नई दिल्लीः कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. एक दिन पहले ही सूरत की एक कोर्ट ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के कई नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. दक्षिण दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो सदस्यता रद्द हुई है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार हुई है. इसमें बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है.
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यह कोर्ट का फैसला था और सभी लोगों को इसे स्वीकार करना चाहिए. कोर्ट ने उनको दोषी ठहराया है. कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उसका सभी लोगों को सम्मान करना चाहिए. वहीं ऐसी स्थिति में लोकसभा स्पीकर को अयोग्यता घोषित करने का अधिकार है. कोर्ट के फैसले के बाद यह निर्णय लेना बहुत जरूरी था. राहुल गांधी मोदी विरोध में इतने हताश हो गए कि पूरे देश को गाली देने लगे. उसके बाद ओबीसी वर्ग को गाली देने लगे. ओबीसी वर्ग के बारे में गलत शब्द का प्रयोग करने लगे, लेकिन जब अदालत में ही प्रावधान है कि किसी व्यक्ति को जब दो साल की सजा हो जाती है तो उसकी संसद की सदस्यता जा सकती है.
रमेश बिधूड़ी ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने का समर्थन किया और कहा कि राहुल गांधी राजनीतिक बयानबाजी नहीं कर रहे थे, बल्कि पिछड़े वर्ग का अपमान कर रहे थे. लेकिन वह अपने आप को गांधीवादी कहते हैं. आखिर वह कौन से गांधी हैं. इंदिरा गांधी वाले गांधी या फिर महात्मा गांधी वाले गांधी. जब उनसे सदन में माफी मांगने को कहा गया तो उन्होंने कभी भी इस मामले पर माफी नहीं मांगी. अब इस पर कोर्ट का निर्णय आया है. इसमें हमारा कुछ नहीं है. मोदी विरोध के चक्कर में राहुल गांधी पूरे देश का विरोध करने लगे थे.
वहीं, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली के आम आदमी पार्टी पर भी हमला. उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में केंद्र सरकार और भाजपा सांसदों पर असंवैधानिक चर्चा कराने की केजरीवाल सरकार की कोशिश आज नाकाम हो गई. नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और भाजपा विधायकों द्वारा इस चर्चा को कराने के प्रस्ताव का जबर्दस्त विरोध करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष को चर्चा कराने का अपना निर्णय वापस लेना पड़ा.
दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को कार्यसूची में नियम-55 के तहत ‘केंद्र सरकार और भाजपा सांसदों से जुड़े कथित भ्रष्टाचार और घोर पूंजीवाद’ विषय शामिल कर लिया गया. अल्पकालिक चर्चा के लिए यह विषय पहले कार्यसूची में नहीं था, लेकिन इसे आज बाद में जोड़ा गया. इस विषय पर चर्चा कराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति दे दी, लेकिन जैसे ही इस विषय पर चर्चा कराने की घोषणा की गई, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और भाजपा के अन्य विधायकों ने इसका जबर्दस्त विरोध किया. सभी भाजपा विधायकों ने खड़े होकर कहा कि यह इस सदन का विषय नहीं है और इस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती. दिल्ली विधानसभा में उन्हीं विषयों पर चर्चा हो सकती है जो दिल्ली सरकार के अधीन है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन स्थगित होने के बाद स्पीकर ने हमसे बात की तो हमने बताया कि किसी भी राजनीतिक दल को मान्यता के लिए चुनाव आयोग के पास यह शपथ पत्र देना होता है कि वे भारत के संविधान का पालन करेंगे, जबकि दिल्ली विधानसभा में संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है. इसके खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की जाएगी और आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने और चुनाव चिन्ह फ्रीज करने के लिए कहा जाएगा. यह स्थिति देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने माना कि इस विषय पर चर्चा नहीं कराई जा सकती और भाजपा के जबरदस्त विरोध के बाद दिल्ली सरकार को केंद्र सरकार पर चर्चा कराने के अपने फैसले को वापस लेना पड़ा.
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