नई दिल्लीः ट्रेनों पर पथराव के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जो रेलवे के सुरक्षा व संरक्षण के लिए बड़ा खतरा है. शुक्रवार को दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन से भोपाल जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर आगरा में पथराव किया गया. ट्रेन के शीशे टूट गए. यात्री सहम गए. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, ट्रेनों पर पथराव के मामले साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली डिवीजन में साल 2020 से 31 अक्टूबर 2023 तक 1092 बार ट्रेनों पर पथराव हुआ है. इसमें 43 यात्री घायल हुए हैं. वहीं, आरपीएफ ने 472 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि पथराव के 363 मामले दर्ज हुए हैं.
ज्यादातर झुग्गियों के लोग कर रहे पथराव: आरपीएफ के दिल्ली मंडल के सुरक्षा आयुक्त एस सुधाकर का कहना है कि ज्यादातर स्थानों पर रेलवे पटरियों के आसपास झुग्गियां हैं. पटरियों के पास खेल रहे बच्चे गुजरने वाली ट्रेनों पर पत्थर फेंकते हैं. कुछ मामलों में शराबी या अराधिक किस्म के लोग भी ट्रेनों पर पत्थर फेंकते हैं. कई बार लोग सिर्फ मनोरंजन करने के लिए पत्थर फेंकते हैं. ट्रेनों पर पत्थर फेकने वालों पर आरपीएफ रेलवे एक्ट की धारा 145 व 147 के तहत कार्रवाई करती है. इसमें धारा 145 में छह माह का कारवास या 500 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है. वहीं, धारा 147 में छह माह का कारावास या 100 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों दंड का प्रावधान है.
चार साल में ट्रेनों पर पथराव, गिरफ्तारी व घायल यात्रियों के आंकड़े:
वर्ष | पथराव के मामले | गिरफ्तारी | घायल यात्री |
2020 | 99 | 17 | 7 |
2021 | 243 | 28 | 15 |
2022 | 387 | 197 | 15 |
2023 | 363 | 230 | 6 |
(नोट: वर्ष 2023 के आंकड़े 31 अक्तूबर तक के हैं.)
दिल्ली डिवीजन में इन रूट पर ज्यादा घटनाएं: आरपीएफ की वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त प्रियंका शर्मा का कहना है कि पत्थरबाजी की सबसे ज्यादा घटनाएं दयाबस्ती से गुरुग्राम, शब्जी मंडी से पानीपत और ओखला से फरीदाबाद रेल रूट पर होती है. सबसे ज्यादा इन्हीं रूट पर रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गियां भी है.
ट्रेनों पर पथराव के रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासः आरपीएफ की ओर से एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है. पथराव वाले स्थानों को चिह्नित कर वह पर नियमित जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को इस अभियान में कार्रवाई और पथराव से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाता है. साथ ही आरपीएफ का स्टाफ रेलवे ट्रैक के आसपास गस्त भी करता है, जिससे पथराव को रोका जा सकें.