नई दिल्ली: सुल्तानपुरी की सड़क पर खिलौने बेच रहे दुकानदारों का व्यापार कोरोना और लॉकडाउन ने पहले ही खस्ता कर दिया है. इसी के साथ अब अनलॉक के पांचवें चरण में भी ये मंदी गई नहीं है. इस मंदी से ना तो छोटे व्यापारी बच पाए बल्कि बड़े व्यापारियों के कारोबार पर भी इसका व्यापक असर देखा गया.
ईटीवी भारत ने आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे दुकानदारों की आपबीती सुनी. आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापारियों का कहना है कि इस कोरोना काल में छोटे व्यापारियों के साथ-साथ बड़े व्यापारियों की भी कमर टूट गई है.
दो वक्त की रोटी मिल जाती है
सुल्तानपुरी जलेबी चौक के पास रोड के किनारे खिलौने बेच रहे मोहम्मद तनवीर ने बताया कि खिलौने बेचकर परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है, आर्थिक तंगी अभी भी कम नहीं हुई. दुकानदारी ना चलने से मोहम्मद तनवीर निराश नजर आए. उनका कहना है कि महंगाई होने की वजह से लोग बच्चों के खिलौने भी नहीं खरीद रहे हैं. वहीं सड़क किनारे दुकान लगाने के लिए एमसीडी और पुलिस का भी डर बना रहता है. पहले से ही मंदी की मार झेल रहे हैं. फल के कारोबार से परिवार का खर्चा नहीं चल पा रहा था, तो मजबूरन बच्चों का आइटम बेचना पड़ रहा हैं. इस रोजगार से रोजाना 200 से 300 रुपये जाते हैं, जिससे दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो जाता है.
घर का खर्चा बहुत मुश्किल से निकलता
खिलौने बेच रहे रामा का कहना है कि कोरोना काल की वजह से ग्राहक नहीं आ रहे हैं, जिसके कारण घर का खर्चा बहुत मुश्किल से निकलता है. इस महंगाई के दौर में जब लोगों के पास पैसा नहीं होगा तो खिलौना कौन खरीदेगा. पहले बच्चों का खिलौनी बाहर ले जाकर बेचता था, तो परिवार बहुत अच्छे से चल रहा था. लॉकडाउन की वजह से व्यापार ठप हो गया, साथ ही कोरोना की वजह से ट्रेनें भी कम चल रही है. जिस वजह से बाहर आना जाना बंद है. अब मजबूरन सड़क किनारे खिलौने बेच कर गुज़ारा करना पड़ रहा है. पूरे दिन में एक से दो ग्राहक ही आते हैं. जिससे परिवार का सिर्फ दो वक्त की रोटी का ही जुगाड़ हो पाता है. उधार का पैसा लेकर दुकान लगाई है. कर्जे के कारण मकान का किराया तक भी नहीं निकल पा रहा है. जब तक कोरोना वायरस खत्म नहीं होगा, तब तक यही स्थिति बनी रहेगी. हम दुकानदार मंदी के दौर से गुजर रहे हैं. महंगाई होने की वजह से लोग बच्चों के खिलौने भी नहीं खरीद रहे हैं.