नई दिल्ली: मंगलवार को उपराज्यपाल के साथ मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि जिस रफ्तार से दिल्ली में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए आशंका है कि 31 जुलाई तक राजधानी में संक्रमण के मामले साढ़े पांच लाख तक पहुंच जाएंगे. इतनी बड़ी संख्या में संक्रमण के मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार व्यवस्था में जुट गई है.
बढ़ती जा रही संख्या
चूंकि उपराज्यपाल की तरफ से दिल्ली सरकार को वो फैसला भी पलट दिया गया था, जिसमे दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवालों के इलाज की बात कही गई थी. हालांकि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि केंद्र सरकार या उपराज्यपाल ने जो निर्णय ले लिया है, उसी के अनुसार दिल्ली सरकार काम करेगी. लेकिन चिंता की बात यह है कि हर दिन सामने आने वाले मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है.
भयावह होती स्थिति
बुधवार रात आई दिल्ली सरकार की हेल्थ बुलेटिन बताती है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 32,810 तक पहुंच चुका है. वहीं एक दिन में 1,501 नए सामने आए और 48 लोगों की मौत हो गई. कोरोना के मद्देनजर वर्तमान समय की गंभीरता का आंकलन करने के लिए जब हम ठीक 10 दिन पहले का आंकड़ा देखते हैं, तो पता चलता है कि 1 जून को दिल्ली में 20,834 केस थे. तब 24 घण्टे में 990 मामले सामने आए थे और 12 लोगों की मौत हुई है. तब कोरोना से मरने वालों की संख्या 523 थी.
20 जून तक 15 हजार बेड
महज 10 दिनों में ही संक्रमितों की संख्या करीब 10 हजार बढ़ गई हैं. एक दिन में कोरोना के कारण जान गंवाने वालों की संख्या में 4 गुना बढ़ोतरी हो गई, वहीं कुल मौत के आंकड़े में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई. आंकड़ों के जरिए दिख रही कोरोना की इस भयावहता से सरकार भी अनजान नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज कहा कि 30 जून तक दिल्ली में 15 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी और उन्हें यह काम 20 जून तक पूरा कर लेना है.
ये स्टेडियम हैं शामिल
आपको बता दें कि बीते दिन ही दिल्ली सरकार की एक समिति के सुझावों के आधार पर उपराज्यपाल की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें दिल्ली के कई बड़े स्टेडियम में एक्स्ट्रा बेड की व्यवस्था करने की बात कही गई है. इसमें प्रगति मैदान, तालकटोरा इंडोर स्टेडियम, त्यागराज इंडोर स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम शामिल हैं.
शुरू हैं तैयारियां
ये सभी स्टेडियम को जरूरत के हिसाब से मेक-शिफ्ट यानी कामचलाऊ अस्पताल में बदलना है. स्टेडियम के अलावा बैंक्वेट हॉल, कम्युनिटी हॉल और विभिन्न होटलों को भी जरूरत के हिसाब से सरकार आइसोलेशन बेड के लिए काम में लाएगी. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसे लेकर तैयारियां चल रहीं हैं.