नई दिल्ली: मध्य दिल्ली के इंद्रपुरी थाना क्षेत्र इलाके में एक राजकीय विद्यालय में प्रैक्टिकल लेने पहुंचे एक शिक्षक पर स्कूली छात्र ने चाकू से हमला कर दिया. छात्र के किए गए हमले में शिक्षक को बाएं हाथ और पेट पर चोट आई है. शिक्षक को मेडिकल और इलाज के लिए पुलिस ने बीएल कपूर हॉस्पिटल भेज दिया है. वहीं आरोपी छात्र से पुलिस पूछताछ कर रही है. घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है.
जानकारी के अनुसार, इंद्रपुरी थाना क्षेत्र क्षेत्र शहीद कैप्टन अमित वर्मा राजकीय विद्यालय में बारहवीं कक्षा के शारीरिक प्रैक्टिकल के लिए शिक्षक भूदेव पहुंचे थे. इस दौरान 12वीं कक्षा के एक छात्र ने उन पर चाकू से हमला कर दिया. घटना में छात्र के दो अन्य साथी भी शामिल थे. स्कूल में मौजूदा शिक्षकों ने आरोपी छात्र को स्कूल में ही पकड़ लिया, जहां पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. वहीं, अन्य दो छात्र मौके से फरार हो गए हैं. पुलिस छात्रों की तलाश कर रही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि छात्रों ने किस कारण शिक्षक पर हमला किया है. घटनास्थल से पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई चाकू बरामद कर ली है.
शिक्षक पर 5 बार किए वार
छात्र और शिक्षक के बीच हुए घटना में छात्र ने 5 बार चाकू से शिक्षक पर हमला किया. इस दौरान शिक्षक के हाथ व पेट पर कई गंभीर चोटें आई हैं. शिक्षक को पुलिस ने नजदीकी बीएल कपूर हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज चल रहा है. पुलिस मौके पर मौजूद हर घटना की जांच कर रही है.
कुछ दिनों पहले ही आया था ऐसा ही मामला
इस घटना के बाद से ही शिक्षकों में गुस्सा बढ़ गया है. यहां जानकारी के लिए बताते चले की बीते दिनों पहले भी एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षक पर छात्रों के ने जानलेवा हमला किया था. हालांकि, उन दिनों गवर्मेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन की ओर से दिल्ली के शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई थी.
लगातार मामले बढ़ रहे हैं
दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन (DPA) की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में टीचर्स पर घातक वार की घटनाएं लगातार आ रही हैं. अभी हाल ही में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी. इस प्रकार की घटनाएं सरकारी स्कूलों में सुरक्षा के घटिया प्रावधानों की पोल खोलती हैं. सरकार को स्कूलों में बच्चों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने पारित आदेशों का स्वयं पालन करना चाहिए, जिसमें वो पूर्णतया विफल दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है. यदि कोई घटना घटती है तो सम्बंधित जोन अधिकारीयों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए.
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