतंत्र है?

पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्र संगठन
पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्र संगठन

इसे भी पढ़ें: Wrestlers Protest: पहलवानों से मिलने जंतर-मंतर पहुंची पीटी उषा, नहीं दिया सवालों का जवाब तो लोगों ने किया विरोध

पुलिसिया कार्रवाई की निंदाः एसएफआई दिल्ली और जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि महीनों हो गए हैं कि एक यौन उत्पीड़क बिना गिरफ्तार हुए देश में खुलेआम घूम रहा है, लेकिन दिल्ली पुलिस को हमारे पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एकजुट हुए छात्रों पर क्रूरता से हमला करने और उन्हें गिरफ्तार करने में कुछ सेकंड लगे.

क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने कहा कि यह शर्मनाक है कि जिस दिल्ली पुलिस ने अब तक भाजपा सांसद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है. वह शर्मनाक ढंग से यौन उत्पीड़न का विरोध कर रहे छात्रों को हिरासत में लेती है. साथ ही इस बात पर भी प्रकाश डालने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही पुलिस ने भाजपा सांसद के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन आरोपी भाजपा सांसद को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.

केवाईएस ने मांग की है कि बीजेपी सांसद को कानून के मुताबिक तुरंत गिरफ्तार किया जाए, ताकि महिला पहलवानों को न्याय मिल सके. साथ ही, कानून के अनुसार, भविष्य में महिला पहलवानों का कोई यौन उत्पीड़न न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का तुरंत गठन किया जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें: Wrestlers Protest: पहलवानों से मिले मंत्री गोपाल राय और सौरभ भारद्वाज, कहा- कुछ लोग आंदोलन को बदनाम करने में जुटे

पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी की आर्ट्स फैकल्टी के गेट नंबर 4 पर आइसा (AISA), एसएफआई (SFI) दिल्ली के साथ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता और अन्य यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन पहलवानों के समर्थन में मार्च निकालने के लिए जुटे. यहां छात्र संगठनों के तय कार्यक्रम के अनुसार, बजरंग पुनिया को भी आना था. समय दोपहर 12 का तय था, लेकिन वह नहीं आए. इधर 12 बजे से छात्र आने तो लगे, लेकिन जैसे ही दोपहर एक बजे के करीब छात्रों की संख्या बढ़ी और सड़क पर बैठकर छात्र जब अपना विरोध जताने लगे तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने डिटेन कर लिया.

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को डिटेन इसलिए किया क्योंकि, छात्रों ने प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं ली थी. इस दौरान पुलिस और छात्र संघटन में नोक झोंक भी हुई. दिल्ली पुलिस ने इस दौरान एसएफआई दिल्ली की और जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष को भी डिटेन कर लिया. इस दौरान अन्य छात्र संगठन का विरोध तेज हुआ, और धीरे-धीरे सभी को दिल्ली पुलिस ने डिटेन कर लिया.

पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया
पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने खदेड़ा.

एसएफआई दिल्ली की ओर से बयान दिया गया है कि हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने हम पर हमला किया और अटैक किया. डिटेन हो चुके छात्रों ने इस दौरान दिल्ली पुलिस गो बैक के नारे भी लगाए. दिल्ली पुलिस ने सभी प्रदर्शन करने वाले छात्रों को एक बस में भरकर थाने ले गई. डिटेन हुए छात्रों ने कहा कि क्या अब प्रदर्शन करने के लिए इजाजत मांगे. छात्रों ने कहा कि अगर हम इजाजत मांगते तो क्या हमें प्रदर्शन करने देते. जंतर-मंतर पर 11 दिनों से देश के पहलवान, जिन्होंने भारत का नाम रौशन किया.अब तक इन्हें न्याय नहीं मिला. हम उनके समर्थन में यहां आए. दिल्ली पुलिस ने हमें प्रदर्शन करने से रोक दिया. क्या यहीं लोकतंत्र है?

पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्र संगठन
पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन करने जुटे छात्र संगठन

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पुलिसिया कार्रवाई की निंदाः एसएफआई दिल्ली और जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि महीनों हो गए हैं कि एक यौन उत्पीड़क बिना गिरफ्तार हुए देश में खुलेआम घूम रहा है, लेकिन दिल्ली पुलिस को हमारे पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एकजुट हुए छात्रों पर क्रूरता से हमला करने और उन्हें गिरफ्तार करने में कुछ सेकंड लगे.

क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने कहा कि यह शर्मनाक है कि जिस दिल्ली पुलिस ने अब तक भाजपा सांसद के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है. वह शर्मनाक ढंग से यौन उत्पीड़न का विरोध कर रहे छात्रों को हिरासत में लेती है. साथ ही इस बात पर भी प्रकाश डालने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही पुलिस ने भाजपा सांसद के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी, लेकिन आरोपी भाजपा सांसद को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.

केवाईएस ने मांग की है कि बीजेपी सांसद को कानून के मुताबिक तुरंत गिरफ्तार किया जाए, ताकि महिला पहलवानों को न्याय मिल सके. साथ ही, कानून के अनुसार, भविष्य में महिला पहलवानों का कोई यौन उत्पीड़न न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का तुरंत गठन किया जाना चाहिए.

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